जुलाई 19, 2025 10:02 पूर्वाह्न

भारत का पहला मानव चालित सबमर्सिबल मिशन 2025 तक गहराइयों में उतरने को तैयार

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India’s First Human Submersible Mission Set to Dive Deep by 2025

ऐतिहासिक पनडुब्बी मिशन के साथ भारत गहराइयों में कदम रखेगा

भारत वर्ष 2025 के अंत तक अपने पहले मानव चालित सबमर्सिबल मिशन की शुरुआत करने जा रहा है, जो उसे गहरे समुद्री अनुसंधान करने वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर देगा। प्रारंभिक चरण में यह यान 500 मीटर की गहराई तक जाएगा, और 2026 तक इसे 6,000 मीटर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह मिशन भारत की अंतरिक्ष (गगनयान) और समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में समानांतर प्रगति को रेखांकित करता है।

डीप ओशन मिशन: सतह के नीचे भारत की दृष्टि

डीप ओशन मिशन भारत सरकार की एक रणनीतिक पहल है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य नीली अर्थव्यवस्था को गति देना, समुद्री संसाधनों की खोज करना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना है। इस मिशन के तहत भारत अब उन 6 देशों की सूची में शामिल है जिनके पास मानव चालित गहरे समुद्री मिशनों की तकनीकी क्षमता है।

स्वदेशी तकनीक से निर्मित भारत का पनडुब्बी यान

इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। डिज़ाइन से लेकर परीक्षण तक का कार्य भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा किया जा रहा है। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का एक और उदाहरण है, जो भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं और इंजीनियरिंग कौशल को दर्शाता है।

मिशन के उद्देश्य: विज्ञान और सतत विकास का संगम

यह सबमर्सिबल यान भारतीय महासागर की गहराइयों से दुर्लभ खनिज और धातुएं एकत्र करेगा और समुद्री जैव विविधता का अध्ययन करेगा। इससे क्लाइमेट स्टडी, स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की पहचान और समुद्री पारिस्थितिकी की सुरक्षा में योगदान मिलेगा। इन उद्देश्यों से यह मिशन विज्ञान और सतत विकास के मेल का प्रतीक बन जाता है।

महामारी के कारण हुई देरी, पर अब तेज़ी से प्रगति

कोविड-19 महामारी के कारण मिशन की प्रगति में कुछ रुकावटें आई थीं, लेकिन अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के नेतृत्व में वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम द्वारा तेज़ी से कार्य किया जा रहा है ताकि इसे समय पर लॉन्च किया जा सके।

समुद्री विज्ञान के क्षितिज का विस्तार

यह मिशन न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की बेहतर समझ, गहरे समुद्री संसाधनों की खोज और समुद्री शिक्षा अनुसंधान के लिए नए अवसर भी प्रदान करेगा। यह भारत के समुद्री विज्ञान को विश्व मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Static GK Snapshot (स्थैतिक सामान्य ज्ञान)

श्रेणी विवरण
मिशन का नाम डीप ओशन मिशन
लॉन्च की समयसीमा 2025 के अंत में (500 मीटर), लक्ष्य: 6,000 मीटर तक 2026 में
नेतृत्व पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार
मुख्य उद्देश्य खनिज अन्वेषण, जैव विविधता अध्ययन, समुद्री पारिस्थितिकी
विकास पूरी तरह स्वदेशी तकनीक
संबंधित मिशन गगनयान – अंतरिक्ष और समुद्र तकनीक में समानांतर
वैश्विक परिप्रेक्ष्य भारत अब मानव चालित गहरे समुद्र मिशन वाले 6 देशों में शामिल
India’s First Human Submersible Mission Set to Dive Deep by 2025
  1. भारत का पहला मानवयुक्त जलावि मिशन 2025 के अंत तक लॉन्च होने जा रहा है।
  2. मिशन की प्रारंभिक गहराई सीमा 500 मीटर होगी और 2026 तक 6,000 मीटर तक पहुंचने का लक्ष्य है।
  3. यह मिशन सरकार की डीप ओशन मिशन योजना का हिस्सा है, जो समुद्री अन्वेषण और सतत विकास पर केंद्रित है।
  4. मिशन का नेतृत्व भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  5. भारत उन छह देशों की विशिष्ट सूची में शामिल हो गया है जिनके पास मानवयुक्त गहरे समुद्री खोज की तकनीक है।
  6. जलછावि पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से विकसित की जा रही है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल को बढ़ावा देती है।
  7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लू इकोनॉमी रणनीति के हिस्से के रूप में इस मिशन का समर्थन किया है।
  8. मिशन का उद्देश्य समुद्र तल पर मौजूद दुर्लभ खनिजों और धातुओं की खोज करना है।
  9. इसका एक मुख्य उद्देश्य समुद्री जैव विविधता का अध्ययन करना है, जो अभी तक बहुत हद तक अनछुई है।
  10. यह खोजें स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन अध्ययन, और टिकाऊ मत्स्य पालन को समर्थन देंगी।
  11. कोविड-19 के कारण देरी के बावजूद, जलછावि परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है।
  12. इस मिशन में इंजीनियर, समुद्र विज्ञानी और समुद्री वैज्ञानिक मिलकर काम कर रहे हैं।
  13. यह मिशन वैज्ञानिक कूटनीति को बढ़ावा देता है और वैश्विक समुद्री शासन को मजबूत करता है।
  14. भारत इस जलછावि का उपयोग अपने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (EEZs) को मैप करने में करेगा।
  15. परियोजना से समुद्री अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  16. यह मिशन गगनयान मिशन की तरह भारत के अंतरिक्ष और समुद्री अन्वेषण के एकीकरण को दर्शाता है।
  17. जलमग्न खनिज खोज राष्ट्रीय विकास के लिए रणनीतिक संसाधन खोजने में मदद करेगी।
  18. डीप ओशन मिशन वैज्ञानिक प्रगति और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के बीच संतुलन बनाता है।
  19. जलवि का उपयोग गहरे समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और समुद्री भूविज्ञान के अध्ययन में किया जाएगा।
  20. मानवयुक्त जलછावि तकनीक में भारत की एंट्री, समुद्री विज्ञान और नवाचार में ऐतिहासिक छलांग का प्रतीक है।

Q1. भारत की पहली मानव चालित पनडुब्बी को कब लॉन्च किए जाने की उम्मीद है?


Q2. 2026 तक इस पनडुब्बी का लक्ष्य गहराई क्या है?


Q3. भारत की यह पनडुब्बी परियोजना किस मिशन के अंतर्गत शुरू की जा रही है?


Q4. डीप ओशन मिशन का नेतृत्व कौन-सा मंत्रालय कर रहा है?


Q5. यह पनडुब्बी मुख्य रूप से किन चीजों की खोज करने के लिए बनाई जा रही है?


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