अक्टूबर 19, 2025 9:29 अपराह्न

गज रक्षक ऐप बांधवगढ़ में हाथियों की निगरानी को बढ़ाता है

चालू घटनाएँ: गज रक्षक ऐप, बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश, मानव-हाथी संघर्ष, विश्व बाघ दिवस, मोहन यादव, वाइल्डलाइफ़ कंज़र्वेशन ट्रस्ट, हाथी जनसंख्या, बाणसागर बैकवाटर्स, वन संरक्षण

Gaj Rakshak App Enhances Elephant Monitoring in Bandhavgarh

ऐप का शुभारंभ

बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में बढ़ते मानव-हाथी संघर्षों से निपटने के लिए गज रक्षक ऐप को अपनाया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे विश्व बाघ दिवस पर भोपाल में लॉन्च किया। यह ऐप मध्य प्रदेश वन विभाग, वाइल्डलाइफ़ कंज़र्वेशन ट्रस्ट और कल्पवाग कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य हाथियों की निगरानी और संरक्षण को सशक्त बनाना है।

ऐप की विशेषताएँ

यह ऐप हाथियों की रीयल-टाइम लोकेशन, उनकी गतिविधि और व्यवहार की जानकारी देता है। जब हाथी मानव बस्तियों के करीब आते हैं तो SMS, पुश नोटिफिकेशन, वॉइस कॉल और साइरन के जरिए अलर्ट भेजे जाते हैं। यह ऐप ऑफ़लाइन मोड में भी काम करता है ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में भी सूचना पहुँचे। फील्ड स्टाफ तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं, लोकेशन अपडेट कर सकते हैं और बता सकते हैं कि हाथी अकेले चल रहे हैं या झुंड में। यह जानकारी 10 किमी के दायरे में बसे लोगों को भेजी जाती है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में मोबाइल-आधारित वाइल्डलाइफ़ ट्रैकिंग ऐप्स का उपयोग नागरहोल और काज़ीरंगा टाइगर रिज़र्व से शुरू हुआ था।

बढ़ती हाथी जनसंख्या

2018 में बांधवगढ़ में 40 हाथियों का झुंड स्थायी रूप से बस गया था। अब इनकी संख्या बढ़कर लगभग 65 हो गई है। हाथियों की उपस्थिति उमरिया, शहडोल और अनूपपुर ज़िलों तक फैली है। वहीं, 19 हाथियों का अलग झुंड बाणसागर बैकवाटर्स के पास बाँस के जंगलों और जल स्रोतों के सहारे रह रहा है।
स्थिर जीके टिप: एशियाई हाथियों की वैश्विक आबादी का 60% से अधिक भारत में पाया जाता है।

बांधवगढ़ का आवासीय लाभ

विशेषज्ञ बताते हैं कि हाथी बांधवगढ़ को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यहाँ सालभर पानी उपलब्ध रहता है, बाँस की प्रचुरता है और घने जंगल हैं। पहाड़ी इलाका उन्हें प्राकृतिक सुरक्षा और पर्याप्त भोजन देता है। यही कारण है कि बांधवगढ़ हाथियों का स्थायी निवास बन गया है और उनका अन्य राज्यों में पलायन कम हो गया है।

मध्य प्रदेश में विस्तार

यह ऐप बांधवगढ़ के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है। 26–29 सितंबर को वन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रशिक्षण संजय डुबरी टाइगर रिज़र्व और शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, उमरिया और डिंडोरी जिलों में हुआ। इसका उद्देश्य पूरे राज्य में हाथियों की निगरानी का नेटवर्क तैयार करना है।
स्थिर जीके तथ्य: बांधवगढ़ को 1968 में राष्ट्रीय उद्यान और 1993 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था।

संरक्षण पर प्रभाव

गज रक्षक ऐप मानव-हाथी संघर्ष को कम करने, समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हाथियों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तकनीक और जनभागीदारी को जोड़कर, मध्य प्रदेश अन्य राज्यों के लिए संरक्षण का एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
ऐप का नाम गज रक्षक ऐप
लॉन्च किया सीएम मोहन यादव (विश्व बाघ दिवस पर)
विकसित किया एमपी वन विभाग, वाइल्डलाइफ़ कंज़र्वेशन ट्रस्ट, कल्पवाग कंपनी
स्थान बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व, मध्य प्रदेश
2018 की हाथी संख्या 40
वर्तमान हाथी संख्या लगभग 65
प्रशिक्षण तिथि 26–29 सितंबर
विस्तार क्षेत्र संजय डुबरी टाइगर रिज़र्व और 7 जिले (शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, उमरिया, डिंडोरी)
मुख्य विशेषता रीयल-टाइम हाथी ट्रैकिंग और अलर्ट
स्थिर जीके तथ्य बांधवगढ़ 1993 में टाइगर रिज़र्व बना
Gaj Rakshak App Enhances Elephant Monitoring in Bandhavgarh
  1. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने हाथियों की निगरानी के लिए गज रक्षक ऐप को अपनाया।
  2. विश्व बाघ दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा ऐप लॉन्च किया गया।
  3. मध्य प्रदेश वन विभाग, डब्ल्यूसीटी और कल्पवाग कंपनी द्वारा विकसित।
  4. हाथियों की वास्तविक समय में लोकेशन और मूवमेंट ट्रैकिंग प्रदान करता है।
  5. एसएमएस, नोटिफिकेशन, कॉल और सायरन के माध्यम से अलर्ट भेजता है।
  6. दूरस्थ जंगलों में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करते हुए ऑफलाइन मोड में काम करता है।
  7. फील्ड स्टाफ तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं और हाथियों का डेटा अपडेट कर सकते हैं।
  8. 10 किमी सुरक्षा बफर के भीतर निवासियों के साथ जानकारी साझा की जाती है।
  9. हाथियों की आबादी 2018 में 40 से बढ़कर 2025 में 65 हो गई।
  10. हाथी उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिलों में फैले हुए हैं।
  11. बाणसागर बैकवाटर के पास 19 हाथियों का एक अलग झुंड रहता है।
  12. भारत में वैश्विक एशियाई हाथियों की 60% से अधिक आबादी रहती है।
  13. हाथी पानी, बाँस और पहाड़ी इलाकों में पनपते हैं।
  14. बांधवगढ़ हाथियों का एक सुरक्षित और स्थायी आवास बन गया है।
  15. ऐप का संजय दुबरी और अन्य बाघ अभयारण्यों में विस्तार किया जा रहा है।
  16. शहडोल, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, सतना, डिंडोरी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  17. बांधवगढ़ को 1968 में राष्ट्रीय उद्यान और 1993 में बाघ अभयारण्य घोषित किया गया।
  18. ऐप मानव-हाथी संघर्ष को कम करता है और समुदायों की सुरक्षा करता है।
  19. संरक्षण प्रयासों में प्रौद्योगिकी को सामुदायिक भागीदारी के साथ जोड़ता है।
  20. मध्य प्रदेश वन्यजीव संरक्षण में अन्य राज्यों के लिए आदर्श स्थापित करता है।

Q1. मध्य प्रदेश में गज रक्षक ऐप किसने लॉन्च किया?


Q2. गज रक्षक ऐप किस संगठन ने विकसित किया है?


Q3. सन् 2025 के आसपास बांधवगढ़ में हाथियों की संख्या कितनी थी?


Q4. बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व को प्रोजेक्ट टाइगर के तहत कब टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था?


Q5. गज रक्षक ऐप का मुख्य कार्य क्या है?


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