प्रारंभिक शामिल और भूमिका
मिग 21 को 1963 में चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल किया गया। यह भारत का पहला सुपरसोनिक फाइटर विमान बना। भारत ने कुल 870 से अधिक विमान खरीदे, जिससे यह देश के इतिहास में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला लड़ाकू प्लेटफॉर्म बन गया।
स्थिर जीके तथ्य: मिग 21 को सोवियत संघ ने 1950 के दशक में डिजाइन किया था और यह विश्व का सबसे अधिक उत्पादित सुपरसोनिक जेट बना।
युद्ध अभियानों में भूमिका
मिग 21 ने कई युद्धों में अहम योगदान दिया। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में इसने फ्रंटलाइन मिशन पूरे किए। 1999 के कारगिल युद्ध में इसने हवाई सहयोग प्रदान किया। 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान एक मिग 21 बाइसन ने ऐतिहासिक डॉगफाइट में हिस्सा लिया, जिसने इसकी लड़ाकू प्रासंगिकता को और साबित किया।
स्थिर जीके तथ्य: विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने 2019 की डॉगफाइट में मिग 21 बाइसन उड़ाया था।
अंतिम उड़ान और समारोह
मिग 21 की अंतिम रिहर्सल उड़ान 24 सितंबर 2025 को हुई। आधिकारिक डिकमीशनिंग समारोह 26 सितंबर 2025 को आयोजित किया गया, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख उपस्थित रहे। नं. 23 स्क्वाड्रन पैंथर्स, जो मिग 21 उड़ाने वाली आखिरी इकाई थी, को औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त किया गया।
स्थिर जीके टिप: भारतीय वायुसेना ने मिग 21 का 62 वर्षों तक उपयोग किया — यह IAF की सेवा में सबसे लंबे समय तक रहने वाला फाइटर रहा।
आधुनिक बेड़े की ओर संक्रमण
सेवानिवृत्ति वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा कदम है। अब IAF तेजस स्क्वाड्रनों का विस्तार कर रही है, अधिक राफेल विमानों को शामिल कर रही है और भविष्य की परियोजनाओं जैसे AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) और MRFA (मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) पर ध्यान दे रही है। यह भारत के शीत युद्ध काल के आयातित विमानों से स्वदेशी, तकनीक-आधारित रक्षा प्रणालियों की ओर संक्रमण का प्रतीक है।
ऐतिहासिक विरासत
मिग 21 भारत के रक्षा इतिहास का प्रतीक रहा है। अपनी गति, फुर्ती और विश्वसनीयता के कारण इसने छह दशकों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ का कार्य किया। यद्यपि बाद के वर्षों में इसकी सुरक्षा रिकॉर्ड पर आलोचना हुई, लेकिन भारत की हवाई शक्ति को आकार देने में इसकी भूमिका निर्विवाद रही।
स्थिर जीके तथ्य: मिग 21 को विश्वभर के 60 से अधिक देशों ने संचालित किया, जिससे यह इतिहास के सबसे अधिक निर्यात किए गए लड़ाकू विमानों में शामिल हुआ।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पहली बार शामिल | 1963, चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन |
डिजाइन | सोवियत संघ, 1950 के दशक में |
भारत द्वारा खरीदे गए कुल विमान | 870 से अधिक |
अंतिम स्क्वाड्रन | नं. 23 स्क्वाड्रन पैंथर्स |
अंतिम उड़ान | 24 सितंबर 2025 |
डिकमीशनिंग समारोह | 26 सितंबर 2025 |
प्रमुख अतिथि | राजनाथ सिंह, जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख |
उल्लेखनीय अभियान | 1965 व 1971 युद्ध, 1999 कारगिल युद्ध, 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक |
प्रतिस्थापित विमान | तेजस एलसीए, राफेल, भविष्य के एएमसीए और एमआरएफए |
सेवा अवधि | 62 वर्ष |