केरल में पुनः खोज
स्कारलेट ड्रैगनफ्लाई (Crocothemis erythraea) को हाल ही में केरल के मुन्नार की उच्च-ऊँचाई वाली घाटियों में देखा गया है। यह खोज उल्लेखनीय है क्योंकि यह प्रजाति सामान्यतः गर्म और निचले क्षेत्रों में पाई जाती है। यह दृश्य पश्चिमी घाट की पारिस्थितिक समृद्धि में एक और परत जोड़ता है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है।
स्थिर GK तथ्य: पश्चिमी घाट लगभग 1,60,000 वर्ग किमी में छह भारतीय राज्यों में फैला है।
स्कारलेट ड्रैगनफ्लाई की विशेषताएँ
स्कारलेट ड्रैगनफ्लाई को स्कारलेट डार्टर या ब्रॉड स्कारलेट भी कहा जाता है। नर चमकीले गहरे लाल रंग के होते हैं, जबकि मादा और किशोर पीले-भूरे रंग के होते हैं जिन पर हल्के धब्बे होते हैं। ये ड्रैगनफ्लाई प्रजनन और भोजन के लिए धीमी बहाव वाली नदियाँ, झीलें और तालाब पसंद करते हैं।
स्थिर GK तथ्य: ड्रैगनफ्लाई Odonata गण से संबंधित हैं, जिनकी विश्वभर में लगभग 6,000 ज्ञात प्रजातियाँ हैं।
ऊँचाई वाले क्षेत्र में असामान्य दृष्टि
मुन्नार की ठंडी जलवायु में ऊँचाई पर इस ड्रैगनफ्लाई को देखना असामान्य है। यह संभावित आवास बदलाव या पर्यावरणीय परिवर्तनों से प्रेरित अनुकूलन का संकेत देता है। वैज्ञानिक इसे प्रजातियों के वितरण पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के रूप में भी देखते हैं।
स्थिर GK टिप: मुन्नार केरल का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है, जो समुद्र तल से लगभग 1,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
दस्तावेज़ और वैज्ञानिक पुष्टि
इस प्रजाति का पहला फ़ोटोग्राफ़िक प्रमाण 2018 का है, जिसे 2021 में प्राणी सर्वेक्षण में दर्ज किया गया था। लेकिन गलत पहचान की आशंका के कारण इसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया। हालिया पुष्टि के बाद ओडोनैटोलॉजिस्ट ने स्कारलेट ड्रैगनफ्लाई की उपस्थिति को पुनः दर्ज किया। यह जैव विविधता अध्ययन में फील्ड सर्वेक्षण और सटीक निगरानी के महत्व को दर्शाता है।
व्यवहार और आवास
स्कारलेट ड्रैगनफ्लाई सुबह और देर दोपहर में सबसे सक्रिय रहते हैं। ये प्रजातियाँ अधिकतर आर्द्रभूमि, धूप वाले नदी किनारों और खुले जलाशयों के पास देखी जाती हैं, न कि घने वनों के भीतर। इनके चमकीले रंग और तेज़ उड़ान इन्हें फोटोग्राफ़रों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षक बनाते हैं।
स्थिर GK तथ्य: ड्रैगनफ्लाई को महत्वपूर्ण बायो-इंडिकेटर माना जाता है, क्योंकि उनकी उपस्थिति ताजे पानी की पारिस्थितिकियों के स्वास्थ्य को दर्शाती है।
संरक्षण और इको-टूरिज़्म क्षमता
इस पुनः खोज ने मुन्नार और आसपास के क्षेत्रों में इको-टूरिज़्म को बढ़ावा दिया है। संरक्षणवादियों ने आवास संरक्षण के महत्व पर ज़ोर दिया है ताकि दुर्लभ प्रजातियों का अस्तित्व सुनिश्चित हो सके। पश्चिमी घाट पारिस्थितिक सहनशीलता और सतत पर्यटन को समझने के लिए महत्वपूर्ण बने हुए हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पुनः खोजी गई प्रजाति | स्कारलेट ड्रैगनफ्लाई (Crocothemis erythraea) |
स्थान | मुन्नार, केरल |
सामान्य आवास | गर्म, निचले क्षेत्र जिनमें तालाब और नदियाँ हों |
विशिष्ट विशेषता | नर चमकीला लाल, मादा पीला-भूरा |
पहला सर्वेक्षण | 2018 (2021 में रिपोर्ट) |
पुष्टि प्राधिकरण | ओडोनैटोलॉजिस्ट |
महत्व | पश्चिमी घाट की जैव विविधता को रेखांकित करता है |
पश्चिमी घाट तथ्य | यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, 1,60,000 वर्ग किमी |
जलवायु चिंता | जलवायु परिवर्तन से संभावित आवास बदलाव |
पर्यटन संबंध | इको-टूरिज़्म और संरक्षण जागरूकता में बढ़ोतरी |