परियोजना की शुरुआत
तमिलनाडु राइट्स (TN RIGHTS) प्रोजेक्ट ने सोशल रजिस्ट्री नामांकन (SRE) जनगणना को आठ ज़िलों में शुरू करके एक बड़ा कदम उठाया है। यह पहल दिव्यांगजन कल्याण विभाग द्वारा विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से लागू की जा रही है।
जनगणना का उद्देश्य
इस जनगणना का मुख्य लक्ष्य तमिलनाडु में दिव्यांगजनों (PwDs) के लिए समावेशन, पहुँच और अवसरों में सुधार करना है। घर-घर जाकर की जाने वाली इस पहल से दिव्यांगजनों की शिक्षा, रोजगार, उपचार और कल्याण योजनाओं तक पहुँच से जुड़ी जानकारी जुटाई जाएगी।
शामिल ज़िले
नए चरण की जनगणना कोयम्बटूर, इरोड, सलेम, विरुधुनगर, तूतीकोरिन, तंजावुर, पेरम्बलूर और तिरुवल्लूर ज़िलों में की जा रही है। इससे पहले, यह परियोजना चेन्नई, कड्डलूर, तिरुचिरापल्ली और तेनकासी में शुरू की जा चुकी थी।
स्थिर GK तथ्य: तमिलनाडु में कुल 38 ज़िले हैं, जिनमें क्षेत्रफल के लिहाज़ से चेन्नई सबसे छोटा और विलुप्पुरम सबसे बड़ा ज़िला है।
सटीक आँकड़ों का महत्व
तमिलनाडु में अनुमानित 13 लाख दिव्यांगजन रहते हैं, लेकिन आधिकारिक और सटीक आँकड़े नहीं हैं। इस कारण कल्याण योजनाओं की योजना बनाना कठिन हो जाता है। SRE जनगणना इस कमी को दूर करेगी और एक विश्वसनीय सोशल रजिस्ट्री तैयार करेगी, जो सभी लाभ और सेवाएँ प्रदान करने का एकल मंच बनेगी।
क्रियान्वयन की पद्धति
चुने गए ज़िलों में हर घर तक स्वयंसेवकों को भेजा जा रहा है। वे सीधे परिवारों और व्यक्तियों से बातचीत करके आवश्यक जानकारी जुटाएँगे। इससे सुनिश्चित होगा कि कोई भी दिव्यांगजन छूटे नहीं और उनकी सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतें पूरी तरह दर्ज हों।
स्थिर GK टिप: जनगणना 2011 के अनुसार, भारत में 2.68 करोड़ दिव्यांगजन थे, जो कुल आबादी का लगभग 2.21% हैं।
विश्व बैंक की भूमिका
विश्व बैंक की भागीदारी इस पहल को वैश्विक विशेषज्ञता और वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह तमिलनाडु की संवेदनशील वर्गों के कल्याण तंत्र को मज़बूत करने की अंतरराष्ट्रीय सराहना को भी दर्शाता है।
स्थिर GK तथ्य: विश्व बैंक की स्थापना 1944 में हुई थी और इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी. में है।
दीर्घकालिक प्रभाव
यह रजिस्ट्री एक वन–स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म की तरह कार्य करेगी, जिसमें सभी दिव्यांगजनों का डेटा सुरक्षित रहेगा। इससे न केवल कल्याण नीतियों को डिज़ाइन करने में मदद मिलेगी बल्कि सेवाओं की डिलीवरी और अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनेगी।
स्थिर GK टिप: दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 भारत का प्रमुख कानून है जो PwDs के अधिकारों की रक्षा करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परियोजना का नाम | तमिलनाडु राइट्स (TN RIGHTS) प्रोजेक्ट |
कार्यान्वयन एजेंसी | दिव्यांगजन कल्याण विभाग |
वित्तीय सहयोग | विश्व बैंक |
उद्देश्य | समावेशन, पहुँच और दिव्यांगजनों के लिए अवसर |
मौजूदा जनगणना ज़िले | कोयम्बटूर, इरोड, सलेम, विरुधुनगर, तूतीकोरिन, तंजावुर, पेरम्बलूर, तिरुवल्लूर |
पहले चरण के ज़िले | चेन्नई, कड्डलूर, तिरुचिरापल्ली, तेनकासी |
तमिलनाडु में अनुमानित PwDs | 13 लाख |
जुटाए जाने वाले आँकड़े | शिक्षा, रोजगार, उपचार, कल्याण योजनाओं तक पहुँच |
पद्धति | घर-घर जाकर स्वयंसेवकों द्वारा जानकारी जुटाना |
दीर्घकालिक योजना | PwDs के लिए वन-स्टॉप सोशल रजिस्ट्री प्लेटफ़ॉर्म |