IPRS 3.0 का शुभारंभ
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 20 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में औद्योगिक पार्क रेटिंग सिस्टम (IPRS) 3.0 लॉन्च किया। यह लॉन्च मेक इन इंडिया के 10वें वर्षगांठ के अवसर पर हुआ। यह पहल DPIIT द्वारा ADB के तकनीकी सहयोग से विकसित की गई है।
स्थैतिक तथ्य: DPIIT वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और पहले इसे औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग कहा जाता था।
ढाँचे का विकास
- IPRS की शुरुआत 2018 में एक पायलट परियोजना के रूप में हुई।
- 2021 में IPRS 2.0 लॉन्च किया गया।
- अब 2025 में आया IPRS 3.0 मूल्यांकन को और व्यापक बनाता है तथा प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता को बढ़ाता है।
नए प्रमुख मानदंड
IPRS 3.0 में छह प्रमुख पैरामीटर शामिल हैं:
- सतत विकास और हरित अवसंरचना – पर्यावरण अनुकूल संचालन पर जोर।
- लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी – परिवहन एवं आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क का मूल्यांकन।
- डिजिटलीकरण – स्मार्ट तकनीकों का एकीकरण।
- कौशल प्रशिक्षण – उद्योग की मांग के अनुसार कार्यबल तैयार करना।
- उद्योगों से प्रत्यक्ष फीडबैक – वास्तविक अनुभव पर आधारित आकलन।
- संपूर्ण अवसंरचना प्रतिस्पर्धा।
औद्योगिक पार्कों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा: लीडर्स, चैलेंजर्स और एस्पायरर्स।
स्थैतिक टिप: भारत का पहला औद्योगिक पार्क रेटिंग सिस्टम 2018 में निवेशकों को मानकीकृत डेटा उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था।
मेक इन इंडिया के लिए लाभ
- यह प्रणाली निवेशकों को पारदर्शी और विश्वसनीय डेटा उपलब्ध कराकर भरोसा बढ़ाती है।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अवसंरचना उन्नयन के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है।
- बेहतर रेटिंग से रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक इकाइयों का आकर्षण बढ़ेगा।
- नीति निर्माताओं को खामियों की पहचान करने और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएँ अपनाने का अवसर मिलेगा।
NICDC परियोजनाओं से संबंध
राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम (NICDC) 20 प्लग-एंड-प्ले औद्योगिक पार्क और स्मार्ट शहर बना रहा है।
- इनमें से 4 पूरे हो चुके हैं, 4 निर्माणाधीन हैं और बाकी निविदा चरण में हैं।
- ये परियोजनाएँ IPRS 3.0 को पूरक बनाती हैं और तैयार अवसंरचना उपलब्ध कराती हैं।
स्थैतिक तथ्य: NICDC की स्थापना 2007 में भारत में विश्वस्तरीय औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने हेतु की गई थी।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए महत्व
यह प्रणाली भारत को अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक नियोजन मानकों के अनुरूप लाने का प्रयास है।
- सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप यह भारत की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में स्थिति को मजबूत करता है।
- आत्मनिर्भर भारत के दीर्घकालिक विज़न को गति देता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
लॉन्च करने वाले | पीयूष गोयल (केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री) |
तिथि | 20 सितंबर 2025 |
अवसर | मेक इन इंडिया के 10 वर्ष |
विकसित करने वाला | DPIIT, ADB के सहयोग से |
पायलट चरण | 2018 |
IPRS 2.0 | 2021 |
IPRS 3.0 पैरामीटर | सतत विकास, लॉजिस्टिक्स, डिजिटलीकरण, कौशल, फीडबैक, अवसंरचना प्रतिस्पर्धा |
श्रेणियाँ | लीडर्स, चैलेंजर्स, एस्पायरर्स |
NICDC परियोजनाएँ | 20 औद्योगिक पार्क और स्मार्ट शहर |
NICDC स्थिति | 4 पूर्ण, 4 निर्माणाधीन, शेष निविदा चरण में |