दुग्ध उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि
पिछले दशक में भारत के डेयरी क्षेत्र ने ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की है।
2014–15 में 146 मिलियन टन से बढ़कर 2023–24 में 239 मिलियन टन दूध का उत्पादन हुआ — यानी 70 प्रतिशत की वृद्धि।
इससे भारत दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ दुग्ध बाजार बन गया है।
यह उपलब्धि किसानों और सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने वाली सरकारी नीतियों की सफलता को दर्शाती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और यह वैश्विक दुग्ध उत्पादन का लगभग 23% योगदान देता है।
स्वदेशी नस्लों के दूध उत्पादन में वृद्धि
सरकार ने स्वदेशी पशु नस्लों के सुधार पर विशेष ध्यान दिया है, जिससे उनका उत्पादन 39 मिलियन टन से बढ़कर 50 मिलियन टन हो गया है।
देश की दूध प्रसंस्करण क्षमता वर्तमान में 660 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे 2028–29 तक 10 करोड़ (100 मिलियन) लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 2014 में 124 ग्राम प्रतिदिन से बढ़कर 2024 में 471 ग्राम प्रतिदिन तक पहुँच गई है।
स्थैतिक जीके टिप: राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की स्थापना 1965 में की गई थी, जिसने ऑपरेशन फ्लड को सफलतापूर्वक लागू किया।
सहकारी समितियों की भूमिका
सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी ढांचे के तेज़ विस्तार को प्राथमिकता दी है।
2029 तक 75,000 नई डेयरी सहकारी समितियाँ स्थापित की जाएँगी, जबकि 46,000 मौजूदा समितियों को मज़बूत किया जाएगा।
केवल 2024 में ही 33,000 नई समितियाँ पंजीकृत की गईं, जिससे हर पंचायत में कम से कम एक सहकारी समिति की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है।
स्थैतिक जीके तथ्य: अमूल (Amul), जो 1946 में आनंद (गुजरात) में स्थापित हुई, भारत की सबसे प्रसिद्ध डेयरी सहकारी संस्था है।
नई बहु-राज्य सहकारी समितियाँ
सरकार तीन नई बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (Multi-State Cooperatives) बना रही है —
- पशु आहार, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान सेवाओं को बढ़ाने हेतु,
- गोबर प्रबंधन मॉडल विकसित कर सतत कृषि को प्रोत्साहित करने हेतु,
- मृत पशुओं से संबंधित सर्कुलर इकॉनमी प्रणाली विकसित करने हेतु।
ये पहलें उत्पादकता और सततता (sustainability) दोनों को बढ़ाने में सहायक होंगी।
हरियाणा का साबर डेयरी प्लांट
हरियाणा में स्थित साबर डेयरी प्लांट अब भारत का सबसे बड़ा दही, छाछ और योगर्ट उत्पादन केंद्र बन गया है।
यह संयंत्र प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन दही, 3 लाख लीटर छाछ, और 10 लाख लीटर योगर्ट का उत्पादन करता है।
यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और उत्तरी भारत के राज्यों को आपूर्ति करता है, जिससे हजारों किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: हरियाणा भारत के शीर्ष पाँच दूध उत्पादक राज्यों में शामिल है।
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण
लगभग 8 करोड़ किसान सीधे डेयरी क्षेत्र से जुड़े हैं।
केवल हरियाणा में ही प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1,105 ग्राम प्रतिदिन है, जो देश में सबसे अधिक है।
किसानों को कम ब्याज वाले ऋण, बीमा, बीज और उर्वरक सहायता तथा सहकारी आय मॉडल का लाभ मिल रहा है।
इससे डेयरी क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ बन चुका है।
सरकारी दृष्टि और भविष्य की दिशा
सरकार ने व्हाइट रेवोल्यूशन 2.0 को “सहकार से समृद्धि” (Sahkar Se Samriddhi) की थीम के तहत शुरू किया है।
इसका लक्ष्य दूध प्रसंस्करण क्षमता को दोगुना करना, सहकारी ढांचे को मजबूत करना, और सतत ग्रामीण विकास सुनिश्चित करना है।
यह दृष्टिकोण डेयरी क्षेत्र को भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में स्थापित करता है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
2014–15 में दूध उत्पादन | 146 मिलियन टन |
2023–24 में दूध उत्पादन | 239 मिलियन टन |
स्वदेशी नस्लों का दूध उत्पादन | 39 से 50 मिलियन टन |
वर्तमान प्रसंस्करण क्षमता | 660 लाख लीटर प्रतिदिन |
2028–29 तक लक्ष्य | 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन |
2014 में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता | 124 ग्राम प्रतिदिन |
2024 में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता | 471 ग्राम प्रतिदिन |
नई डेयरी सहकारी समितियों का लक्ष्य | 2029 तक 75,000 |
साबर डेयरी प्लांट की दही उत्पादन क्षमता | 150 मीट्रिक टन प्रतिदिन |
डेयरी क्षेत्र से जुड़े किसान | 8 करोड़ |