अक्टूबर 10, 2025 3:10 पूर्वाह्न

तमिलनाडु में शिक्षा के अधिकार के लिए धन

चालू घटनाएँ: शिक्षा का अधिकार अधिनियम, समग्र शिक्षा अभियान, तमिलनाडु सरकार, मद्रास उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय, शैक्षिक अधिकार, वंचित बच्चे, निजी स्कूल कोटा, निधि आवंटन, विशेष अनुमति याचिका

Right to Education Funding in Tamil Nadu

केंद्र सरकार द्वारा निधि जारी

केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से तमिलनाडु को शिक्षा का अधिकार (RTE) के अंतर्गत ₹538.39 करोड़ जारी किए हैं। इनमें से ₹362 करोड़ वित्त वर्ष 2024–25 के लिए आवंटित हैं, जबकि ₹175.59 करोड़ 2025–26 की पहली किश्त है। यह राशि RTE अधिनियम, 2009 के अनुसार पात्र बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराने में स्कूलों की सहायता के लिए है।
स्थैतिक जीके तथ्य: RTE अधिनियम 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ और इसे संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत मौलिक अधिकार बनाया गया।

वंचित बच्चों के लिए सीट आरक्षण

RTE प्रावधानों के अनुसार, निजी स्कूलों की प्रवेश-स्तर कक्षाओं में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। इन बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार है और सरकार निजी स्कूलों को प्रतिपूर्ति करती है। तमिलनाडु ने इस प्रावधान को लगातार लागू कर कम-आय परिवारों के बच्चों की पहुँच बेहतर बनाई है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत उन कुछ देशों में है जहाँ 6–14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा संवैधानिक गारंटी है।

निधि आवंटन में कानूनी चुनौतियाँ

2024 में मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि RTE प्रतिपूर्ति को समग्र शिक्षा से डिलिंक करने पर विचार करे, क्योंकि लिंक होने से राज्यों को राशि पहुँचाने में देरी और अकार्यक्षमता आती है। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर कर केंद्र के हिस्से की राशि समय पर जारी करने के लिए बाध्यकारी निर्देश माँगे।

समय पर निधि जारी करने का महत्व

RTE निधि में देरी से विशेषकर वे निजी विद्यालय प्रभावित होते हैं जो 25% आरक्षण लागू करते हैं। समय पर प्रतिपूर्ति न होने पर विद्यालयों पर वित्तीय दबाव बढ़ता है, जिससे वंचित बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। न्यायपालिका का हस्तक्षेप केंद्र-राज्य दायित्वों के बीच तनाव को दर्शाता है, जबकि तमिलनाडु की सक्रिय पहल सुनिश्चित करती है कि वंचित बच्चों के अधिकार सुरक्षित रहें।
स्थैतिक जीके टिप: शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है—इस पर केंद्र और राज्य, दोनों कानून बना सकते हैं।

आगे की राह

पूर्वानुमेय निधि प्रवाह, बेहतर मॉनिटरिंग, और प्रतिपूर्ति प्रणाली में जवाबदेही अनिवार्य हैं। तमिलनाडु के कानूनी कदम दिखाते हैं कि RTE की सफलता के लिए मजबूत फंडिंग तंत्र ज़रूरी है। राज्य-स्तरीय शिक्षा ढाँचे को केंद्र के सहयोग से सुदृढ़ करना समावेशी स्कूली शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
कुल RTE निधि जारी ₹538.39 करोड़
2024–25 के लिए आवंटन ₹362 करोड़
2025–26 की पहली किश्त ₹175.59 करोड़
निजी विद्यालयों में सीट आरक्षण 25% वंचित बच्चों के लिए
RTE अधिनियम वर्ष 2009
लागू होने की तिथि 1 अप्रैल 2010
संवैधानिक आधार अनुच्छेद 21A
डिलिंकिंग पर निर्देश देने वाली अदालत मद्रास उच्च न्यायालय
दायर याचिका सर्वोच्च न्यायालय में SLP
शिक्षा का शासन समवर्ती सूची का विषय
Right to Education Funding in Tamil Nadu
  1. केंद्र सरकार ने आरटीई के अंतर्गत तमिलनाडु को ₹538.39 करोड़ जारी किए।
  2. इसमें से ₹362 करोड़ वित्त वर्ष 2024-25 के लिए हैं।
  3. शेष ₹175.59 करोड़ वर्ष 2025-26 की पहली किस्त के लिए हैं।
  4. यह धन आरटीई अधिनियम 2009 के अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का समर्थन करता है।
  5. आरटीई अधिनियम 1 अप्रैल 2010 को लागू हुआ।
  6. यह अनुच्छेद 21ए के तहत शिक्षा को एक मौलिक अधिकार के रूप में सुनिश्चित करता है।
  7. निजी स्कूलों में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित हैं।
  8. सरकार निजी स्कूलों को इन खर्चों की प्रतिपूर्ति करती है।
  9. तमिलनाडु ने इस आरक्षण नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया है।
  10. मद्रास उच्च न्यायालय ने आरटीई को समग्र शिक्षा से अलग करने का आग्रह किया।
  11. तमिलनाडु ने सर्वोच्च न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की।
  12. यह मामला केंद्र सरकार के धन को समय पर जारी करने की मांग करता है।
  13. प्रतिपूर्ति में देरी से निजी संस्थानों पर आर्थिक दबाव पड़ता है।
  14. न्यायपालिका शिक्षा में केंद्र-राज्य समन्वय की कमियों को उजागर करती है।
  15. तमिलनाडु हाशिए पर पड़े समुदायों के शैक्षिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है।
  16. शिक्षा समवर्ती सूची में है, जिसे केंद्र और राज्य दोनों साझा करते हैं।
  17. समावेशी स्कूली शिक्षा की सफलता के लिए पूर्वानुमानित धन प्रवाह महत्वपूर्ण है।
  18. कड़ी निगरानी प्रतिपूर्ति प्रणालियों में जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
  19. तमिलनाडु का दृष्टिकोण शिक्षा की समानता और पहुँच के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है।
  20. यह मामला शिक्षा में सरकारों के संवैधानिक कर्तव्य पर ज़ोर देता है।

Q1. आरटीई के तहत केंद्र सरकार द्वारा तमिलनाडु को कुल कितनी राशि जारी की गई?


Q2. आरटीई अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में कितने प्रतिशत सीटें आरक्षित होती हैं?


Q3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) किस वर्ष लागू हुआ था?


Q4. किस न्यायालय ने केंद्र को आरटीई प्रतिपूर्ति को ‘समग्र शिक्षा’ से अलग करने पर विचार करने का निर्देश दिया?


Q5. भारतीय संविधान में शिक्षा किस सूची के अंतर्गत आती है?


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