ऐतिहासिक पदक तालिका
भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ इतिहास रच दिया। नई दिल्ली में आयोजित इस प्रतियोगिता में भारतीय दल ने कुल 18 पदक जीते — 6 स्वर्ण, 7 रजत और 5 कांस्य।
यह प्रदर्शन कोबे 2024 में जीते गए 17 पदकों के रिकॉर्ड को पार कर गया, जो पैरा-खेलों में भारत की नई प्रभुत्व यात्रा की शुरुआत का संकेत है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) द्वारा 1994 से आयोजित की जा रही है और यह सबसे बड़ी वैश्विक पैरा-खेल प्रतियोगिता है।
स्वर्ण पदक विजेता नायक
छह भारतीय खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक जीतकर असाधारण कौशल और दृढ़ता का प्रदर्शन किया। प्रमुख विजेताओं में शामिल हैं —
सिमरन शर्मा (100 मीटर T12), निशाद कुमार (हाई जंप T47), सुमित अंतिल (भाला फेंक F64), संदीप सर्गर (भाला फेंक F44), रिंकू हूडा (भाला फेंक F46) और शैलेश कुमार (हाई जंप T63)।
इनमें से सिमरन शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 100 मीटर T12 में स्वर्ण और 200 मीटर T12 में रजत पदक जीता, जिससे उनकी स्प्रिंटिंग क्षमता उजागर हुई।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: सुमित अंतिल ने टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भाला फेंक F64 में स्वर्ण पदक जीता था।
डबल मेडलिस्ट खिलाड़ियों का योगदान
दो भारतीय खिलाड़ियों ने एक से अधिक पदक जीतकर टीम के प्रदर्शन को और मज़बूत किया —
- सिमरन शर्मा: 100 मीटर T12 में स्वर्ण, 200 मीटर T12 में रजत
- प्रीति पाल: 100 मीटर T35 में रजत, 200 मीटर T35 में कांस्य
इन दोनों के प्रदर्शन से भारत की ट्रैक इवेंट्स में बढ़ती क्षमता और फील्ड इवेंट्स में पारंपरिक मजबूती दोनों झलकती हैं।
रजत और कांस्य पदक विजेता
भारत के पदक तालिका में कई खिलाड़ियों ने मंच तक पहुँचकर योगदान दिया।
रजत पदक विजेता: नवदीप (भाला फेंक F41), एकता भयान (क्लब थ्रो F51), दीप्ति जीवनजी (400 मीटर T20)
कांस्य पदक विजेता: प्रवीण कुमार (हाई जंप T64), वरुण सिंह भाटी (हाई जंप T63), प्रदीप कुमार (डिस्कस थ्रो F64)
ये विविध आयोजन — स्प्रिंट, थ्रो और जंप — भारत के बहुआयामी पैरा-एथलीट्स की प्रतिभा को दर्शाते हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: भारत का पहला पैरालंपिक पदक मुरलीकांत पेटकर ने 1972 हाइडेलबर्ग पैरालंपिक में तैराकी में स्वर्ण जीतकर हासिल किया था।
संस्थागत समर्थन और घरेलू लाभ
भारत की रिकॉर्ड सफलता में भारतीय पैरालंपिक समिति (PCI) और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की मज़बूत भूमिका रही।
नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रतियोगिता की मेजबानी ने खिलाड़ियों को घरेलू लाभ और दर्शकों से मनोबल प्रदान किया।
पदकों से आगे बढ़कर, इस आयोजन ने खेलों में समावेशन और सुलभता (Inclusivity and Accessibility) को बढ़ावा दिया, जिससे भावी पैरा-एथलीटों के लिए प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त हुआ।
प्रमुख तथ्य एक नज़र में
- आयोजन अवधि: 27 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025
- भागीदारी: 104 देशों के 2,000 से अधिक खिलाड़ी
- भारत की अंतिम स्थिति: कुल मिलाकर 10वां स्थान
- पैरा-खेलों में भारत की यात्रा का ऐतिहासिक मील का पत्थर
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
आयोजन | विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 |
मेजबान शहर | नई दिल्ली, भारत |
स्थल | जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम |
तिथियाँ | 27 सितंबर – 5 अक्टूबर 2025 |
कुल खिलाड़ी | 104 देशों के 2,000+ खिलाड़ी |
भारत की पदक तालिका | 18 पदक (6 स्वर्ण, 7 रजत, 5 कांस्य) |
भारत की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी | सिमरन शर्मा – 1 स्वर्ण और 1 रजत |
भारत की वैश्विक रैंकिंग | कुल मिलाकर 10वां स्थान |
संचालन संस्था | अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (IPC) |
पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन | कोबे 2024 में 17 पदक |