वैश्विक पशुधन क्षेत्र में भारत की भूमिका
भारत पशुधन और डेयरी उत्पादन में विश्व नेता बनकर उभरा है। यह क्षेत्र कृषि सकल मूल्य संवर्धन (Agri GVA) में 31% और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में लगभग 5.5% का योगदान करता है। ग्रामीण भारत के लगभग दो-तिहाई परिवार अपनी आजीविका के लिए सीधे पशुधन पर निर्भर हैं।
भारत दूध उत्पादन में पहले, अंडा उत्पादन में दूसरे और मांस उत्पादन में पाँचवें स्थान पर है, जो इस क्षेत्र के पैमाने और विविधता को दर्शाता है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत की श्वेत क्रांति (White Revolution), जिसे डॉ. वर्गीज कुरियन ने नेतृत्व दिया, ने भारत को विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बनाने में अहम भूमिका निभाई।
क्षेत्र की चुनौतियाँ
- भारत के पास विश्व की 15% पशुधन आबादी है, लेकिन मात्र 5% कृषि योग्य भूमि चारे की खेती के लिए उपयोग की जाती है, जिससे चारे की भारी कमी है।
- केवल 1% पशुधन बीमाकृत है।
- हेमरेजिक सेप्टीसीमिया, फुट एंड माउथ डिज़ीज़ (FMD), ब्रुसेलोसिस जैसी बीमारियाँ किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाती हैं।
- भारत पशुओं में एंटीबायोटिक उपयोग में चौथे स्थान पर है, जिससे एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस की गंभीर समस्या उभर रही है।
स्थिर जीके टिप: विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) का मुख्यालय पेरिस में है और यह वैश्विक पशु रोग और प्रतिरोध की निगरानी करता है।
क्षेत्र को बदलने के लिए सरकारी पहल
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन: देशी नस्लों का संरक्षण और उन्नयन।
- पशुधन टीकाकरण कार्यक्रम: हर साल 120 करोड़ से अधिक टीके लगाए जाते हैं, जिससे मृत्यु दर कम और उत्पादकता बढ़ी।
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDF):5 अरब डॉलर का कोष, जो डेयरी प्रोसेसिंग, फीड प्लांट, ब्रीडिंग सेंटर और मीट प्रोसेसिंग को सहायता देता है।
- समुदाय आधारित नवाचार:
- MAITRIs: स्थानीय प्रजनन सेवा प्रदाता।
- A-HELP: महिलाएँ जो पशु स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय हैं।
इन पहलों ने ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिलाओं, को पशुपालन स्वास्थ्य वितरण प्रणाली में सशक्त बनाया।
भविष्य का रोडमैप
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि पशुधन को विशेष क्षेत्र (Special Sector) घोषित किया जाए ताकि नीतिगत और वित्तीय संसाधन अधिक मिल सकें।
- एकीकृत खेती प्रणाली (IFS): फसल और पशुधन को जोड़कर दक्षता और किसान आय में सुधार।
- राज्य-विशिष्ट नस्ल सुधार कार्यक्रम लागू करना ताकि विदेशी नस्लों के कारण देशी नस्लें नष्ट न हों।
- राष्ट्रीय चारा मिशन की स्थापना और पशुधन बीमा का विस्तार, क्षेत्र की मजबूती और स्थिरता के लिए अहम कदम होंगे।
स्थिर जीके तथ्य: राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की स्थापना 1965 में हुई थी और इसने ऑपरेशन फ्लड (विश्व का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम) को सफल बनाने में केंद्रीय भूमिका निभाई।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
अर्थव्यवस्था में योगदान | कृषि GVA का 31%, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का 5.5% |
वैश्विक रैंकिंग | दूध – 1st, अंडा – 2nd, मांस – 5th |
ग्रामीण आजीविका | दो-तिहाई परिवार पशुधन पर निर्भर |
चारे की समस्या | केवल 5% कृषि भूमि पर चारे की खेती |
बीमा | केवल 1% पशुधन बीमाकृत |
प्रमुख बीमारियाँ | FMD, ब्रुसेलोसिस, हेमरेजिक सेप्टीसीमिया |
एंटीबायोटिक उपयोग रैंक | विश्व में 4th |
प्रमुख योजनाएँ | राष्ट्रीय गोकुल मिशन, टीकाकरण कार्यक्रम, AHIDF |
सामुदायिक पहल | MAITRIs और A-HELP |
भविष्य की रूपरेखा | राष्ट्रीय चारा मिशन, पशुधन बीमा, नस्ल सुधार, IFS प्रोत्साहन |