राष्ट्रीय अभिलेखागार का अवलोकन
राष्ट्रीय अभिलेखागार (NAI) देश की सर्वोच्च अभिलेखीय संस्था है। इसकी स्थापना 1891 में कलकत्ता में इम्पीरियल रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट के रूप में हुई थी और बाद में 1911 में इसे नई दिल्ली स्थानांतरित किया गया। आज यह संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक संलग्न कार्यालय के रूप में कार्य करता है।
NAI स्थायी महत्व वाली सामग्रियों की रक्षा करता है, जिनमें सार्वजनिक अभिलेख, निजी पत्र, प्राच्य अभिलेख, मानचित्र संबंधी दस्तावेज़ और माइक्रोफिल्म शामिल हैं। ये अभिलेख भारत की प्रशासनिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मृति को संरक्षित करने में आवश्यक हैं।
स्थिर जीके तथ्य: NAI एशिया के सबसे बड़े अभिलेखीय भंडारों में से एक है।
संरचना और क्षेत्रीय उपस्थिति
NAI का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसके अतिरिक्त, इसका एक क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में और तीन रिकॉर्ड केंद्र भुवनेश्वर, जयपुर और पुडुचेरी में हैं।
इस संस्था का नेतृत्व महानिदेशक (अभिलेखागार) करते हैं, जो सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम, 1993 और सार्वजनिक अभिलेख नियम, 1997 के अनुपालन को सुनिश्चित करते हैं। ये कानूनी प्रावधान पूरे भारत में अभिलेख संरक्षण और प्रबंधन को नियंत्रित करते हैं।
स्थिर जीके टिप: सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम 1993 भारत में रिकॉर्ड प्रबंधन का मुख्य कानून है।
राष्ट्रीय अभिलेखपाल समिति की स्वर्ण जयंती
राष्ट्रीय अभिलेखपाल समिति (NCA) की 50वीं स्वर्ण जयंती बैठक हाल ही में NAI द्वारा सह-आयोजित की गई। 1953 में स्थापित NCA, भारत की अखिल भारतीय पेशेवर अभिलेखपाल संस्था है।
इसकी अध्यक्षता NAI के महानिदेशक (अभिलेखागार) करते हैं और यह देशभर के अभिलेख विभागों के पेशेवर और तकनीकी चुनौतियों पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करती है।
यह स्वर्ण जयंती बैठक भारत की आधुनिक अभिलेखीय प्रथाओं की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव थी, जिसने ज्ञान संरक्षण, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व में अभिलेखागार की भूमिका को रेखांकित किया।
अभिलेख संरक्षण का महत्व
अभिलेख शासन, शोध और धरोहर संरक्षण की निरंतरता सुनिश्चित करते हैं। वे प्रशासकों, इतिहासकारों, शिक्षाविदों और न्यायपालिका के लिए महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करते हैं।
डिजिटल शासन के युग में, NAI अभिलेखों के डिजिटलीकरण की दिशा में भी काम कर रहा है, ताकि मूल पांडुलिपियों और दस्तावेज़ों को संरक्षित करते हुए व्यापक पहुँच सुनिश्चित की जा सके।
स्थिर जीके तथ्य: राष्ट्रीय अभिलेखागार ई-गवर्नेंस पहलों को ऐतिहासिक अभिलेखों के डिजिटलीकरण के माध्यम से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष
NAI, NCA के साथ मिलकर भारत की अभिलेखीय प्रणाली को सुदृढ़ करता है। पारंपरिक संरक्षण और आधुनिक डिजिटलीकरण के संतुलन द्वारा यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की प्रशासनिक और सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
NAI की स्थापना वर्ष | 1891, कलकत्ता (इम्पीरियल रिकॉर्ड्स डिपार्टमेंट) |
वर्तमान मंत्रालय | संस्कृति मंत्रालय |
वर्तमान मुख्यालय | नई दिल्ली |
क्षेत्रीय कार्यालय | भोपाल |
रिकॉर्ड केंद्र | भुवनेश्वर, जयपुर, पुडुचेरी |
NAI का प्रमुख | महानिदेशक (अभिलेखागार) |
प्रमुख कानून | सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम 1993, सार्वजनिक अभिलेख नियम 1997 |
NCA की स्थापना | 1953 |
हाल की उपलब्धि | NCA की 50वीं स्वर्ण जयंती बैठक, NAI द्वारा सह-आयोजित |
NCA की भूमिका | अभिलेखपालों की पेशेवर संस्था, अभिलेखीय चुनौतियों का समाधान |