परिचय
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री को मंज़ूरी दी है। यह निर्णय त्योहारों के दौरान पारंपरिक पटाखों से होने वाले गंभीर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हरित पटाखे ऐसे बनाए गए हैं कि वे कम हानिकारक रसायन उत्सर्जित करें और साथ ही उत्सव का माहौल भी बनाए रखें।
हरित पटाखे क्या हैं
हरित पटाखे पर्यावरण अनुकूल विकल्प हैं, जो वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम करते हैं। पारंपरिक पटाखों में बारीयम यौगिक (जो हरे रंग की लौ पैदा करते हैं) शामिल होते हैं, लेकिन हरित पटाखों में ये अनुपस्थित हैं। इनकी संरचना में फुलझड़ी, पेंसिल, स्पार्कलर, मरून, बम और चक्करी शामिल हैं, लेकिन इनमें थर्माइट और एल्युमिनियम की मात्रा बहुत कम होती है।
स्थिर जीके तथ्य: पहला हरित पटाखा प्रौद्योगिकी सीएसआईआर-NEERI (नागपुर) द्वारा विकसित किया गया था।
हरित पटाखों के लाभ
- पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम से कम 30% कम पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन।
- ऑक्सीडेंट के रूप में पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग, जिससे धुआँ कम निकलता है।
- उत्सव का आनंद लेते हुए वायु गुणवत्ता पर गंभीर असर नहीं पड़ता।
स्थिर जीके टिप: 5 और PM10 स्मॉग के प्रमुख घटक हैं, जो दीपावली पर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
पहचान और प्रमाणन
हरित पटाखों पर सीएसआईआर-NEERI का लोगो होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वे पर्यावरण मानकों का पालन करते हैं। प्रमाणित पटाखे कम रसायन प्रयोग से बने होते हैं, जिससे त्योहारों के दौरान वायु गुणवत्ता सुरक्षित रहती है।
स्थिर जीके तथ्य: सीएसआईआर-NEERI की स्थापना 1958 में हुई थी और यह पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी पर केंद्रित एक प्रमुख शोध संस्थान है।
क्रियान्वयन की चुनौतियाँ
- सार्वजनिक जागरूकता की कमी।
- लागत और वहन क्षमता।
- प्रमाणित उत्पादों की निगरानी और अवैध पटाखों की बिक्री रोकना।
इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार और निर्माता मिलकर बड़े पैमाने पर हरित पटाखों को बढ़ावा दे रहे हैं।
स्थिर जीके टिप: दीपावली के दौरान दिल्ली का AQI अक्सर खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरित पटाखों की मंज़ूरी वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा कदम है। कम रासायनिक सामग्री वाले प्रमाणित पटाखों को अपनाकर सरकार और जनता मिलकर विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों जैसे दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
सुप्रीम कोर्ट निर्णय | दिल्ली-एनसीआर में हरित पटाखों के निर्माण और बिक्री को मंज़ूरी |
उद्देश्य | पारंपरिक पटाखों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करना |
संरचना | फुलझड़ी, पेंसिल, स्पार्कलर, मरून, बम, चक्करी; कम थर्माइट; न्यूनतम एल्युमिनियम |
हानिकारक रसायन | बारीयम शामिल नहीं |
उत्सर्जन कमी | कम से कम 30% कमी |
प्रयुक्त ऑक्सीडेंट | पोटेशियम नाइट्रेट |
प्रमाणन | सीएसआईआर-NEERI लोगो |
लाभ | त्योहारों में सुरक्षित वायु गुणवत्ता |
चुनौतियाँ | सार्वजनिक जागरूकता, लागत, प्रमाणित उत्पादों की निगरानी |
स्थिर जीके तथ्य | सीएसआईआर-NEERI की स्थापना 1958 में पर्यावरण विज्ञान हेतु हुई |