परिचय
भारत 1 अक्टूबर 2025 से यूरोपीय देशों के एक समूह के साथ अपना पहला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) लागू करने जा रहा है। यह व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के देशों—स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टाइन—के साथ हुआ है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा घोषित इस समझौते से शुल्क कटौती, निवेश प्रवाह और उच्च-मूल्य वाले बाज़ारों तक बेहतर पहुँच सुनिश्चित होगी।
भारत–EFTA समझौता क्या है
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) एक चार-सदस्यीय समूह है, जो यूरोपीय संघ (EU) से बाहर है। भारत ने मार्च 2024 में EFTA के साथ TEPA पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में चरणबद्ध शुल्क कटौती, सेवाओं के बाज़ार तक बेहतर पहुँच, बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा और निवेश सुविधा जैसे प्रावधान शामिल हैं।
स्थिर जीके तथ्य: EFTA की स्थापना 1960 में स्टॉकहोम कन्वेंशन के तहत गैर-EU यूरोपीय देशों में मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए हुई थी।
TEPA के प्रमुख प्रावधान
- वस्तुओं पर क्रमिक शुल्क उदारीकरण।
- भारत के फार्मा, वस्त्र, ऑटो पार्ट्स, रत्न-आभूषण और रसायन निर्यातकों को कम शुल्क का लाभ।
- तकनीकी हस्तांतरण, कौशल विकास और नवाचार इकोसिस्टम पर प्रतिबद्धता।
- 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर निवेश का वादा, जिससे 10 लाख नौकरियाँ सृजित होने की उम्मीद।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
यह भारत का पहला FTA है जो विकसित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ हुआ है। इससे भारत का व्यापार एशिया और मध्य पूर्व से आगे बढ़कर यूरोप तक विस्तारित होगा।
- स्वच्छ प्रौद्योगिकी, फार्मा और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों को यूरोपीय सप्लाई चेन से जोड़ने का अवसर।
- मानकीकरण और लॉजिस्टिक्स में सुधार से भारतीय कंपनियाँ वैश्विक व्यापार नेटवर्क में अधिक प्रभावी ढंग से भाग ले पाएंगी।
स्थिर जीके टिप: स्विट्ज़रलैंड EFTA में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यह द्विपक्षीय व्यापार का 90% से अधिक हिस्सा रखता है।
अवसर और चुनौतियाँ
अवसर:
- बाज़ार विस्तार, R&D सहयोग, स्टार्टअप फंडिंग और ग्रीन ट्रेड की संभावनाएँ।
- भारत के स्टार्टअप्स को AI, मेड-टेक और क्लीन एनर्जी में EFTA समर्थित वेंचर कैपिटल मिल सकता है।
चुनौतियाँ:
- भारत का कृषि और डेयरी क्षेत्र संवेदनशील है।
- यदि भारतीय निर्यात शीघ्र नहीं बढ़े तो व्यापार असंतुलन की आशंका।
- MSMEs में जागरूकता और समझौते के सही क्रियान्वयन पर असली प्रभाव निर्भर करेगा।
भारत की व्यापारिक दृष्टि से संबंध
यह समझौता भारत को $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को समर्थन देता है। यह UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए पूर्व समझौतों का पूरक है और EU, US और चिली के साथ चल रही वार्ताओं को मज़बूत करता है। साथ ही, यह समझौता भारत की घरेलू पहलों जैसे PLI योजना, GST सुधार और अवसंरचना उन्नयन को भी समर्थन देता है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत का पहला आधुनिक FTA 1998 में श्रीलंका के साथ हुआ था, जिसे भारत–श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौता (ISFTA) कहते हैं।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
समझौते का नाम | व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) |
शामिल देश | स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टाइन |
घोषणा | केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा |
प्रभावी तिथि | 1 अक्टूबर 2025 |
निवेश प्रतिबद्धता | 15 वर्षों में 100 अरब डॉलर |
अनुमानित नौकरी सृजन | 10 लाख |
प्रमुख निर्यात क्षेत्र | फार्मा, वस्त्र, रत्न-आभूषण, ऑटो पार्ट्स, रसायन |
संवेदनशील क्षेत्र | कृषि और डेयरी |
हस्ताक्षर | मार्च 2024 |
पहला FTA | विकसित यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं के साथ |