सितम्बर 16, 2025 3:43 पूर्वाह्न

भारत ने स्वदेशी बहु-चरणीय मलेरिया वैक्सीन लॉन्च की

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India Launches Indigenous Multi Stage Malaria Vaccine

स्वदेशी वैक्सीन में बड़ी उपलब्धि

भारत ने अपनी पहली स्वदेशी बहु-चरण मलेरिया वैक्सीन “AdFalciVax” लॉन्च की है। इस वैक्सीन का विकास भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और उसके साझेदार संस्थानों ने किया। यह वैक्सीन विशेषकर दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में मलेरिया के प्रसार को कम करने में एक बड़ा कदम है।

विकास और तकनीक हस्तांतरण

यह एक पुनः संयोजित (recombinant) चिमेरिक वैक्सीन है जो Plasmodium falciparum पर आधारित है। इसे ICMR के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (RMRC), भुवनेश्वर द्वारा Lactococcus lactis उत्पादन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग कर विकसित किया गया। प्री-क्लिनिकल अध्ययन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च (NIMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली द्वारा सत्यापित किए गए।
ICMR ने फ़ार्मास्युटिकल कंपनियों को तकनीक हस्तांतरण (Technology Transfer – ToT) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है ताकि बड़े पैमाने पर उत्पादन और व्यापक वितरण संभव हो सके।

वैक्सीन की विशेषताएँ और लाभ

AdFalciVax मलेरिया परजीवी को रक्त प्रवाह में प्रवेश करने से रोकता है, जिससे संक्रमण और प्रसार दोनों बंद हो जाते हैं। यह वैक्सीन कमरे के तापमान पर 9 महीने से अधिक समय तक स्थिर रहती है, जिससे यह कमजोर कोल्ड-चेन वाले क्षेत्रों के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
इसका बहु-चरणीय डिज़ाइन परजीवी के जीवन चक्र के विभिन्न चरणों पर प्रभाव डालता है, जिससे इसकी प्रभावकारिता अधिक होती है। वैक्सीन की किफ़ायत और बड़े पैमाने पर उत्पादन क्षमता भारत के मलेरिया उन्मूलन प्रयासों को गति दे सकती है।

स्थिर सामान्य ज्ञान तथ्य

विश्व की पहली मलेरिया वैक्सीन RTS,S/AS01 (Mosquirix) को WHO ने 2021 में अफ्रीका में बच्चों के लिए व्यापक उपयोग हेतु मंजूरी दी थी।

भारत में मलेरिया का बोझ

भारत वैश्विक मलेरिया मामलों का 1.4% और वैश्विक मलेरिया मौतों का 0.9% हिस्सा रखता है। दक्षिण-पूर्व एशिया में मलेरिया मामलों का 66% और उप-सहारा अफ्रीका के बाहर मौतों का 52% भारत में है।
भारत की लगभग 95% आबादी मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रहती है, जिनमें आदिवासी और कठिन पहुँच वाले इलाके शामिल हैं, जहाँ 20% जनसंख्या रहती है। यह वैक्सीन इन संवेदनशील समुदायों में रोग की घटनाओं को उल्लेखनीय रूप से कम करने की उम्मीद है।

स्थिर सामान्य ज्ञान टिप

विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि मलेरिया की रोकथाम और उन्मूलन पर वैश्विक जागरूकता बढ़ाई जा सके।

व्यापक प्रभाव

यह स्वदेशी वैक्सीन भारत की छवि को जैव-चिकित्सीय नवाचार केंद्र के रूप में मजबूत करती है। इसकी स्थिरता और किफ़ायत इसे अन्य मलेरिया प्रभावित देशों के लिए संभावित निर्यात उत्पाद बनाती है। कीटनाशक-उपचारित जाल और त्वरित जाँच जैसे निवारक उपायों के साथ मिलकर यह भारत को मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य के और करीब ला सकता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
वैक्सीन का नाम AdFalciVax
विकसित करने वाला ICMR RMRC भुवनेश्वर और साझेदार
लक्ष्य परजीवी Plasmodium falciparum
उत्पादन प्लेटफ़ॉर्म Lactococcus lactis
स्थिरता कमरे के तापमान पर 9 महीने
मुख्य सहयोगी NIMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी
भारत में मलेरिया बोझ वैश्विक मामलों का 1.4%, वैश्विक मौतों का 0.9%
प्रभावित जनसंख्या भारत की 95% आबादी जोखिम में
वैश्विक मलेरिया दिवस 25 अप्रैल
पहली वैश्विक मलेरिया वैक्सीन RTS,S/AS01 (Mosquirix), WHO-मंजूर 2021
India Launches Indigenous Multi Stage Malaria Vaccine
  1. भारत ने पहला स्वदेशी मलेरिया वैक्सीन, एडफाल्सीवैक्स लॉन्च किया।
  2. यह वैक्सीन भारत में आईसीएमआर और सहयोगी संस्थानों द्वारा विकसित की गई है।
  3. यह प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया परजीवी को प्रभावी ढंग से लक्षित करती है।
  4. आरएमआरसी भुवनेश्वर ने लैक्टोकोकस लैक्टिस प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इसे विकसित किया है।
  5. एनआईएमआर और राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान ने सहयोग किया है।
  6. यह वैक्सीन परजीवी को मानव रक्तप्रवाह में प्रवेश करने से रोकती है।
  7. यह मलेरिया के संक्रमण और संचरण दोनों को रोकती है।
  8. यह वैक्सीन कमरे के तापमान पर नौ महीनों तक स्थिर रहती है।
  9. बहु-चरणीय डिज़ाइन परजीवी जीवनचक्र के विभिन्न चरणों को लक्षित करता है।
  10. किफायती वैक्सीन दूरदराज के क्षेत्रों में मलेरिया उन्मूलन में सहायक है।
  11. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2021 में मॉस्किरिक्स को पहली मलेरिया वैक्सीन के रूप में मंजूरी दी।
  12. भारत वैश्विक मलेरिया मामलों में4% का योगदान देता है।
  13. वैश्विक स्तर पर मलेरिया से होने वाली कुल मौतों में से9% भारत में होती हैं।
  14. 95% भारतीय मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं।
  15. मलेरिया के सबसे ज़्यादा मामले आदिवासी दूरदराज के इलाकों में होते हैं।
  16. टीका कमज़ोर समुदायों में बीमारी का बोझ कम करता है।
  17. विश्व मलेरिया दिवस प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है।
  18. स्वदेशी टीका भारत की जैव-चिकित्सा नवाचार प्रतिष्ठा को मज़बूत करता है।
  19. अन्य मलेरिया प्रभावित देशों के लिए संभावित निर्यात उत्पाद।
  20. मलेरिया को पूरी तरह से खत्म करने के भारत के मिशन का समर्थन करता है।

Q1. भारत के पहले स्वदेशी बहु-चरणीय मलेरिया टीके का नाम क्या है?


Q2. AdFalciVax किस परजीवी को लक्षित करता है?


Q3. टीका उत्पादन के लिए किस तकनीक का उपयोग किया गया है?


Q4. यह टीका सामान्य तापमान पर कितने समय तक स्थिर रहता है?


Q5. वैश्विक मलेरिया मामलों में भारत का प्रतिशत कितना है?


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Current Affairs PDF September 15

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