अक्टूबर 5, 2025 5:05 पूर्वाह्न

निसार उपग्रह ने पृथ्वी की पहली विस्तृत तस्वीरें जारी कीं

चालू घटनाएँ: निसार उपग्रह, नासा, इसरो, सिंथेटिक अपर्चर राडार, पृथ्वी अवलोकन, एल-बैंड राडार, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण निगरानी, कृषि मानचित्रण, अंतरिक्ष सहयोग

NISAR Satellite Unlocks First Detailed Earth Images

निसार मिशन का अवलोकन

नासा–इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (NISAR) एक संयुक्त पृथ्वी अवलोकन मिशन है। इसे 30 जुलाई 2025 को लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की सतह की निरंतर राडार छवियाँ उपलब्ध कराना है। इस उपग्रह की तकनीक मौसम और सूर्यप्रकाश की परवाह किए बिना भू-भाग के परिवर्तनों की निगरानी करने में सक्षम है।
स्थिर जीके तथ्य: इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी (मुख्यालय बेंगलुरु), जबकि नासा की स्थापना 1958 में वॉशिंगटन डी.सी. में हुई थी।

पहली पृथ्वी की तस्वीरें जारी

उपग्रह ने हाल ही में अपनी पहली तस्वीरें भेजी हैं, जिनमें मेन (अमेरिका) के माउंट डेजर्ट आइलैंड और नॉर्थ डकोटा के उत्तरी भाग शामिल हैं। इन राडार छवियों में जंगल, आर्द्रभूमि, बंजर भूमि और कृषि क्षेत्र 5 मीटर के रिज़ॉल्यूशन के साथ देखे जा सकते हैं। इतनी सटीकता से मानव बस्तियाँ और सिंचाई नेटवर्क स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
स्थिर जीके तथ्य: सिंथेटिक अपर्चर राडार (SAR) उपग्रह बादलों के पार और रात में भी पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम होते हैं।

एल-बैंड राडार तकनीक का महत्व

NISAR एल-बैंड राडार का उपयोग करता है, जो वनस्पति और बादलों को प्रभावी ढंग से भेद सकता है। यह तकनीक वैज्ञानिकों को जंगल, कृषि भूमि और शहरी ढाँचों में अंतर करने में मदद करती है। साथ ही, यह दीर्घकालिक डेटा प्रदान करता है, जो पारिस्थितिक तंत्र और भूमि-उपयोग परिवर्तनों को समझने में सहायक है।
स्थिर जीके टिप: एल-बैंड तरंगदैर्घ्य 1–2 GHz के बीच होता है, जिससे यह वृक्षों की छत्रछाया और मिट्टी की परतों तक प्रवेश कर सकता है।

पर्यावरण और कृषि अनुप्रयोग

यह मिशन वन निगरानी, आर्द्रभूमि संरक्षण और फसल चक्र की ट्रैकिंग में अहम भूमिका निभाएगा। यह वनों की कटाई, मिट्टी की नमी और कृषि उत्पादन पैटर्न पर डेटा देगा, जिससे किसानों और नीति-निर्माताओं को मदद मिलेगी।
यह तकनीक आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण है, जैसे बाढ़, भूकंप और भूस्खलन की ट्रैकिंग।
स्थिर जीके तथ्य: भारत का पहला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह भास्कर-I था, जिसे 1979 में लॉन्च किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी

NISAR परियोजना भारत और अमेरिका के बीच मजबूत वैज्ञानिक सहयोग को दर्शाती है। इसमें नासा ने राडार प्रणाली प्रदान की, जबकि इसरो ने GSLV Mk-II प्रक्षेपण यान और उपग्रह एकीकरण का कार्य संभाला।
पृथ्वी अवलोकन से आगे, निसार भविष्य के चंद्र और मंगल अन्वेषण कार्यक्रमों के लिए भी मार्ग प्रशस्त करता है।
स्थिर जीके तथ्य: GSLV Mk-II 2.5 टन तक के पेलोड को भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर सकता है।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय विवरण
मिशन का नाम नासा–इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (NISAR)
लॉन्च तिथि 30 जुलाई 2025
प्रक्षेपण यान GSLV Mk-II (इसरो)
सहयोगी एजेंसियाँ नासा और इसरो
पहली तस्वीरें माउंट डेजर्ट आइलैंड (मेन) और नॉर्थ डकोटा
प्रमुख तकनीक एल-बैंड सिंथेटिक अपर्चर राडार
रिज़ॉल्यूशन 5 मीटर तक की सटीकता
मुख्य अनुप्रयोग आपदा प्रबंधन, कृषि, अवसंरचना, पारिस्थितिकी निगरानी
दीर्घकालिक लक्ष्य सतत भूमि उपयोग, पर्यावरण संरक्षण, अंतरिक्ष अन्वेषण सहयोग
स्थिर जीके संदर्भ भास्कर-I, भारत का पहला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (1979)
NISAR Satellite Unlocks First Detailed Earth Images
  1. निसार नासा और इसरो का एक संयुक्त पृथ्वी मिशन है।
  2. इसे 30 जुलाई 2025 को जीएसएलवी मार्क-II का उपयोग करके प्रक्षेपित किया गया था।
  3. इसे पृथ्वी की सतह की निरंतर निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  4. इसरो की स्थापना 1969 में हुई थी और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है।
  5. नासा की स्थापना 1958 में वाशिंगटन, डी.सी. में हुई थी।
  6. निसार ने मेन और नॉर्थ डकोटा की पहली पृथ्वी की तस्वीरें जारी कीं।
  7. उपग्रह में 5 मीटर उच्च रिज़ॉल्यूशन वाली रडार इमेजिंग है।
  8. यह जंगलों, आर्द्रभूमि, कृषि और बस्तियों पर प्रकाश डालता है।
  9. यह वनस्पति और बादलों को भेदने वाले एल-बैंड रडार का उपयोग करता है।
  10. एल-बैंड 1 से 2 गीगाहर्ट्ज़ आवृत्ति पर संचालित होता है।
  11. यह जंगलों, कृषि भूमि और शहरी संरचनाओं में अंतर कर सकता है।
  12. पारिस्थितिकी तंत्र पर नज़र रखने और भूमि-उपयोग परिवर्तनों में उपयोगी।
  13. यह वनों की कटाई, मिट्टी की नमी और फसल की पैदावार की निगरानी में मदद करता है।
  14. आपदा प्रबंधन, बाढ़ और भूस्खलन में भूमिका निभाता है।
  15. भारत का पहला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह भास्कर-I (1979) था।
  16. GSLV Mk-II 2.5 टन पेलोड को GTO कक्षा में ले जाता है।
  17. NASA ने रडार प्रणाली में योगदान दिया, ISRO ने प्रक्षेपण यान का संचालन किया।
  18. मिशन चंद्र और मंगल ग्रह की खोज में सहयोग का समर्थन करता है।
  19. यह अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत-अमेरिका वैज्ञानिक साझेदारी को बढ़ावा देता है।
  20. NISAR स्थायी भूमि उपयोग और पर्यावरण निगरानी सुनिश्चित करता है।

Q1. निसार (NISAR) मिशन पर किन दो अंतरिक्ष एजेंसियों ने सहयोग किया?


Q2. निसार उपग्रह का प्रक्षेपण कब किया गया था?


Q3. निसार किस राडार तकनीक का उपयोग करता है?


Q4. भारत का पहला पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, भास्कर-I, किस वर्ष प्रक्षेपित किया गया था?


Q5. निसार की पहली पृथ्वी छवियों का स्थानिक विभेदन (स्पैशियल रेज़ोल्यूशन) कितना है?


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