भारतीय शिक्षा का ऐतिहासिक विस्तार
11 सितंबर 2025 को भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIMA) ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस दुबई में शुरू किया। इसका शुभारंभ दुबई के युवराज शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम और भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया।
यह आयोजन भारत-यूएई शैक्षणिक सहयोग में ऐतिहासिक मील का पत्थर है और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में भारत की पहल को दर्शाता है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
आईआईएम अहमदाबाद की स्थापना 1961 में हुई थी। यह भारत का दूसरा आईआईएम है, पहला आईआईएम कोलकाता (1961) है।
उच्च स्तरीय उद्घाटन
समारोह का आयोजन दुबई इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी में हुआ। इसमें मोहम्मद बिन अब्दुल्ला अल गेरगावी, रीम बिंत इब्राहीम अल हाशिमी, सारा बिंत यूसुफ अल अमीरी जैसे यूएई के मंत्री और भारत के वरिष्ठ राजनयिक सुंजय सुधीर और सतीश कुमार सिवन उपस्थित थे।
शेख हमदान ने कहा कि IIMA का आगमन दुबई की Education 33 रणनीति और D33 इकोनॉमिक एजेंडा के अनुरूप है, जो दुबई को वैश्विक नवाचार और उच्च शिक्षा केंद्र बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
भारतीय आत्मा, वैश्विक दृष्टिकोण
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे भारत की उच्च शिक्षा कूटनीति में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने IIMA की दृष्टि पर ज़ोर दिया – “Indian in Spirit, Global in Outlook” – जो भारत की शैक्षणिक सॉफ्ट पावर का नया चरण है।
स्थिर सामान्य ज्ञान टिप
भारत में शिक्षा मंत्रालय का नाम 2020 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) से बदला गया।
कैंपस चरण और रोडमैप
IIMA दुबई कैंपस दो चरणों में विकसित होगा:
- चरण 1: दुबई इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी में संचालन और शैक्षणिक कार्यक्रमों की शुरुआत।
- चरण 2 (2029 तक): यूएई द्वारा आवंटित भूमि पर स्थायी कैंपस की स्थापना।
मुख्य पेशकश है – एक वर्ष का पूर्णकालिक MBA प्रोग्राम (वर्किंग प्रोफेशनल्स और उद्यमियों के लिए)।
प्रथम बैच के छात्र
पहले बैच में 35 छात्र शामिल हैं, जो बैंकिंग, आईटी, हेल्थकेयर, कंसल्टिंग और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों से आए हैं।
पाठ्यक्रम पाँच टर्म्स में विभाजित है और इसमें स्ट्रैटेजिक लीडरशिप, वैश्विक व्यापार और उन्नत प्रबंधन प्रथाओं पर ध्यान दिया गया है।
दुबई का स्थान छात्रों को पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप जैसे प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों के करीब रखता है।
स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य
दुबई इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी में 27 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के कैंपस हैं।
सामरिक महत्व
दुबई विस्तार भारत और यूएई दोनों के लिए दीर्घकालिक मूल्य रखता है:
- भारत की शैक्षणिक कूटनीति और वैश्विक पहचान को बढ़ावा।
- भारत-यूएई साझेदारी को व्यापार और ऊर्जा से परे शिक्षा तक मजबूत करना।
- दुबई की वैश्विक प्रतिभा आकर्षित करने की महत्वाकांक्षा को समर्थन।
- भारतीय प्रबंधन शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय बाजारों के करीब पहुँचाना।
यह पहल भारत को वैश्विक शिक्षा हब बनाने की दृष्टि और NEP 2020 के उद्देश्यों को सीधे समर्थन देती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| आयोजन | IIMA के पहले अंतरराष्ट्रीय कैंपस का उद्घाटन |
| तिथि | 11 सितंबर 2025 |
| स्थान | दुबई इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी |
| उद्घाटनकर्ता | शेख हमदान और धर्मेंद्र प्रधान |
| प्रथम बैच का आकार | 35 छात्र |
| प्रारंभिक कार्यक्रम | एक-वर्षीय पूर्णकालिक MBA |
| भविष्य की योजना | 2029 तक स्थायी कैंपस |
| भारत की नीति संबंध | NEP 2020 – विदेशी कैंपस की अनुमति |
| दुबई का संदर्भ | Education 33 रणनीति, D33 इकोनॉमिक एजेंडा |
| सामरिक महत्व | भारत-यूएई शैक्षणिक कूटनीति को मज़बूत करना |





