भारत की वैश्विक अंतरिक्ष पहचान
भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में 9 विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने घोषणा की कि भारत अब 8–10 और नए विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिनमें 2040 तक मानव चंद्रमा पर उतरना शामिल है। भारत की कम लागत और उच्च नवाचार की रणनीति अब दुनिया के लिए दक्षता का मानक बन चुकी है।
ऐतिहासिक उपलब्धियां
- मंगलयान (2014): भारत पहली बार में मंगल ग्रह तक पहुँचने वाला पहला देश बना।
- PSLV-C37 (2017): एक ही मिशन में 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने का विश्व रिकॉर्ड।
- चंद्रयान-2 (2019): अब तक का सबसे उन्नत चंद्र ऑर्बिटर कैमरा स्थापित किया।
- चंद्रयान-3 (2023): भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना।
Static GK तथ्य: मंगलयान मिशन की लागत केवल ₹450 करोड़ थी, जो इतिहास के सबसे सस्ते इंटरप्लेनेटरी मिशनों में से एक है।
क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी में सफलता
2014–2017 के बीच भारत ने क्रायोजेनिक इंजन तकनीक में तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए।
- LVM3 क्रायोजेनिक फ्लाइट को सिर्फ 28 महीनों में तैयार किया गया, जबकि वैश्विक औसत 37–108 महीने है।
- इससे भारत की स्थिति स्वदेशी क्रायोजेनिक तकनीक में मजबूत हुई, जो गहरे अंतरिक्ष मिशनों के लिए अनिवार्य है।
Static GK तथ्य: क्रायोजेनिक इंजन तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन से संचालित होते हैं और भारी पेलोड ले जाने में सक्षम होते हैं।
अभियान और विस्तार
भारत अब तक 4000 से अधिक रॉकेट और 133 उपग्रह लॉन्च कर चुका है।
- इन मिशनों ने राष्ट्रीय सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, संचार और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया।
- तेजी से बढ़ते स्पेस स्टार्टअप इकोसिस्टम ने भारत के स्पेस इकोनॉमी को और विस्तारित किया।
Static GK तथ्य: भारत का पहला उपग्रह आर्यभट 1975 में सोवियत संघ की मदद से लॉन्च हुआ था।
भविष्य के लक्ष्य और मानव मिशन
इसरो आने वाले वर्षों में 8–10 नए विश्व रिकॉर्ड हासिल करने की तैयारी में है।
- नए लॉन्च व्हीकल्स
- उन्नत पृथ्वी अवलोकन प्रणाली
- विस्तारित ग्रहों के मिशन
- 2040 तक मानव चंद्र लैंडिंग का लक्ष्य
Static GK टिप: अब तक केवल तीन देशों ने मानव अंतरिक्ष उड़ान की है—अमेरिका, सोवियत संघ (रूस), और चीन।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
वर्तमान इसरो प्रमुख | वी. नारायणन |
कुल वैश्विक रिकॉर्ड | 9 |
मंगलयान | पहली बार में मंगल तक पहुँचा (2014) |
PSLV-C37 | 104 उपग्रह लॉन्च (2017) |
चंद्रयान-2 | उन्नत चंद्र ऑर्बिटर कैमरा (2019) |
चंद्रयान-3 | चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर पहली लैंडिंग (2023) |
क्रायोजेनिक उपलब्धि | LVM3 इंजन 28 महीनों में तैयार |
कुल रॉकेट प्रक्षेपण | 4000 से अधिक |
कुल उपग्रह प्रक्षेपण | 133 |
भविष्य का लक्ष्य | 2040 तक मानव चंद्र लैंडिंग |