DPDP नियम अंतिम रूप में
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पुष्टि की कि लंबे समय से प्रतीक्षित डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियम सितंबर 2025 के अंत तक अधिसूचना के लिए तैयार हैं। ये नियम डेटा गोपनीयता का ढांचा स्थापित करते हैं, जिसमें नागरिकों के अधिकार, डेटा फिड्यूशरी की जिम्मेदारियाँ और दुरुपयोग पर दंड शामिल हैं।
DPDP नियम 3,000 से अधिक परामर्शों के परिणाम हैं, जो व्यापक हितधारक भागीदारी को दर्शाते हैं। इनका उद्देश्य एक संतुलित नियामक वातावरण बनाना है जहाँ नवाचार और उपयोगकर्ता संरक्षण साथ-साथ चलें।
स्थिर जीके तथ्य: 2017 के पुट्टास्वामी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने गोपनीयता के अधिकार को अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी थी।
भारत करेगा एआई इम्पैक्ट समिट 2026 की मेजबानी
भारत 19–20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में एआई इम्पैक्ट समिट 2026 की मेजबानी करेगा। यह सम्मेलन वैश्विक एआई नेताओं, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एक साथ लाएगा ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक, आर्थिक और रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने की उम्मीद है। सम्मेलन का आधिकारिक लोगो लॉन्च होना भारत की डिजिटल नीति और उभरती प्रौद्योगिकियों में बढ़ती नेतृत्व भूमिका को दर्शाता है।
स्थिर जीके तथ्य: पहला वैश्विक एआई सम्मेलन AI for Good Global Summit था, जिसे 2017 में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) ने शुरू किया था।
एआई अवसंरचना को सशक्त बनाना
भारत के पास वर्तमान में 38,000 GPU तक की पहुँच है, जो एआई कंप्यूटिंग के लिए महत्वपूर्ण हार्डवेयर हैं। एआई क्षमता को और मजबूत करने के लिए, सरकार देशभर में लगभग 600 डेटा और एआई लैब स्थापित करने की योजना बना रही है।
ये लैब अनुसंधान, नवाचार और कार्यबल प्रशिक्षण का समर्थन करेंगी, जिससे एआई के लाभ महानगरों से आगे तक पहुँच सकें। इस कदम का उद्देश्य प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना और डिजिटल खाई को पाटना है।
स्थिर जीके टिप: भारत की राष्ट्रीय एआई रणनीति #AIforAll नीति आयोग द्वारा 2018 में जारी की गई थी।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
DPDP नियमों का अंतिम रूप भारत की मजबूत डिजिटल गवर्नेंस लागू करने और नागरिकों की डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करने की तत्परता का संकेत देता है। साथ ही, एआई लैब और GPU निवेश भारत की तकनीकी अवसंरचना को सशक्त करने और समावेशी विकास का समर्थन करने की महत्वाकांक्षा दर्शाता है।
एआई इम्पैक्ट समिट 2026 की मेजबानी कर भारत स्वयं को वैश्विक एआई मानदंडों—नैतिकता, नवाचार और सुरक्षा—को आकार देने में एक प्रमुख आवाज़ के रूप में स्थापित करता है। नियमों और तकनीकी अवसंरचना की यह दोहरी प्रगति भारत की दीर्घकालिक दृष्टि को रेखांकित करती है कि वह डिजिटल और एआई नेतृत्वकर्ता बने।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
DPDP नियम अंतिम रूप | अधिसूचना सितंबर 2025 तक अपेक्षित |
परामर्श की संख्या | 3,000 से अधिक दौर आयोजित |
डेटा गोपनीयता ढांचा | उपयोगकर्ता सहमति, फिड्यूशरी, दंड |
एआई इम्पैक्ट समिट 2026 | 19–20 फरवरी 2026 |
स्थल | नई दिल्ली |
उद्घाटन | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपेक्षित |
GPUs की उपलब्धता | वर्तमान में लगभग 38,000 |
प्रस्तावित एआई/डेटा लैब | देशभर में लगभग 600 |
मुख्य उद्देश्य | डेटा संरक्षण और एआई नेतृत्व |
राष्ट्रीय एआई रणनीति | 2018 में नीति आयोग द्वारा जारी (#AIforAll) |