भंडारण की बढ़ती आवश्यकता
भारत के 2024-25 में 354 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन ने भंडारण की महत्ता को उजागर किया है। गेहूँ का उत्पादन 117 मिलियन टन और चावल का उत्पादन 149 मिलियन टन तक पहुँच गया। कुशल भंडारण से अपव्यय घटता है, मूल्य स्थिरता बनी रहती है और किसानों की आय सुरक्षित रहती है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूँ और चावल उत्पादक देश है।
केंद्रीकृत भंडारण प्रणाली
भारतीय खाद्य निगम (FCI) न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अनाज की खरीद करता है और उन्हें ढके हुए गोदामों तथा आधुनिक साइलो में संग्रहीत करता है। यह प्रणाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की रीढ़ है। मध्य 2025 तक FCI और राज्य एजेंसियाँ 917 लाख मीट्रिक टन से अधिक का भंडारण प्रबंधित कर रही थीं, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मज़बूत हुई।
कोल्ड स्टोरेज का विस्तार
कोल्ड चेन सुविधाएँ फलों, सब्ज़ियों, दुग्ध और मांस जैसे नाशवान उत्पादों को संरक्षित करती हैं। भारत में वर्तमान में 8,815 कोल्ड स्टोरेज हैं, जिनकी क्षमता 402 लाख मीट्रिक टन से अधिक है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) और कृषि अवसंरचना कोष (AIF) जैसी योजनाएँ कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्ट के विस्तार को बढ़ावा देती हैं।
स्थिर जीके टिप: भारत में सबसे अधिक कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ उत्तर प्रदेश में हैं।
PACS की भूमिका विकेन्द्रीकृत भंडारण में
प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) गाँव स्तर पर संचालित होती हैं, जिससे परिवहन लागत और कटाई उपरांत हानि कम होती है। ये गोदाम, खरीद केंद्र और फेयर प्राइस शॉप्स के रूप में काम करती हैं। 73,000 से अधिक PACS को कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है, और विस्तार परियोजनाएँ ग्रामीण भंडारण को और मज़बूत बना रही हैं।
सरकारी योजनाएँ और क्षमता निर्माण
- कृषि अवसंरचना कोष (AIF): ₹73,000 करोड़ से अधिक की 27 लाख परियोजनाएँ स्वीकृत।
- कृषि विपणन अवसंरचना (AMI): लगभग 50,000 वेयरहाउस का निर्माण।
- प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY): 1,601 खाद्य प्रसंस्करण और कोल्ड चेन परियोजनाएँ स्वीकृत।
- पूँजी निवेश अनुदान योजना: कठिन क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज निर्माण को सहायता।
आधुनिक तकनीक का उपयोग
भारत स्टील साइलो और मशीनीकृत बल्क हैंडलिंग तकनीक से भंडारण हानि को घटा रहा है। मध्य 2025 तक 27 लाख टन क्षमता वाले साइलो कार्यरत थे, और और भी निर्माणाधीन हैं। FCI खाली ज़मीन पर गोदाम बनाकर संपत्ति मुद्रीकरण कर रहा है। विशेष ध्यान पूर्वोत्तर राज्यों पर दिया जा रहा है।
सहकारी क्षेत्र की पहल
सहकारी क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा अनाज भंडारण योजना 2023 में शुरू हुई। 11 राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और 500 PACS को विस्तार के लिए चुना गया है। यह योजना PACS को बहु-सेवा केंद्रों में बदल देगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, प्रसंस्करण और भंडारण क्षमता मज़बूत होगी।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
खाद्यान्न उत्पादन 2024-25 | 354 मिलियन टन |
गेहूँ उत्पादन | 117 मिलियन टन |
चावल उत्पादन | 149 मिलियन टन |
FCI और राज्य भंडारण क्षमता 2025 | 917 लाख मीट्रिक टन |
भारत में कोल्ड स्टोरेज की संख्या | 8,815 |
कोल्ड स्टोरेज क्षमता | 402 लाख मीट्रिक टन |
कंप्यूटरीकृत PACS | 73,000 से अधिक |
AIF स्वीकृत परियोजनाएँ | 1.27 लाख, ₹73,000 करोड़ मूल्य |
स्टील साइलो की कार्यरत क्षमता 2025 | 27 लाख टन |
सहकारी भंडारण योजना | 11 राज्यों में पायलट लागू |