काशी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक सेतु
काशी तमिल संगमम् (KTS) 3.0, 15 से 24 फरवरी 2025 तक वाराणसी में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन तमिलनाडु और काशी के प्राचीन सभ्यतागत संबंधों का उत्सव है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य केंद्रीय मंत्रालयों के सहयोग से आयोजित यह महोत्सव भक्ति, ज्ञान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन गया है।
इस वर्ष यह संगमम् अयोध्या में श्री राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हो रहा है, जिससे यह आयोजन और भी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व प्राप्त करता है।
तमिलनाडु की विविध आवाज़ें संगमम् में
KTS 3.0 में तमिलनाडु से लगभग 1,000 प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें छात्र, शिल्पकार, शिक्षक, पेशेवर और महिला नेता शामिल हैं। इसके साथ ही भारत के विभिन्न राज्यों से 200 तमिल मूल के छात्र भी हिस्सा लेंगे।
इस आयोजन का उद्देश्य है — भाषा, परंपरा और अनुभवों को एक साझा मंच पर लाकर भावनात्मक और बौद्धिक एकता को बढ़ावा देना।
प्रमुख विषय, आयोजन और सांस्कृतिक धरोहर
संगमम् में निम्नलिखित प्रमुख आयोजन होंगे:
- महर्षि अगस्त्य और तमिल-संस्कृत संबंधों पर प्रदर्शनी
- सेमिनार, पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और कार्यशालाएँ
- पुस्तकों का विमोचन और तमिल-वेदिक ज्ञान प्रणालियों पर संवाद
इस वर्ष के आयोजन को महाकुंभ 2025 की आध्यात्मिक ऊर्जा से भी जोड़ा गया है।
प्रमुख संस्थाएं: IIT मद्रास और बीएचयू
इस कार्यक्रम को आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। ये संस्थान कार्यक्रम की बौद्धिक सामग्री से लेकर प्रतिनिधियों की व्यवस्था तक सभी पहलुओं का संचालन करेंगे।
यह संगमम् प्राचीन परंपरा और आधुनिक शिक्षा का संगम होगा।
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श्रेणी | विवरण |
कार्यक्रम नाम | काशी तमिल संगमम् (KTS) 3.0 |
आयोजन तिथि | 15 से 24 फरवरी 2025 |
पंजीकरण अंतिम तिथि | 1 फरवरी 2025 |
स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
आयोजक मंत्रालय | शिक्षा मंत्रालय + अन्य केंद्रीय मंत्रालय |
क्रियान्वयन एजेंसियाँ | IIT मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) |
प्रतिभागी | तमिलनाडु से ~1000 प्रतिनिधि + अन्य राज्यों से 200 तमिल छात्र |
पहले दो संस्करण | 2022 और 2023 में आयोजित |
सांस्कृतिक फोकस | काशी-तमिल संबंध, महर्षि अगस्त्य की विरासत |
पंजीकरण वेबसाइट | kashitamil.iitm.ac.in |