परिचय
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग नियम 2025 का मसौदा अधिसूचित किया है। ये नियम हाल ही में पारित प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 को लागू करते हैं। इनका उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और डिजिटल गेमिंग इकोसिस्टम में नवाचार को बढ़ावा देना है।
ऑनलाइन गेम्स का वर्गीकरण
कानून ने खेलों को तीन श्रेणियों में बाँटा है: ई-स्पोर्ट्स, ऑनलाइन सोशल गेम्स, और ऑनलाइन मनी गेम्स।
ऑनलाइन मनी गेम्स जैसे पोकर और फैंटेसी स्पोर्ट्स को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है, जबकि अन्य दो श्रेणियाँ नियामक नियंत्रण के तहत अनुमत होंगी।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग 2027 तक 8.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जिससे यह डिजिटल अर्थव्यवस्था का सबसे तेज़ी से बढ़ता क्षेत्र बन जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया
मसौदा नियमों के तहत ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (OGAI) की स्थापना की गई है। यह संस्था क्षेत्र का नियमन करेगी, मान्यता प्राप्त खेलों की रजिस्ट्री रखेगी, पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करेगी और उल्लंघनों पर दंड लगाएगी। इसमें एक अध्यक्ष और पाँच सदस्य होंगे, जो विभिन्न मंत्रालयों से लिए जाएँगे।
खेलों का पंजीकरण
ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स दोनों को OGAI से पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। केवल कानूनी रूप से अनुमोदित प्लेटफ़ॉर्म ही भारत में संचालित होंगे। बिना पंजीकरण वाले प्लेटफ़ॉर्म को तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा और उन पर दंड लगाया जाएगा।
शिकायत निवारण ढाँचा
सभी पंजीकृत प्लेटफ़ॉर्म के लिए तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र अनिवार्य किया गया है।
- पहले स्तर पर शिकायतें आंतरिक रूप से सुलझाई जाएँगी।
- अपील ग्रिवांस अपीलेट कमेटी तक ले जाई जा सकती है।
- अंतिम स्तर पर OGAI को अपील की जा सकती है।
स्टैटिक जीके टिप: भारत का आईटी अधिनियम 2000 पहले से ही धारा 69A के तहत वेबसाइट ब्लॉक करने का प्रावधान करता है। 2022–2025 के बीच 1,500 से अधिक अवैध गेमिंग ऐप्स इस प्रावधान के तहत प्रतिबंधित किए गए।
अपराध और दंड
मसौदा नियमों के उल्लंघन को ग़ैर-जमानती अपराध माना जाएगा। जिम्मेदारी पूरे संगठन के स्टाफ पर डाली जाएगी जो अवैध गेमिंग को बढ़ावा देंगे। इसका उद्देश्य सख्त अनुपालन और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
अन्य कानूनी प्रावधान
ये नियम कई मौजूदा कानूनों के साथ समन्वय में हैं:
- भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 111 और 112 अवैध गेमिंग को अपराध मानती है।
- आईजीएसटी अधिनियम 2017 ऑफशोर गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म को नियंत्रित करता है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित भ्रामक या सरोगेट विज्ञापनों पर रोक लगाता है।
निष्कर्ष
यह मसौदा नियम भारत के डिजिटल गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने की सबसे व्यापक पहल है। मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाकर और एक प्राधिकरण आधारित ढाँचा बनाकर सरकार का लक्ष्य विकास, उपयोगकर्ता संरक्षण, कानूनी अनुपालन और डिजिटल सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना है।
स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
अधिसूचित मसौदा नियम | प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग नियम 2025 |
नोडल मंत्रालय | इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) |
खेल श्रेणियाँ | ई-स्पोर्ट्स, ऑनलाइन सोशल गेम्स, ऑनलाइन मनी गेम्स |
मनी गेम्स की स्थिति | पूरी तरह प्रतिबंधित |
नियामक संस्था | ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (OGAI) |
OGAI संरचना | 1 अध्यक्ष + 5 सदस्य (मंत्रालयों से) |
पंजीकरण | ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स के लिए प्रमाणपत्र अनिवार्य |
शिकायत निवारण तंत्र | तीन-स्तरीय, अंतिम स्तर OGAI तक |
उल्लंघन की प्रकृति | ग़ैर-जमानती अपराध, कंपनी स्तर पर दायित्व |
संबंधित कानून | आईटी अधिनियम 2000, भारतीय न्याय संहिता 2023, आईजीएसटी अधिनियम 2017, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 |