सितम्बर 21, 2025 4:17 पूर्वाह्न

ऑपरेशन पोलो और हैदराबाद एकीकरण

चालू घटनाएँ: ऑपरेशन पोलो, हैदराबाद रियासत, निज़ाम, सरदार वल्लभभाई पटेल, रज़ाकार, भारतीय सेना, मेजर जनरल जे.एन. चौधरी, स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट, किसान आंदोलन, 1948 का विलय

Operation Polo and Hyderabad Integration

हैदराबाद की पृष्ठभूमि

1947 में स्वतंत्रता के समय हैदराबाद सबसे बड़ी रियासत थी, जिस पर निज़ाम मीर उस्मान अली खान का शासन था। यह लगभग 80,000 वर्ग मील क्षेत्रफल और 1.6 करोड़ की आबादी वाला राज्य था, जिसमें अधिकांश लोग तेलुगु, कन्नड़ और मराठी बोलने वाले हिंदू थे। निज़ाम स्वतंत्र रहना चाहते थे, जिससे भारतीय नेताओं को चिंता हुई क्योंकि हैदराबाद का भौगोलिक केंद्र राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा था।

स्थैतिक GK तथ्य: हैदराबाद उन तीन रियासतों (जूनागढ़ और कश्मीर सहित) में था, जिसने प्रारंभ में भारत में विलय से इंकार किया था।

निज़ाम का रुख

निज़ाम दुनिया के सबसे अमीर शासकों में गिने जाते थे। उन्होंने चेम्बर ऑफ़ प्रिंसेस से दूरी बनाई, सीधे ब्रिटेन से संपर्क किया और पाकिस्तान से जुड़ने पर भी विचार किया। नवंबर 1947 में उन्होंने भारत के साथ स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए ताकि यथास्थिति बनी रहे, लेकिन विलय से उनकी अनिच्छा ने तनाव बढ़ा दिया।

आंतरिक अशांति

हैदराबाद में आंध्र महासभा और कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में किसान विद्रोह हुआ, जिसमें भूमि सुधार और समानता की मांग की गई। इनके विरोध में इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के नेता क़ासिम रज़वी ने रज़ाकार नामक अर्द्धसैनिक बल खड़ा किया, जिसने हिंसा और सांप्रदायिक दमन से संकट बढ़ा दिया।

स्थैतिक GK टिप: रज़ाकारों को 1948 में हैदराबाद के विलय के बाद आधिकारिक रूप से भंग कर दिया गया।

भारत का निर्णय

गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने हैदराबाद की स्वतंत्रता को भारत की संप्रभुता के लिए सीधा खतरा माना। बातचीत विफल रही और रज़ाकारों की हिंसा बढ़ने पर सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी। पटेल ने सैन्य हस्तक्षेप पर ज़ोर दिया, जबकि प्रधानमंत्री नेहरू अनिच्छा से सहमत हुए।

ऑपरेशन पोलो का क्रियान्वयन

13 सितम्बर 1948 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन पोलो शुरू किया, जिसे “पुलिस कार्रवाई” भी कहा गया। मेजर जनरल जे.एन. चौधरी के नेतृत्व में दो पैदल ब्रिगेड, एक बख़्तरबंद ब्रिगेड और वायुसेना ने हैदराबाद की सेना को निशाना बनाया। चार दिनों में ही निज़ाम की सेना हार गई और 17 सितम्बर 1948 को निज़ाम ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके साथ ही हैदराबाद भारत में विलय हो गया।

स्थैतिक GK तथ्य: ऑपरेशन पोलो स्वतंत्र भारत की पहली बड़ी सैन्य कार्रवाई थी, जो केवल पाँच दिन चली।

परिणाम और विलय

सरण्डर के बाद निज़ाम को 1956 तक हैदराबाद का औपचारिक राजप्रमुख बनाए रखा गया। दिसम्बर 1949 तक राज्य पर सैन्य शासन रहा और फिर नागरिक शासन बहाल हुआ। 1952 में लोकतांत्रिक चुनाव हुए, जिससे राजनीतिक एकीकरण पूरा हुआ। इस घटना ने रियासती स्वायत्तता का अंत कर भारत की क्षेत्रीय एकता को मजबूत किया।

स्थैतिक GK टिप: 1956 में हैदराबाद राज्य का पुनर्गठन कर इसे आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में विभाजित कर दिया गया।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
ऑपरेशन पोलो हैदराबाद में भारतीय सैन्य कार्रवाई, सितम्बर 1948
निज़ाम मीर उस्मान अली खान – विश्व के सबसे अमीर शासकों में एक
स्टैंडस्टिल एग्रीमेंट नवम्बर 1947 में भारत और हैदराबाद के बीच
रज़ाकार क़ासिम रज़वी के नेतृत्व में निज़ाम समर्थक अर्द्धसैनिक बल
भारतीय नेतृत्व सरदार वल्लभभाई पटेल ने निर्णायक कार्रवाई पर ज़ोर दिया
सेना के कमांडर मेजर जनरल जे.एन. चौधरी
अवधि 13–17 सितम्बर 1948 (पाँच दिन)
परिणाम 17 सितम्बर 1948 को निज़ाम ने आत्मसमर्पण कर विलय किया
बाद की स्थिति 1949 तक सैन्य शासन, 1952 में चुनाव
पुनर्गठन 1956 में हैदराबाद राज्य आंध्र, महाराष्ट्र और कर्नाटक में विलय
Operation Polo and Hyderabad Integration
  1. 1947 में हैदराबाद भारत की सबसे बड़ी रियासत थी।
  2. इसकी जनसंख्या6 करोड़ थी, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे।
  3. निज़ाम मीर उस्मान अली खान ने हैदराबाद पर शासन किया।
  4. निज़ाम ने भारत में शामिल होने के बजाय स्वतंत्रता की माँग की।
  5. नवंबर 1947 में भारत के साथ गतिरोध समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
  6. निज़ाम ने चैंबर ऑफ प्रिंसेस से परहेज किया और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर नज़र रखी।
  7. हैदराबाद में आंध्र महासभा के नेतृत्व में किसान विद्रोह हुए।
  8. कम्युनिस्ट पार्टी ने भूमि सुधार और समानता के अधिकारों की माँग की।
  9. कासिम रज़वी के नेतृत्व में रजाकारों ने निज़ाम का समर्थन किया।
  10. रजाकार विरोध को दबाने वाले हिंसक अर्धसैनिक समूह बन गए।
  11. सरदार वल्लभभाई पटेल ने निर्णायक सैन्य कार्रवाई पर ज़ोर दिया।
  12. प्रधानमंत्री नेहरू अनिच्छा से ऑपरेशन पोलो के लिए सहमत हुए।
  13. भारतीय सेना ने 13 सितंबर 1948 को कार्रवाई शुरू की।
  14. ऑपरेशन पोलो पाँच दिनों तक चला, जिसे पुलिस कार्रवाई कहा गया।
  15. मेजर जनरल जे.एन. चौधरी ने भारतीय सेनाओं की कमान संभाली।
  16. हैदराबाद ने 17 सितंबर 1948 को शांतिपूर्वक आत्मसमर्पण कर दिया।
  17. निज़ाम ने 1956 तक औपचारिक राजप्रमुख की भूमिका बरकरार रखी।
  18. हैदराबाद में दिसंबर 1949 तक सैन्य शासन रहा।
  19. हैदराबाद में पहला लोकतांत्रिक चुनाव 1952 में हुआ।
  20. 1956 में हैदराबाद का भाषाई राज्यों में विलय हो गया।

Q1. भारतीय सेना ने हैदराबाद के खिलाफ ऑपरेशन पोलो कब शुरू किया था?


Q2. ऑपरेशन पोलो के दौरान भारतीय सेना का नेतृत्व किसने किया था?


Q3. संकट के दौरान निज़ाम का समर्थन करने वाली अर्द्धसैनिक टुकड़ी कौन-सी थी?


Q4. हैदराबाद के भारत में विलय के समय भारत के गृह मंत्री कौन थे?


Q5. हैदराबाद का भाषाई आधार पर पुनर्गठन कब किया गया था?


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