अक्टूबर 9, 2025 5:37 अपराह्न

निर्भीक संघर्ष रिपोर्टिंग पर हरिंदर बावेजा का संस्मरण

चालू घटनाएँ: हरिंदर बावेजा, They Will Shoot You Madam, ऑपरेशन ब्लू स्टार, 26/11 मुंबई हमले, कश्मीर संघर्ष, पाकिस्तान रिपोर्टिंग, उमर अब्दुल्ला, कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजदीप सरदेसाई, संघर्ष पत्रकारिता

Harinder Baweja memoir on fearless conflict reporting

वरिष्ठ पत्रकार और उनकी आत्मकथा

वरिष्ठ पत्रकार हरिंदर बावेजा ने अपनी आत्मकथा They Will Shoot You, Madam: My Life Through Conflict 1 अक्टूबर 2025 को दिल्ली में जारी की।
यह पुस्तक उनके 40 वर्षों के संघर्ष क्षेत्रों से जुड़े रिपोर्टिंग अनुभवों को समेटती है — जिनमें पंजाब, कश्मीर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और मलेशिया शामिल हैं।
पुस्तक का शीर्षक दर्शाता है कि उन्होंने सत्य की खोज में कितने जोखिम उठाए और निडर पत्रकारिता की मिसाल कायम की।
स्थैतिक जीके तथ्य: ऑपरेशन ब्लू स्टार जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में किया गया एक सैन्य अभियान था।

प्रारंभिक करियर और निर्णायक मोड़

उनके करियर की दिशा ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान तय हुई, जब वे कैप्टन अमरिंदर सिंह की मदद से बाल-बाल बचीं।
यह घटना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बनी और उन्होंने संघर्षपूर्ण क्षेत्रों में काम करना शुरू किया।
आने वाले दशकों में उन्होंने विद्रोह, आतंकवादी हमलों और अंडरवर्ल्ड नेटवर्क पर रिपोर्टिंग कर अपना नाम स्थापित किया।

संघर्ष क्षेत्रों में प्रमुख असाइनमेंट

पुस्तक में उनके कई उच्च जोखिम वाले असाइनमेंट्स का विवरण है —

  • उन्होंने 26/11 मुंबई हमले के सिर्फ दस दिन बाद पाकिस्तान की यात्रा की ताकि खबरों के परे जाकर सच्चाई जान सकें।
  • मलेशिया में उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का साक्षात्कार किया — जो उनके साहस का प्रमाण था।
  • कश्मीर में उन्होंने 1990 के दशक में अलगाववादी नेता यासीन मलिक का इंटरव्यू लिया, जिसके दौरान उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
    ये अनुभव संघर्ष पत्रकारिता की जमीनी कठिनाइयों और खतरों को उजागर करते हैं।
    स्थैतिक जीके टिप: छोटा राजन को 2015 में बाली (इंडोनेशिया) से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था।

लोकतंत्र में पत्रकारिता की भूमिका

बावेजा अपनी पुस्तक में बताती हैं कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र की आत्मा है।
संघर्ष क्षेत्रों से रिपोर्टिंग करते हुए उन्होंने दिखाया कि पत्रकार जनमत निर्माण और सच्चाई के प्रसार में कितना योगदान देते हैं।
यह आत्मकथा केवल एक व्यक्तिगत यात्रा नहीं बल्कि भारतीय मीडिया के नैतिक संकटों और राजनीतिक दबावों का दस्तावेज़ भी है।

विमोचन कार्यक्रम की झलक

पुस्तक के विमोचन में उमर अब्दुल्ला और राजदीप सरदेसाई जैसे प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
अब्दुल्ला ने कहा कि पत्रकार वे सच दर्ज करते हैं जिन्हें कई लोग कहने से डरते हैं,
जबकि सरदेसाई ने संघर्ष पत्रकारिता के नैतिक द्वंद्व और जिम्मेदारियों पर बल दिया।
इन चर्चाओं ने यह संदेश दिया कि पत्रकारिता साहस और जवाबदेही — दोनों का संगम है।
स्थैतिक जीके तथ्य: उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू और कश्मीर के 11वें मुख्यमंत्री रहे।

एक स्थायी विरासत

यह आत्मकथा हरिंदर बावेजा को भारत की सबसे निडर पत्रकारों में से एक के रूप में स्थापित करती है।
ऑपरेशन ब्लू स्टार से लेकर 26/11 हमलों तक की उनकी रिपोर्टिंग यह याद दिलाती है कि संघर्ष पत्रकारिता बलिदान और साहस दोनों की मांग करती है।
यह पुस्तक आने वाली पीढ़ी के पत्रकारों को प्रेरित करती है कि वे जोखिम के बावजूद सत्य की खोज जारी रखें।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
लेखिका हरिंदर बावेजा
पुस्तक का शीर्षक They Will Shoot You, Madam: My Life Through Conflict
प्रकाशन तिथि 1 अक्टूबर 2025
विमोचन स्थल दिल्ली
करियर अवधि 40 वर्षों से अधिक की पत्रकारिता
प्रमुख घटनाएँ ऑपरेशन ब्लू स्टार, 26/11 मुंबई हमले, कश्मीर संघर्ष
प्रमुख अतिथि कैप्टन अमरिंदर सिंह, उमर अब्दुल्ला, राजदीप सरदेसाई
विशेष असाइनमेंट मलेशिया में छोटा राजन का साक्षात्कार
रिपोर्टिंग क्षेत्र कश्मीर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान
आत्मकथा की थीम संघर्ष पत्रकारिता की चुनौतियाँ और जोखिम
Harinder Baweja memoir on fearless conflict reporting
  1. वरिष्ठ पत्रकार हरिंदर बावेजा ने अपने संस्मरण “दे विल शूट यू, मैडम” का विमोचन किया।
  2. इस पुस्तक का विमोचन 1 अक्टूबर, 2025 को दिल्ली में हुआ।
  3. यह दक्षिण एशिया में संघर्षों की रिपोर्टिंग के उनके 40 साल के करियर को दर्शाती है।
  4. बावेजा ने पंजाब, कश्मीर, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और मलेशिया को कवर किया।
  5. यह शीर्षक खतरे में भी सत्य की उनकी निडर खोज का प्रतीक है।
  6. उनका करियर 1984 में अमृतसर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान शुरू हुआ।
  7. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तनावपूर्ण ऑपरेशन के दौरान उन्हें भागने में मदद की।
  8. उन्होंने 26/11 के मुंबई हमलों, कश्मीर विद्रोह और अंडरवर्ल्ड अपराधों को कवर किया।
  9. मलेशिया में छोटा राजन के साथ उनके साक्षात्कार ने उल्लेखनीय साहस दिखाया।
  10. 1990 के दशक में अलगाववादी यासीन मलिक से मुलाकात के दौरान उन्हें परेशान किया गया था।
  11. यह संस्मरण संघर्ष पत्रकारिता के जोखिमों और नैतिकता पर प्रकाश डालता है।
  12. बावेजा ने लोकतंत्र को मज़बूत करने में पत्रकारों की भूमिका पर ज़ोर दिया।
  13. पुस्तक विमोचन में उमर अब्दुल्ला और राजदीप सरदेसाई भी शामिल हुए।
  14. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पत्रकार अक्सर ऐसे सच दर्ज करते हैं जिनसे दूसरे बचते हैं।
  15. राजदीप सरदेसाई ने युद्ध संवाददाताओं के सामने आने वाली नैतिक दुविधाओं पर बात की।
  16. बावेजा का काम युवा पत्रकारों को निडर होकर सच्चाई का पीछा करने के लिए प्रेरित करता है।
  17. यह संस्मरण व्यक्तिगत अनुभव और भारत के राजनीतिक इतिहास को जोड़ता है।
  18. यह पत्रकारों द्वारा स्वतंत्र रिपोर्टिंग के लिए चुकाई जाने वाली कीमत को उजागर करता है।
  19. ऑपरेशन ब्लू स्टार से लेकर 26/11 तक की उनकी कवरेज आधुनिक संघर्ष पत्रकारिता को परिभाषित करती है।
  20. हरिंदर बावेजा साहस, सच्चाई और पत्रकारिता की निष्ठा का प्रतीक बनी हुई हैं।

Q1. हरिंदर बावेजा की संस्मरण पुस्तक (Memoir) का शीर्षक क्या है?


Q2. कौन-सी प्रमुख घटना ने उनके करियर में एक निर्णायक मोड़ लाया?


Q3. हरिंदर बावेजा ने मलेशिया में किस अंडरवर्ल्ड डॉन का साक्षात्कार लिया था?


Q4. निम्नलिखित में से कौन उनके पुस्तक विमोचन समारोह में उपस्थित थे?


Q5. यह संस्मरण पुस्तक कब प्रकाशित हुई?


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