स्मारक की नींव
तमिलनाडु सरकार ने केरल के आलप्पुषा ज़िले के आरुकुट्टी में पेरियार स्मारक बनाने की घोषणा की है। इसकी आधारशिला 26 सितंबर 2025 को रखी जाएगी। इस परियोजना के लिए ₹4 करोड़ का आवंटन किया गया है।
स्थिर जीके तथ्य: आलप्पुषा को इसकी बैकवाटर्स और हाउसबोट्स के कारण “पूर्व का वेनिस” कहा जाता है।
आरुकुट्टी का ऐतिहासिक महत्व
21 मई 1924 को प्रसिद्ध वैकोम सत्याग्रह के दौरान पेरियार को आरुकुट्टी में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने लगभग एक महीना आरुकुट्टी जेल में बिताया, जो उस समय त्रावणकोर रियासत का हिस्सा था। पुराने जेल के अवशेष आज भी स्मारक के लिए चुनी गई जगह पर मौजूद हैं।
स्थिर जीके तथ्य: त्रावणकोर 1949 में कोचीन के साथ विलय हुआ और 1956 में केरल राज्य का हिस्सा बना।
वैकोम सत्याग्रह आंदोलन
वैकोम सत्याग्रह (मार्च 1924 – नवंबर 1925) एक जन आंदोलन था, जो वैकोम श्री महादेव मंदिर के पास जाति-आधारित प्रतिबंधों के खिलाफ चला। इसकी अगुवाई शुरू में टी.के. माधवन, के.पी. केशव मेनन और जॉर्ज जोसेफ ने की।
महात्मा गांधी ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया, जिससे इसे राष्ट्रीय पहचान मिली। पेरियार 13 अप्रैल 1924 को आंदोलन से जुड़े, जब कई अग्रणी नेताओं को जेल में डाल दिया गया था। उनके नेतृत्व ने संघर्ष को नई ताक़त दी।
पेरियार की भूमिका और कारावास
पेरियार ने आंदोलन के निर्णायक चरण में नेतृत्व संभाला और सुनिश्चित किया कि दमन के बावजूद सत्याग्रह चलता रहे। उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा, जिनमें जुलाई 1924 में तिरुवनंतपुरम सेंट्रल जेल में चार महीने का कठोर कारावास भी शामिल था।
उनकी दृढ़ता के कारण उन्हें “वैकोम वीरर” (वैकोम का हीरो) की उपाधि मिली। यह संघर्ष दक्षिण भारत में जाति भेदभाव के खिलाफ लड़ाई का एक बड़ा मील का पत्थर बना।
स्थिर जीके टिप: 1936 में त्रावणकोर के शासक द्वारा जारी मंदिर प्रवेश उद्घोषणा वैकोम सत्याग्रह का प्रत्यक्ष परिणाम थी।
दीर्घकालिक विरासत
वैकोम सत्याग्रह ने पूरे भारत में व्यापक मंदिर प्रवेश आंदोलनों की नींव रखी। इसने सामाजिक न्याय और उपासना में समानता की पुकार को मजबूत किया। आरुकुट्टी में प्रस्तावित स्मारक पेरियार के बलिदानों का सम्मान करेगा और तमिलनाडु व केरल की साझा सामाजिक न्याय की विरासत को उजागर करेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
स्मारक स्थान | आरुकुट्टी, आलप्पुषा, केरल |
आधारशिला तिथि | 26 सितंबर 2025 |
परियोजना आवंटन | ₹4 करोड़ |
स्मरण किए गए नेता | पेरियार ई.वी. रामासामी |
गिरफ्तारी तिथि | वैकोम सत्याग्रह, 21 मई 1924 |
आंदोलन के प्रारंभिक नेता | टी.के. माधवन, के.पी. केशव मेनन, जॉर्ज जोसेफ |
गांधी की भूमिका | 1924–25 में आंदोलन को समर्थन |
पेरियार की उपाधि | वैकोम वीरर |
बाद का प्रभाव | 1936 का मंदिर प्रवेश उद्घोषणा |
पुनः गिरफ्तारी के बाद जेल | तिरुवनंतपुरम सेंट्रल जेल |