सितम्बर 14, 2025 6:25 अपराह्न

हिमालयी भूरा भालू चर्चा में

चालू घटनाएँ: हिमालयी ब्राउन बियर, डियोसाई नेशनल पार्क, जलवायु परिवर्तन, मानव-भालू संघर्ष, गिलगित-बाल्टिस्तान, ज़ांस्कर, लद्दाख, लाहौल घाटी, आवास ह्रास, संरक्षण रणनीतियाँ

Himalayan Brown Bear in Focus

पारिस्थितिकी और वितरण

हिमालयी ब्राउन बियर (Ursus arctos isabellinus) भूरे भालू की सबसे कम अध्ययन की गई उप-प्रजातियों में से एक है। यह मुख्यतः उत्तरपश्चिमी और पश्चिमी हिमालय के अल्पाइन और उप-अल्पाइन क्षेत्रों में पाया जाता है।
इनकी आबादी वन कटाई, अनियंत्रित चराई और भूमि उपयोग में बदलाव के कारण खंडित हो गई है।
ये भालू कम मानव घनत्व वाले क्षेत्रों में पनपते हैं, लेकिन आवास घटने के कारण वे बस्तियों के करीब आने लगे हैं, जिससे मानववन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है।

Static GK तथ्य: डियोसाई नेशनल पार्क (गिलगितबाल्टिस्तान, पाकिस्तान) को “Land of Giants” कहा जाता है और यह हिमालयी ब्राउन बियर का मुख्य आवास है।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

हिमालय दुनिया के उन क्षेत्रों में है जहाँ तापमान सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि 2100 तक तापमान 3°C तक बढ़ सकता है।

  • उपयुक्त आवास घटेंगे और प्राकृतिक भोजन चक्र प्रभावित होगा।
  • बर्फबारी कम और सर्दियाँ छोटी होने से भालू को लंबे समय तक भोजन खोजना पड़ेगा
  • नतीजतन, वे मानव बस्तियों में भोजन ढूँढने लगते हैं, जिससे संघर्ष बढ़ता है।

Static GK तथ्य: IPCC ने हिमालय को जलवायु परिवर्तन हॉटस्पॉट घोषित किया है।

मानव-भालू संघर्ष

  • संघर्ष ज़ांस्कर (लद्दाख) और लाहौल घाटी (हिमाचल प्रदेश) में अधिक दर्ज किए गए हैं।
  • भालू पशुधन मारते हैं, फसल खाते हैं और मानव कचरे पर निर्भर होते हैं।
  • संघर्ष शरद ऋतु (Autumn) में चरम पर होता है, जब भालू हाइबरनेशन से पहले Hyperphagia चरण में वसा जमा करते हैं।
  • आर्थिक नुकसान बढ़ रहे हैं, हालांकि हाल के वर्षों में मानव मौतें दर्ज नहीं हुईं।

Static GK टिप: लद्दाख का हेमिस नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है, जो स्नो लेपर्ड और ब्राउन बियर दोनों का आवास है।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

  • स्थानीय लोग फसल नुकसान और पशुधन शिकार से जूझ रहे हैं।
  • भालू के व्यवहार की कम समझ और कचरे का खराब प्रबंधन स्थिति बिगाड़ते हैं।
  • समाधान सुझाए गए हैं: कचरा प्रबंधन, चराई नियंत्रण और सामुदायिक निगरानी दल
  • ईकोटूरिज्म और वाइल्डलाइफ़ फ्रेंडली आजीविका सह-अस्तित्व में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन्हें जलवायु अनुकूलन रणनीतियों से जोड़ा जाना ज़रूरी है।

संरक्षण की चुनौतियाँ

हिमालयी ब्राउन बियर की सुरक्षा केवल आवास सुरक्षित करने से संभव नहीं है।

  • सीमित पारिस्थितिक डेटा
  • बढ़ता मानव दबाव
  • जलवायु परिवर्तन
    ये सभी संरक्षण को जटिल बनाते हैं।
    विशेषज्ञ सुझाव देते हैं:
  • संरक्षित क्षेत्र (Protected Zones) का विस्तार
  • सतत भूमि उपयोग नीतियाँ
  • स्थानीय समुदायों की भागीदारी
    हर रणनीति में क्लाइमेट अडाप्टेशन को शामिल करना अनिवार्य है।

Static GK तथ्य: IUCN के क्षेत्रीय आकलन के अनुसार, हिमालयी ब्राउन बियर भारत में Endangered और पाकिस्तान में Critically Endangered सूचीबद्ध है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
वैज्ञानिक नाम Ursus arctos isabellinus
प्रमुख आवास डियोसाई नेशनल पार्क, गिलगित-बाल्टिस्तान
भारतीय वितरण लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड
संघर्ष क्षेत्र ज़ांस्कर (लद्दाख), लाहौल घाटी (हिमाचल)
जलवायु परिवर्तन प्रभाव आवास घटाव, भोजन चक्र में बदलाव
संघर्ष का चरम मौसम शरद ऋतु (Hyperphagia चरण)
संरक्षण स्थिति भारत – Endangered, पाकिस्तान – Critically Endangered
मुख्य खतरे आवास ह्रास, मानव अतिक्रमण, जलवायु परिवर्तन
प्रमुख रणनीति संरक्षित क्षेत्र और जलवायु अनुकूलन
विशेष तथ्य पारिस्थितिक संकेतक प्रजाति (Ecological Indicator Species)

Himalayan Brown Bear in Focus
  1. हिमालयी भूरा भालू सबसे कम अध्ययन की गई भालू उप-प्रजातियों में से एक है।
  2. यह भारत के अल्पाइन और उप-अल्पाइन हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है।
  3. वनों की कटाई, चराई और भूमि उपयोग में बदलाव के कारण इसकी आबादी घट रही है।
  4. घटते आवासों और मानवीय गतिविधियों के कारण भालू बस्तियों के पास रहने को मजबूर हैं।
  5. पाकिस्तान का देवसाई राष्ट्रीय उद्यान एक प्रमुख आवास स्थल है।
  6. हिमालय तेज़ी से गर्म हो रहा है, 2100 तक तापमान 3°C बढ़ सकता है।
  7. जलवायु परिवर्तन खाद्य चक्र और उपयुक्त आवासों को कम कर रहा है।
  8. भोजन की कमी के कारण भालू अब मानव बस्तियों में भोजन की तलाश करते हैं।
  9. आईपीसीसी ने हिमालय को वैश्विक जलवायु परिवर्तन हॉटस्पॉट के रूप में वर्गीकृत किया है।
  10. ज़ांस्कर, लद्दाख और लाहौल-स्पीति, हिमाचल प्रदेश में संघर्ष बढ़ रहे हैं।
  11. भालू पशुओं, फसलों और मानव अपशिष्ट के ढेरों पर हमला करते हैं।
  12. शीतनिद्रा अवधि से पहले शरद ऋतु के हाइपरफैगिया के दौरान संघर्ष चरम पर होते हैं।
  13. लद्दाख का हेमिस राष्ट्रीय उद्यान भूरे भालुओं और हिम तेंदुओं को आश्रय देता है।
  14. हाल ही में कोई मृत्यु नहीं हुई है, लेकिन पशुधन का आर्थिक नुकसान महत्वपूर्ण है।
  15. समुदाय फसल हानि और पशुधन शिकार के मुद्दों से जूझ रहे हैं।
  16. अध्ययन अपशिष्ट प्रबंधन और सामुदायिक निगरानी समूहों की अनुशंसा करते हैं।
  17. पारिस्थितिक पर्यटन और वन्यजीव-अनुकूल आजीविका मानव-भालू सह-अस्तित्व में सहायक हैं।
  18. भारत में भालू लुप्तप्राय और पाकिस्तान में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध हैं।
  19. विशेषज्ञ संरक्षित क्षेत्रों और जलवायु अनुकूलन रणनीतियों का आग्रह करते हैं।
  20. हिमालयी भूरे भालू को पारिस्थितिक संकेतक प्रजाति के रूप में देखा जाता है।

Q1. हिमालयी भूरे भालू मुख्य रूप से कहाँ पाए जाते हैं?


Q2. हिमालयी भूरे भालू का प्रमुख आवास क्षेत्र कौन सा है?


Q3. हिमालयी भूरे भालू के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा क्या है?


Q4. किस ऋतु में मानव-भालू संघर्ष चरम पर होता है?


Q5. हिमालयी भूरे भालू की रक्षा हेतु कौन सी संरक्षण रणनीति पर बल दिया गया है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF September 14

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.