परिचय
6 अक्टूबर 2025 को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में माय भारत – राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) पुरस्कार 2022–23 प्रदान किए।
इन पुरस्कारों के माध्यम से सामुदायिक विकास और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले युवा स्वयंसेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों, NSS इकाइयों और संस्थानों को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की शुरुआत 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर की गई थी।
इसका आदर्श वाक्य “Not Me, But You” (मैं नहीं, तुम) निःस्वार्थ सेवा और सामूहिक कल्याण के सिद्धांत को दर्शाता है।
NSS में विद्यालयों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल होते हैं।
प्रत्येक इकाई को प्रति वर्ष 120 घंटे की नियमित सेवा गतिविधियाँ और दो वर्षों में 7-दिवसीय विशेष शिविर आयोजित करना अनिवार्य होता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: NSS की प्रेरणा महात्मा गांधी के युवा-आधारित ग्रामीण विकास के विचार से मिली थी।
माय भारत – NSS पुरस्कारों का विकास
NSS पुरस्कार की स्थापना 1993–94 में युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा की गई थी।
बाद में इसे माय भारत पहल (My Bharat Initiative) के साथ जोड़ा गया ताकि स्वयंसेवी सेवा और सामाजिक नवाचार में उत्कृष्ट योगदान देने वाले युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा सके।
पुरस्कार चार श्रेणियों में दिए जाते हैं —
• NSS स्वयंसेवक
• NSS कार्यक्रम अधिकारी
• NSS इकाई
• विश्वविद्यालय / संस्थान
हर वर्ष चयनित व्यक्तियों और संगठनों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports), NSS के साथ-साथ नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) का भी संचालन करता है।
वर्ष 2022–23 के पुरस्कार समारोह की मुख्य बातें
2022–23 के माय भारत – NSS पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में प्रदान किए गए।
इस आयोजन ने युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका और सामाजिक जिम्मेदारी के महत्व को पुनः उजागर किया।
एक पुष्ट पुरस्कार प्राप्तकर्ता थे श्री सागर रॉय, जो डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ के NSS स्वयंसेवक हैं और जिन्होंने स्वयंसेवी सेवा के प्रति असाधारण समर्पण दिखाया।
अन्य पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सूची आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में जारी की जाएगी।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली स्थित दुनिया के सबसे बड़े राष्ट्रपति निवासों में से एक है, जो 330 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
पात्रता और चयन प्रक्रिया
किसी NSS स्वयंसेवक के लिए पात्र होने हेतु —
• उसे दो वर्षों में कम से कम 240 घंटे की सेवा गतिविधियाँ पूरी करनी होती हैं।
• अधिकतम आयु सीमा 25 वर्ष (SC/ST के लिए 28 वर्ष तक छूट) निर्धारित है।
चयन प्रक्रिया तीन-स्तरीय प्रणाली के तहत होती है —
संस्थान → राज्य/केंद्रशासित प्रदेश → राष्ट्रीय स्तर।
मूल्यांकन के प्रमुख मानदंड हैं — निरंतर सेवा, नवाचार, नेतृत्व क्षमता और सामुदायिक प्रभाव का स्तर।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत में वर्तमान में 38 लाख (3.8 मिलियन) से अधिक NSS स्वयंसेवक सेवा गतिविधियों में सक्रिय हैं।
पुरस्कारों का महत्व
माय भारत – NSS पुरस्कार देश में स्वयंसेवी सेवा की संस्कृति को बढ़ावा देते हैं।
ये पुरस्कार युवाओं को स्वच्छता अभियान, साक्षरता कार्यक्रम, स्वास्थ्य जागरूकता, ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
यह सम्मान भारत में युवा-नेतृत्व वाले सामाजिक परिवर्तन और विकास की भावना का प्रतीक है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
कार्यक्रम | माय भारत – NSS पुरस्कार 2022–23 |
तिथि | 6 अक्टूबर 2025 |
स्थल | राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली |
मुख्य अतिथि | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
आयोजक | युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय |
योजना | राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) |
NSS स्थापना वर्ष | 1969 (महात्मा गांधी जन्म शताब्दी) |
NSS आदर्श वाक्य | Not Me, But You |
पुरस्कार प्रारंभ वर्ष | 1993–94 |
पुष्ट पुरस्कार प्राप्तकर्ता | सागर रॉय, डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ |