कॉरिडोर का महत्व
सेगुर हाथी कॉरिडोर नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व में स्थित है, जो मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व, सत्यamangalam जंगल और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को जोड़ता है। यह एशियाई हाथियों के मौसमी प्रवास के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है और मानव-पशु संघर्ष को कम करता है।
स्थैतिक GK तथ्य: विश्व के जंगली एशियाई हाथियों की 60% से अधिक आबादी भारत में पाई जाती है।
मद्रास उच्च न्यायालय का निर्णय
मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित सेगुर पठार हाथी कॉरिडोर जांच समिति की अधिकांश सिफारिशों को बरकरार रखा। अदालत ने पारिस्थितिक संरक्षण और निजी भूमि अधिकारों के बीच संतुलन पर ज़ोर दिया।
निजी भूमि मालिक और भूमि उपयोग
निर्णय के तहत निजी भूमि मालिक अपनी ज़मीन रख सकते हैं, बशर्ते वे पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का पालन करें। उन्हें विद्युत बाड़ या कंक्रीट की दीवार जैसे कृत्रिम अवरोध लगाने से रोका गया है, जो हाथियों की आवाजाही में बाधा डालते हैं।
स्थैतिक GK टिप: हाथी को 2010 में भारत का राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित किया गया था।
भूमि अधिग्रहण का निर्देश
अदालत ने तमिलनाडु सरकार को छह महीने के भीतर कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू करने का निर्देश दिया। हालाँकि, उसने समिति की यह सिफारिश खारिज कर दी कि सभी निजी संपत्तियाँ राज्य को स्थानांतरित की जाएँ। इससे स्वैच्छिक अधिग्रहण और विनियमित भूमि उपयोग का मिश्रण सुनिश्चित होता है।
कानूनी चुनौतियाँ और पृष्ठभूमि
इस मामले की जड़ें 1991 की निजी वन अधिसूचना में हैं, जिसने भूमि उपयोग पर प्रतिबंध लगाए। रिसॉर्ट मालिकों ने इन प्रतिबंधों को लंबे समय से चुनौती दी, विशेषकर 2010 में हाथी कॉरिडोर की घोषणा के बाद। हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन ऑफ मुदुमलाई अब भी अदालत में इन उपायों को चुनौती दे रहा है।
पारिस्थितिक और संरक्षण प्रभाव
यह निर्णय नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व में हाथियों की अबाध आवाजाही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कॉरिडोर की सुरक्षा मानव-पशु संघर्ष को कम करती है और जैव विविधता संरक्षण को मजबूत करती है।
स्थैतिक GK तथ्य: नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व भारत का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व है, जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
स्थान | सेगुर पठार, नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व, तमिलनाडु |
प्रमुख प्रजाति | एशियाई हाथी |
न्यायालय का निर्णय | मद्रास उच्च न्यायालय ने समिति की अधिकांश सिफारिशें बरकरार रखीं |
निजी भूमि उपयोग | अवरोध रहित पर्यावरण-अनुकूल खेती की अनुमति |
भूमि अधिग्रहण | छह महीने के भीतर शुरू करने का निर्देश |
विवादित अधिसूचनाएँ | 1991 निजी वन अधिसूचना, 2010 कॉरिडोर घोषणा |
जांच समिति | सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित |
चल रही चुनौती | हॉस्पिटैलिटी एसोसिएशन ऑफ मुदुमलाई मामला |
संरक्षण प्रभाव | हाथियों के प्रवास मार्ग और जैव विविधता की सुरक्षा |
स्थैतिक GK तथ्य | नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व भारत का पहला (1986) |