लेखा परीक्षा में डिजिटल रूपांतरण
भारत के महालेखाकार और महालेखा परीक्षक (CAG) अब सरकारी लेनदेन की लेखा परीक्षा को सशक्त बनाने के लिए एआई–संचालित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) तैनात करने जा रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य लेखा परीक्षा में दक्षता, स्थिरता और जोखिम पहचान को बढ़ाना है। बढ़ते डिजिटल रिकॉर्ड्स के बीच, एआई का समावेश निगरानी तंत्र के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थिर GK तथ्य: सीएजी एक संवैधानिक प्राधिकरण है, जो भारत सरकार की सभी रसीदों और व्ययों की लेखा परीक्षा करता है।
एआई आधारित लेखा परीक्षा की आवश्यकता
पारंपरिक लेखा परीक्षाएँ मैन्युअल रिकॉर्ड जाँच, फील्ड विज़िट और भारी दस्तावेज़ीकरण पर आधारित होती हैं। अब सरकारी विभाग बड़े पैमाने पर डिजिटल डेटा उत्पन्न करते हैं, जिससे मैन्युअल लेखा परीक्षाएँ कम प्रभावी हो गई हैं। एआई टूल वास्तविक समय में जटिल लेनदेन का विश्लेषण कर सकते हैं और मानवीय प्रयास व फील्ड निरीक्षण पर निर्भरता कम कर सकते हैं।
एआई एकीकरण के कारक
- सरकारी डेटा की तीव्र वृद्धि
- सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन की जटिलता
- किफ़ायती रिमोट ऑडिटिंग पद्धतियाँ
- मैन्युअल प्रक्रियाओं की तुलना में तेज़ जोखिम-संवेदनशील मूल्यांकन
स्थिर GK टिप: भारत ने 2015 में डिजिटल इंडिया पहल शुरू की थी ताकि ई-गवर्नेंस और तकनीक-आधारित प्रशासनिक सुधारों को बढ़ावा दिया जा सके।
लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) को समझना
LLM एक एआई मॉडल है जिसे लाखों टेक्स्ट दस्तावेज़ों पर प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वह भाषा को समझ सके, संक्षेप कर सके और नया कंटेंट बना सके। लेखा परीक्षा में LLM कर सकते हैं:
- विशाल डेटा सेट्स में पैटर्न की पहचान
- रिपोर्ट और दस्तावेज़ों का संक्षेपण
- विसंगतियों और संभावित जोखिमों की भविष्यवाणी
- स्थिर और कुशल लेखा परीक्षा रिपोर्ट तैयार करना
शासन पर व्यापक प्रभाव
लेखा परीक्षा में एआई अपनाना डेटा-आधारित शासन की ओर बदलाव का संकेत है। इसके उपयोग केंद्रीय लेखा परीक्षा से आगे बढ़कर इन क्षेत्रों में होंगे:
- मंत्रालय स्तर की आंतरिक लेखा परीक्षाएँ
- नियामक अनुपालन की समीक्षा
- पंचायती राज और स्थानीय निकायों की लेखा परीक्षाएँ
यह वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है, जहाँ सुप्रीम ऑडिट संस्थान (SAIs) सार्वजनिक व्यय, खरीद और धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं।
स्थिर GK तथ्य: सीएजी सीधे भारत के राष्ट्रपति को रिपोर्ट करता है और अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत करता है।
एआई आधारित लेखा परीक्षा के लाभ
- बड़े डेटा सेट्स का तेज़ प्रसंस्करण और विश्लेषण
- विसंगतियों और अनियमितताओं का बेहतर पता लगाना
- सरकारी लेनदेन की व्यापक कवरेज
- मैन्युअल निरीक्षण और फील्ड विज़िट पर निर्भरता कम करना
सीएजी की यह एआई पहल सार्वजनिक जवाबदेही के आधुनिकीकरण और भारत में डिजिटल गवर्नेंस ढाँचे को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परियोजना | सीएजी एआई-आधारित लेखा परीक्षा |
संस्था | भारत के महालेखाकार और महालेखा परीक्षक (CAG) |
तकनीक | एआई-संचालित लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) |
उद्देश्य | दक्षता, स्थिरता और जोखिम पहचान में सुधार |
मुख्य लाभ | तेज़ लेखा परीक्षा, बेहतर विसंगति पहचान, व्यापक कवरेज, फील्ड निर्भरता कम |
शासन पर प्रभाव | डेटा-आधारित शासन और वास्तविक समय जवाबदेही को समर्थन |
नीति ढाँचा | डिजिटल इंडिया, ई-गवर्नेंस पहलें |
दायरा | केंद्रीय, मंत्रालय, नियामक और स्थानीय लेखा परीक्षाएँ |