स्थापना और दृष्टि
तमिऴ वलार्ची कज़गम की स्थापना 1946 में Registration of Societies Act के अंतर्गत प्रसिद्ध शिक्षाविद और तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी के शिक्षा मंत्री टी. एस. अविनाशिलिंगम चेट्टियार ने की थी।
इसका मुख्यालय चेपॉक, मद्रास विश्वविद्यालय परिसर में है और यह संगठन लगातार तमिल भाषा और साहित्य के संवर्धन के लिए कार्य करता आ रहा है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
मद्रास विश्वविद्यालय की स्थापना 1857 में हुई थी और यह भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है।
नेतृत्व और प्रशासन
वर्तमान में संगठन का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय वित्त और गृहमंत्री पी. चिदंबरम कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में संस्था ने अपने कार्यक्षेत्र को आधुनिक तकनीकी पहलों से जोड़ा है।
डिजिटल परिवर्तन परियोजनाएँ
- संगठन का सबसे महत्वाकांक्षी कार्य तमिल साहित्य का डिजिटलीकरण है।
- ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन (OCR) तकनीक द्वारा स्कैन किए गए तमिल ग्रंथों को खोज योग्य सामग्री में बदला जा रहा है।
- इस प्रयास को मज़बूत करने के लिए संगठन ने विकिपीडिया और केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान (CITC) से साझेदारी की है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
तमिल को 2004 में भारत की पहली शास्त्रीय भाषा (Classical Language) घोषित किया गया था।
वित्तीय सहयोग और सरकारी भूमिका
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ₹2.15 करोड़ का अनुदान प्रदान किया है। यह राज्य सरकार की तमिल विरासत, शोध और शैक्षिक संसाधनों को प्रोत्साहन देने की नीति को दर्शाता है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
तमिलनाडु आधिकारिक भाषा अधिनियम 1956 द्वारा तमिल को राज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था।
विद्वत प्रकाशन
संगठन ने अब तक कई मूल्यवान संदर्भ ग्रंथ प्रकाशित किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 10 खंड – तमिल विश्वकोश
- 10 खंड – बाल साहित्य
- 13 खंड – चिकित्सा पर
- 7 खंड – सिद्ध चिकित्सा पर
ये प्रकाशन छात्रों, शोधकर्ताओं और वैश्विक तमिल प्रवासी समुदाय के लिए अमूल्य संसाधन हैं।
चल रही शोध परियोजनाएँ
वर्तमान में संगठन 6 प्रमुख परियोजनाओं पर कार्यरत है, जिनमें सबसे उल्लेखनीय है:
- तमिल–तमिल–अंग्रेज़ी छात्र शब्दकोश, विशेषकर प्रवासी बच्चों के लिए।
अन्य परियोजनाएँ: - तमिल नाट्यशास्त्र विश्वकोश
- तमिल विचार विश्वकोश
- तमिल शब्द निर्माण (word coinage)
- तमिलॉलॉजी आर्टिकल आर्काइव
स्थिर सामान्य ज्ञान टिप
सिद्ध चिकित्सा तमिलनाडु में उत्पन्न 2000 वर्ष पुरानी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है।
सांस्कृतिक महत्व
सितंबर 2025 में 80 वर्ष पूरे करने वाला तमिऴ वलार्ची कज़गम, तमिल विद्वता की दृढ़ता का प्रतीक है।
इसका योगदान सुनिश्चित करता है कि तमिल भाषा न केवल बोली जाने वाली भाषा बनी रहे, बल्कि विज्ञान, चिकित्सा और साहित्य के आधुनिक ज्ञान माध्यम के रूप में भी फले-फूले।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
स्थापना वर्ष | 1946 |
संस्थापक | टी. एस. अविनाशिलिंगम चेट्टियार |
मुख्यालय | चेपॉक, मद्रास विश्वविद्यालय परिसर |
वर्तमान अध्यक्ष | पी. चिदंबरम |
मील का पत्थर | 80वाँ वर्ष (2025) |
वित्तीय सहयोग | ₹2.15 करोड़ (तमिलनाडु सरकार) |
प्रमुख साझेदारी | विकिपीडिया और केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान |
प्रमुख प्रकाशन | 10 विश्वकोश, 10 बाल साहित्य, 13 चिकित्सा, 7 सिद्ध चिकित्सा |
वर्तमान परियोजनाएँ | तमिल-तमिल-अंग्रेज़ी शब्दकोश, नाट्यशास्त्र विश्वकोश, विचार विश्वकोश, शब्द निर्माण, तमिलॉलॉजी आर्काइव |
फोकस तकनीक | OCR (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन) |