ऐप का शुभारंभ
बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में बढ़ते मानव-हाथी संघर्षों से निपटने के लिए गज रक्षक ऐप को अपनाया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे विश्व बाघ दिवस पर भोपाल में लॉन्च किया। यह ऐप मध्य प्रदेश वन विभाग, वाइल्डलाइफ़ कंज़र्वेशन ट्रस्ट और कल्पवाग कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य हाथियों की निगरानी और संरक्षण को सशक्त बनाना है।
ऐप की विशेषताएँ
यह ऐप हाथियों की रीयल-टाइम लोकेशन, उनकी गतिविधि और व्यवहार की जानकारी देता है। जब हाथी मानव बस्तियों के करीब आते हैं तो SMS, पुश नोटिफिकेशन, वॉइस कॉल और साइरन के जरिए अलर्ट भेजे जाते हैं। यह ऐप ऑफ़लाइन मोड में भी काम करता है ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में भी सूचना पहुँचे। फील्ड स्टाफ तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं, लोकेशन अपडेट कर सकते हैं और बता सकते हैं कि हाथी अकेले चल रहे हैं या झुंड में। यह जानकारी 10 किमी के दायरे में बसे लोगों को भेजी जाती है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में मोबाइल-आधारित वाइल्डलाइफ़ ट्रैकिंग ऐप्स का उपयोग नागरहोल और काज़ीरंगा टाइगर रिज़र्व से शुरू हुआ था।
बढ़ती हाथी जनसंख्या
2018 में बांधवगढ़ में 40 हाथियों का झुंड स्थायी रूप से बस गया था। अब इनकी संख्या बढ़कर लगभग 65 हो गई है। हाथियों की उपस्थिति उमरिया, शहडोल और अनूपपुर ज़िलों तक फैली है। वहीं, 19 हाथियों का अलग झुंड बाणसागर बैकवाटर्स के पास बाँस के जंगलों और जल स्रोतों के सहारे रह रहा है।
स्थिर जीके टिप: एशियाई हाथियों की वैश्विक आबादी का 60% से अधिक भारत में पाया जाता है।
बांधवगढ़ का आवासीय लाभ
विशेषज्ञ बताते हैं कि हाथी बांधवगढ़ को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ सालभर पानी उपलब्ध रहता है, बाँस की प्रचुरता है और घने जंगल हैं। पहाड़ी इलाका उन्हें प्राकृतिक सुरक्षा और पर्याप्त भोजन देता है। यही कारण है कि बांधवगढ़ हाथियों का स्थायी निवास बन गया है और उनका अन्य राज्यों में पलायन कम हो गया है।
मध्य प्रदेश में विस्तार
यह ऐप बांधवगढ़ के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है। 26–29 सितंबर को वन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रशिक्षण संजय डुबरी टाइगर रिज़र्व और शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, उमरिया और डिंडोरी जिलों में हुआ। इसका उद्देश्य पूरे राज्य में हाथियों की निगरानी का नेटवर्क तैयार करना है।
स्थिर जीके तथ्य: बांधवगढ़ को 1968 में राष्ट्रीय उद्यान और 1993 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था।
संरक्षण पर प्रभाव
गज रक्षक ऐप मानव-हाथी संघर्ष को कम करने, समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हाथियों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तकनीक और जनभागीदारी को जोड़कर, मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए संरक्षण का एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
ऐप का नाम | गज रक्षक ऐप |
लॉन्च किया | सीएम मोहन यादव (विश्व बाघ दिवस पर) |
विकसित किया | एमपी वन विभाग, वाइल्डलाइफ़ कंज़र्वेशन ट्रस्ट, कल्पवाग कंपनी |
स्थान | बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश |
2018 की हाथी संख्या | 40 |
वर्तमान हाथी संख्या | लगभग 65 |
प्रशिक्षण तिथि | 26–29 सितंबर |
विस्तार क्षेत्र | संजय डुबरी टाइगर रिज़र्व और 7 जिले (शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, उमरिया, डिंडोरी) |
मुख्य विशेषता | रीयल-टाइम हाथी ट्रैकिंग और अलर्ट |
स्थिर जीके तथ्य | बांधवगढ़ 1993 में टाइगर रिज़र्व बना |