अक्टूबर 6, 2025 4:46 पूर्वाह्न

न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन द्वारा करूर रैली भगदड़ की जाँच

चालू घटनाएँ: करूर भगदड़, जस्टिस अरुणा जगदीशन, टी.वी.के. (तमिलगा वेत्री कलागम) रैली, भीड़ प्रबंधन, मुआवजा, एफआईआर, तमिलनाडु सरकार, विजय

Karur Rally Stampede Probe by Justice Aruna Jagadeesan

घटना की पृष्ठभूमि

27 सितम्बर 2025 को तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2026 के प्रचार के दौरान करूर जिले के वेलुस्वामीपुरम में तमिलगा वेत्री कलागम (TVK) की रैली में भीषण भगदड़ हुई।

  • प्रारंभिक आंकड़ों में 40 मौतें और 120 से अधिक घायल रिपोर्ट हुए।
  • बाद की एफआईआर अपडेट में 41 लोगों की मौत दर्ज की गई, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे।
    स्थिर जीके तथ्य: भारत में धार्मिक और राजनीतिक सभाओं में पहले भी कई घातक भगदड़ हो चुकी हैं, जिससे भीड़ प्रबंधन की कमजोरियों पर सवाल उठे हैं।

त्रासदी के कारण (एफआईआर में दर्ज)

  • अनुमति 10,000 लोगों की थी, लेकिन भीड़ 25,000–27,000 तक पहुँच गई।
  • विजय के कई घंटे देर से पहुँचने और रास्ते में अचानक आयोजित रोडशो ने भीड़ के दबाव को और बढ़ाया।
  • आयोजकों ने पुलिस की सलाह को नज़रअंदाज़ किया; लोग शेड और पेड़ों पर चढ़ गए, जो गिरकर भगदड़ का कारण बने।
  • पर्याप्त मेडिकल सुविधा, पानी, बफर जोन और आपातकालीन मार्ग उपलब्ध नहीं थे।

न्यायिक जांच: एक सदस्यीय आयोग

तमिलनाडु सरकार ने तुरंत एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुणा जगदीशन कर रही हैं।

  • जस्टिस जगदीशन ने घटना स्थल का दौरा किया और अस्पताल में घायलों से मुलाकात की।
  • पुलिस, आयोजकों और प्रत्यक्षदर्शियों से बयान दर्ज हो रहे हैं।
  • एफआईआर में टीवीके महासचिव एन. आनंद, उप महासचिव निर्मल कुमार और करूर जिला सचिव मथियालगन को आरोपी बनाया गया है।
  • विजय का नाम एफआईआर में शामिल नहीं है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

  • एनडीए और विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच की मांग की है, राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग पर संदेह जताते हुए।
  • झूठी अफवाहें फैलाने वालों की गिरफ्तारी भी हुई।
  • करूर जिला न्यायालय ने टीवीके द्वारा 10,000 की कम भीड़ संख्या बताने पर संदेह जताया और दो सदस्यों को न्यायिक हिरासत में भेजा।

आगे की दिशा और महत्व

  • आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार भीड़ प्रबंधन और राजनीतिक सभाओं के लिए नई गाइडलाइंस ला सकती है।
  • यदि ठोस सुधार लागू हुए, तो यह भारत में सार्वजनिक सभाओं की सुरक्षा के लिए मिसाल बन सकता है।
  • यह देखना अहम होगा कि रिपोर्ट सिर्फ औपचारिकता रह जाती है या वास्तव में संरचनात्मक बदलाव लाती है।
    स्थिर जीके तथ्य: सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में भीड़ प्रबंधन, बफर ज़ोन, इमरजेंसी एग्जिट और मेडिकल तैयारी को अनिवार्य प्रावधान बताया है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
घटना की तारीख 27 सितम्बर 2025
स्थान वेलुस्वामीपुरम, करूर, तमिलनाडु
पीड़ित प्रारंभिक 40, एफआईआर में 41 मौतें
घायल लगभग 120+ लोग
आयोजक तमिलगा वेत्री कलागम (TVK)
जांच प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) अरुणा जगदीशन
एफआईआर में आरोपी एन. आनंद, निर्मल कुमार, मथियालगन
मुख्य कारण भीड़ का अधिक होना, देरी, सुविधाओं की कमी, पुलिस सलाह की अनदेखी
राजनीतिक मांग एनडीए ने सुप्रीम कोर्ट जज द्वारा जांच की मांग की
महत्व राजनीतिक सभाओं और चुनाव रैलियों के लिए सुरक्षा सुधार और जवाबदेही
Karur Rally Stampede Probe by Justice Aruna Jagadeesan
  1. तमिलनाडु के करूर में टीवीके की रैली में 2025 में भीषण भगदड़ मची।
  2. 27 सितंबर 2025 को वेलुस्वामीपुरम में हुई घटना।
  3. महिलाओं और बच्चों सहित 41 लोगों की मौत की सूचना।
  4. इस दुखद भगदड़ में लगभग 120 लोग घायल हुए।
  5. भीड़ अनुमति प्राप्त 10,000 से अधिक हो गई और 27,000 लोग उपस्थित हुए।
  6. विजय के आगमन में देरी से भीड़ का दबाव बढ़ गया।
  7. प्राथमिकी में अनिर्धारित रोड शो और परामर्श की अनदेखी का उल्लेख किया गया।
  8. टिन शेड और पेड़ गिर गए, जिससे अराजकता और बढ़ गई।
  9. अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं और पानी के कारण हताहतों की संख्या और बढ़ गई।
  10. तमिलनाडु सरकार ने न्यायमूर्ति अरुणा जगदीशन जाँच आयोग का गठन किया।
  11. आयोग पुलिस, आयोजकों और गवाहों से जानकारी एकत्र कर रहा है।
  12. एफआईआर में अभिनेता विजय को छोड़कर टीवीके के तीन पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया है।
  13. आरोपों में गैर-इरादतन हत्या शामिल है।
  14. विपक्ष ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में स्वतंत्र जांच की मांग की।
  15. पुलिस ने घटना के बाद झूठी अफवाहें फैलाने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार किया।
  16. अदालत ने टीवीके द्वारा कम करके आंकी गई 10,000 की भीड़ के अनुमान की जांच की।
  17. जांच के निष्कर्ष सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा सुधारों का प्रस्ताव देंगे।
  18. सर्वोच्च न्यायालय ने बफर जोन, निकास द्वार और चिकित्सा तैयारियों को अनिवार्य बनाने पर जोर दिया।
  19. जांच से भविष्य में होने वाले सामूहिक समारोहों के लिए एक मिसाल कायम होने की उम्मीद है।
  20. यह तय किया जाएगा कि सुधार संरचनात्मक होंगे या प्रतीकात्मक।

Q1. करूर भगदड़ की घटना कहाँ हुई थी?


Q2. करूर भगदड़ की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग का नेतृत्व कौन कर रहे हैं?


Q3. करूर रैली त्रासदी के बाद एफआईआर में कितनी मौतों की पुष्टि हुई?


Q4. 2025 में करूर रैली का आयोजन किस पार्टी ने किया था?


Q5. भगदड़ के बाद विपक्षी दलों ने क्या मांग की?


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