केंद्र सरकार द्वारा अनुदान
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए ग्रामीण स्थानीय निकायों को पहली किस्त के रूप में तमिलनाडु को ₹127.586 करोड़ जारी किए हैं। यह आवंटन पंचायती राज संस्थाओं के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदानों का हिस्सा है। इन अनुदानों का उद्देश्य स्थानीय शासन को मजबूत करना और जमीनी स्तर की विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करना है।
स्थिर जीके तथ्य: तमिलनाडु में तीन-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था है, जिसमें ग्राम पंचायतें, ब्लॉक पंचायतें और जिला पंचायतें शामिल हैं।
अनुदानों का दायरा
जारी किए गए अनुदान राज्य की 2,901 पात्र ग्राम पंचायतों, 74 ब्लॉक पंचायतों और 9 जिला पंचायतों को कवर करते हैं। ये निकाय राज्य सरकार के मार्गदर्शन में स्थानीय विकास परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होते हैं।
स्थिर जीके तथ्य: संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में 29 विषय सूचीबद्ध हैं, जिन पर पंचायती राज संस्थाएँ कार्य कर सकती हैं, जिनमें कृषि, स्वास्थ्य, स्वच्छता और ग्रामीण विकास शामिल हैं।
अनुशंसा और जारी करने की प्रक्रिया
पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय अनुदानों की अनुशंसा वित्त मंत्रालय को करते हैं, जो बाद में वित्त वर्ष के दौरान दो किस्तों में राशि जारी करता है। यह प्रक्रिया स्थानीय निकायों को जवाबदेही और संसाधनों का समय पर हस्तांतरण सुनिश्चित करती है।
स्थिर जीके टिप: पंद्रहवें वित्त आयोग का गठन 2017 में किया गया था ताकि 2021–26 के लिए राज्यों को केंद्रीय निधियों के वितरण की अनुशंसा की जा सके, जिससे न्यायसंगत विकास सुनिश्चित हो।
उद्देश्य और उपयोग
ये अनुदान अनटाइड (बिना शर्त) होते हैं, जिससे स्थानीय निकाय अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें खर्च कर सकते हैं। इन निधियों का उपयोग ग्यारहवीं अनुसूची के अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों में किया जा सकता है, लेकिन इन्हें वेतन या अन्य स्थापना-संबंधी खर्चों के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। इससे सुनिश्चित होता है कि अनुदान केवल बुनियादी ढाँचे और कल्याणकारी पहलों के लिए हों।
स्थिर जीके तथ्य: अनटाइड अनुदान स्थानीय स्वशासी संस्थाओं को लचीलापन प्रदान करते हैं, जिससे वे अपनी तात्कालिक आवश्यकताओं के अनुसार प्राथमिकता तय कर सकते हैं।
स्थानीय स्तर पर वित्तीय योजना
स्थानीय निकाय ग्रामीण स्वच्छता, जल आपूर्ति, प्राथमिक शिक्षा और सड़क विकास जैसे क्षेत्रों में परियोजनाओं की योजना बना सकते हैं। ये अनुदान स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप नवोन्मेषी योजनाओं का भी समर्थन करते हैं, जिससे सहभागी शासन को बढ़ावा मिलता है।
स्थिर जीके टिप: तमिलनाडु की पंचायती राज व्यवस्था ऐतिहासिक रूप से भारत की सबसे सुदृढ़ व्यवस्थाओं में से एक रही है, जहाँ ग्रामीण विकास योजना में सामुदायिक भागीदारी मजबूत रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पहली किस्त | ₹127.586 करोड़ (वित्त वर्ष 2025–26) |
शामिल निकाय | 2,901 ग्राम पंचायतें, 74 ब्लॉक पंचायतें, 9 जिला पंचायतें |
अनुशंसा करने वाले मंत्रालय | पंचायती राज मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय |
राशि जारी करने वाला प्राधिकरण | वित्त मंत्रालय (दो किस्तों में) |
उद्देश्य | ग्यारहवीं अनुसूची के 29 विषयों के अंतर्गत स्थानीय विकास |
प्रतिबंध | वेतन या स्थापना खर्चों के लिए उपयोग नहीं |
प्रमुख ढाँचा | पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान |
स्थिर जीके नोट | तमिलनाडु में तीन-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था है |