एक साहसिक आकाशीय कदम
भारत परिवहन के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, जहां देश की पहली इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी ‘शून्य’ का उद्घाटन किया गया है। बेंगलुरु की Sarla Aviation द्वारा विकसित यह eVTOL (electric Vertical Take-Off and Landing) प्रोटोटाइप शहरी हवाई गतिशीलता की भविष्यवादी कल्पना को साकार करता है। इस लॉन्च के साथ भारत ने इलेक्ट्रिक एविएशन की वैश्विक दौड़ में एक बड़ा कदम बढ़ाया है, जिससे शहरी यातायात की समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है।
शून्य क्या है?
‘शून्य’ का अर्थ है ‘शून्य उत्सर्जन’ — यह नाम कार्बन–मुक्त भविष्य का प्रतीक है। Sarla Aviation द्वारा पेश किया गया यह प्रोटोटाइप 20 से 30 किलोमीटर की शहरी दूरी तय करने में सक्षम है और 250 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ सकता है। यह पारंपरिक सड़क परिवहन के बजाय एक हरित और प्रभावी विकल्प प्रदान करता है।
इसमें 6 यात्रियों के बैठने की क्षमता और 680 किलोग्राम अधिकतम पेलोड क्षमता है। यह इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन तकनीक का उपयोग करता है जिससे यह शहरी क्षेत्रों में कम ध्वनि प्रदूषण के साथ उड़ान भर सकता है।
यह क्यों महत्वपूर्ण है
भारत के प्रमुख महानगर जैसे बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई गंभीर ट्रैफिक, ईंधन मूल्य वृद्धि और वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। ‘शून्य’ इन समस्याओं का समाधान प्रदान करता है—आकाशीय मार्ग द्वारा। Sarla Aviation का यह प्रयास स्मार्ट मोबिलिटी की दिशा में एक ठोस कदम है।
यह परियोजना भारत के 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य के अनुरूप है और मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी सरकारी पहलों का समर्थन करती है, जिससे स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा मिलता है।
शून्य की प्रमुख विशेषताएं
- इलेक्ट्रिक VTOL तकनीक: वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग की क्षमता, जिसके लिए केवल हेलीपैड जैसे बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है।
• अधिकतम गति: 250 किमी/घंटा, जो शहरी दूरी को मिनटों में तय कर सकती है।
• क्षमता: 6 यात्रियों और उनके सामान के साथ 680 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम।
• डिज़ाइन: हल्के कार्बन–कॉम्पोज़िट ढांचे से निर्मित, जिससे ऊर्जा दक्षता में वृद्धि होती है।
• सुरक्षा: मल्टीपल बैकअप सिस्टम और रियल–टाइम मॉनिटरिंग द्वारा उड़ान स्थिरता सुनिश्चित की जाती है।
ये खूबियाँ ‘शून्य’ को अमेरिका की Joby Aviation और जर्मनी की Lilium जैसी वैश्विक कंपनियों की श्रेणी में ला देती हैं, जिससे भारत इस उभरते क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।
भविष्य की योजना और शहरी नियोजन
सरला एविएशन के अनुसार, ‘शून्य’ के ट्रायल जल्द ही बेंगलुरु में शुरू होंगे और बाद में इसे अन्य स्मार्ट शहरों में विस्तारित किया जाएगा। आने वाले वर्षों में, यह एयर टैक्सी तकनीकी पार्कों, हवाई अड्डों और प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट्स को कुछ ही मिनटों में जोड़ सकती है। यह आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए भी क्रांतिकारी साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 5 से 7 वर्षों में भारत में एयर टैक्सी सेवा व्यावसायिक रूप से शुरू हो सकती है, बशर्ते DGCA और MOCA द्वारा नियामक ढांचा तैयार हो जाए।
Static GK Snapshots
विषय | विवरण |
परियोजना का नाम | शून्य eVTOL एयर टैक्सी |
विकसित किया | सरला एविएशन, बेंगलुरु |
लॉन्च वर्ष | 2025 |
गति | अधिकतम 250 किमी/घंटा |
यात्री क्षमता | 6 |
अधिकतम भार | 680 किलोग्राम |
उड़ान दूरी | 20–30 किमी |
विशेषता | भारत की पहली स्वदेशी इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सी |
वैश्विक समकक्ष | Joby (USA), Lilium (Germany), Volocopter (EU) |
नीतिगत समर्थन | मेक इन इंडिया, नेट ज़ीरो 2070, अर्बन एयर मोबिलिटी |