वैश्विक संरक्षण मंच
IUCN विश्व संरक्षण सम्मेलन (World Conservation Congress) जैव विविधता और सतत विकास पर दुनिया के सबसे बड़े मंचों में से एक है।
यह हर चार वर्ष में एक बार आयोजित होता है और इसमें 1400 से अधिक सदस्य संगठन — सरकारें, गैर-सरकारी संस्थाएँ (NGOs) और आदिवासी समूह — भाग लेते हैं।
2025 का संस्करण 9 से 15 अक्टूबर तक अबू धाबी (संयुक्त अरब अमीरात) में आयोजित किया जाएगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: IUCN (International Union for Conservation of Nature) की स्थापना 1948 में हुई थी और इसका मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्ज़रलैंड (Gland, Switzerland) में स्थित है।
भारत का प्रतिनिधित्व
भारत 1969 से IUCN का राज्य सदस्य (State Member) है।
IUCN कांग्रेस 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह करेंगे।
इस अवसर पर भारत अपनी पहली राष्ट्रीय “रेड लिस्ट ऑफ एंडेंजर्ड स्पीशीज़” (Red List of Endangered Species) जारी करेगा, जो भारत की जैव विविधता संरक्षण नीति और वैश्विक पर्यावरणीय नेतृत्व का प्रतीक होगी।
संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट
भारत की रेड लिस्ट देश के भीतर पाई जाने वाली प्रजातियों की एक विस्तृत सूची (Comprehensive Inventory) है, जो विलुप्ति के जोखिम (Extinction Risks) पर केंद्रित है।
यह सूची नीति निर्माण, वैज्ञानिक अनुसंधान, संरक्षण रणनीतियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ उपकरण (Policy Tool) के रूप में कार्य करेगी।
इसका उद्देश्य विकास और पारिस्थितिक संतुलन (Ecological Sustainability) के बीच तालमेल स्थापित करना है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: वैश्विक IUCN रेड लिस्ट में नौ श्रेणियाँ (Categories) होती हैं, जिनमें Critically Endangered, Vulnerable, Near Threatened, Least Concern जैसी श्रेणियाँ शामिल हैं।
2025 कांग्रेस की प्रमुख थीम्स
IUCN कांग्रेस 2025 का एजेंडा पाँच प्रमुख विषयों (Themes) पर केंद्रित है —
- लचीली संरक्षण कार्रवाई (Resilient Conservation Action) के माध्यम से पारिस्थितिक तंत्रों को मजबूत करना।
- जलवायु असंतुलन (Climate Overshoot) और उसके जैव विविधता पर प्रभावों का समाधान।
- संरक्षण लाभों में समानता (Equity in Conservation Benefits) सुनिश्चित करना।
- प्रकृति-आधारित अर्थव्यवस्था (Nature-Positive Economies) को बढ़ावा देना।
- पर्यावरणीय नवाचार और नेतृत्व (Innovation & Leadership) को प्रोत्साहन देना।
वैश्विक भागीदारी और पैमाना
2021 का मार्सेय सम्मेलन (Marseille Congress) 9,200 से अधिक प्रतिनिधियों और 25,000 आगंतुकों की उपस्थिति में आयोजित हुआ था, जहाँ “Marseille Manifesto” अपनाया गया — यह जैव विविधता और जलवायु आपात स्थितियों पर वैश्विक आह्वान था।
अबू धाबी 2025 सम्मेलन इससे भी बड़ा होने की उम्मीद है, जिसमें प्रमुख वैश्विक नेता और वैज्ञानिक शामिल होंगे —
एस्ट्रिड शोमेकर (CBD), मुख्तार बाबायेव (COP29), मुसोंडा मुम्बा (Ramsar Convention) और ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज।
जैव विविधता और जलवायु कार्रवाई के बीच संबंध
सम्मेलन यह रेखांकित करेगा कि जैव विविधता की हानि और जलवायु परिवर्तन परस्पर जुड़े हुए संकट हैं।
देश संयुक्त कार्य योजनाओं (Collaborative Pathways) की दिशा में विचार-विमर्श करेंगे।
भारत के लिए, इस मंच पर राष्ट्रीय रेड लिस्ट का विमोचन यह दर्शाता है कि देश संरक्षण और जलवायु लचीलापन (Climate Resilience) को जोड़कर पर्यावरणीय कूटनीति (Environmental Diplomacy) में नेतृत्व स्थापित करना चाहता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत विश्व के 17 मेगाडायवर्स (Megadiverse) देशों में से एक है और इसमें विश्व की ज्ञात प्रजातियों का लगभग 7–8% पाया जाता है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
आयोजन | IUCN विश्व संरक्षण कांग्रेस 2025 |
स्थल | अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात |
तिथियाँ | 9 से 15 अक्टूबर 2025 |
भारत का प्रतिनिधित्व | केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह |
भारत और IUCN का संबंध | 1969 से राज्य सदस्य |
प्रमुख उपलब्धि | भारत की पहली संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट का विमोचन |
IUCN मुख्यालय | ग्लैंड, स्विट्ज़रलैंड |
पिछला सम्मेलन | 2021, मार्सेय (फ्रांस) |
प्रमुख परिणाम (2021) | “Marseille Manifesto” – जैव विविधता एवं जलवायु आपातकाल पर वैश्विक घोषणा |
2025 के प्रमुख वक्ता | एस्ट्रिड शोमेकर, मुख्तार बाबायेव, मुसोंडा मुम्बा, रिकी केज |