पारिस्थितिकी और वितरण
हिमालयी ब्राउन बियर (Ursus arctos isabellinus) भूरे भालू की सबसे कम अध्ययन की गई उप-प्रजातियों में से एक है। यह मुख्यतः उत्तर–पश्चिमी और पश्चिमी हिमालय के अल्पाइन और उप-अल्पाइन क्षेत्रों में पाया जाता है।
इनकी आबादी वन कटाई, अनियंत्रित चराई और भूमि उपयोग में बदलाव के कारण खंडित हो गई है।
ये भालू कम मानव घनत्व वाले क्षेत्रों में पनपते हैं, लेकिन आवास घटने के कारण वे बस्तियों के करीब आने लगे हैं, जिससे मानव–वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है।
Static GK तथ्य: डियोसाई नेशनल पार्क (गिलगित–बाल्टिस्तान, पाकिस्तान) को “Land of Giants” कहा जाता है और यह हिमालयी ब्राउन बियर का मुख्य आवास है।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
हिमालय दुनिया के उन क्षेत्रों में है जहाँ तापमान सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि 2100 तक तापमान 3°C तक बढ़ सकता है।
- उपयुक्त आवास घटेंगे और प्राकृतिक भोजन चक्र प्रभावित होगा।
- बर्फबारी कम और सर्दियाँ छोटी होने से भालू को लंबे समय तक भोजन खोजना पड़ेगा।
- नतीजतन, वे मानव बस्तियों में भोजन ढूँढने लगते हैं, जिससे संघर्ष बढ़ता है।
Static GK तथ्य: IPCC ने हिमालय को जलवायु परिवर्तन हॉटस्पॉट घोषित किया है।
मानव-भालू संघर्ष
- संघर्ष ज़ांस्कर (लद्दाख) और लाहौल घाटी (हिमाचल प्रदेश) में अधिक दर्ज किए गए हैं।
- भालू पशुधन मारते हैं, फसल खाते हैं और मानव कचरे पर निर्भर होते हैं।
- संघर्ष शरद ऋतु (Autumn) में चरम पर होता है, जब भालू हाइबरनेशन से पहले Hyperphagia चरण में वसा जमा करते हैं।
- आर्थिक नुकसान बढ़ रहे हैं, हालांकि हाल के वर्षों में मानव मौतें दर्ज नहीं हुईं।
Static GK टिप: लद्दाख का हेमिस नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है, जो स्नो लेपर्ड और ब्राउन बियर दोनों का आवास है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
- स्थानीय लोग फसल नुकसान और पशुधन शिकार से जूझ रहे हैं।
- भालू के व्यवहार की कम समझ और कचरे का खराब प्रबंधन स्थिति बिगाड़ते हैं।
- समाधान सुझाए गए हैं: कचरा प्रबंधन, चराई नियंत्रण और सामुदायिक निगरानी दल।
- ईको–टूरिज्म और वाइल्डलाइफ़ फ्रेंडली आजीविका सह-अस्तित्व में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन्हें जलवायु अनुकूलन रणनीतियों से जोड़ा जाना ज़रूरी है।
संरक्षण की चुनौतियाँ
हिमालयी ब्राउन बियर की सुरक्षा केवल आवास सुरक्षित करने से संभव नहीं है।
- सीमित पारिस्थितिक डेटा
- बढ़ता मानव दबाव
- जलवायु परिवर्तन
ये सभी संरक्षण को जटिल बनाते हैं।
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं: - संरक्षित क्षेत्र (Protected Zones) का विस्तार
- सतत भूमि उपयोग नीतियाँ
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी
हर रणनीति में क्लाइमेट अडाप्टेशन को शामिल करना अनिवार्य है।
Static GK तथ्य: IUCN के क्षेत्रीय आकलन के अनुसार, हिमालयी ब्राउन बियर भारत में Endangered और पाकिस्तान में Critically Endangered सूचीबद्ध है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
वैज्ञानिक नाम | Ursus arctos isabellinus |
प्रमुख आवास | डियोसाई नेशनल पार्क, गिलगित-बाल्टिस्तान |
भारतीय वितरण | लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड |
संघर्ष क्षेत्र | ज़ांस्कर (लद्दाख), लाहौल घाटी (हिमाचल) |
जलवायु परिवर्तन प्रभाव | आवास घटाव, भोजन चक्र में बदलाव |
संघर्ष का चरम मौसम | शरद ऋतु (Hyperphagia चरण) |
संरक्षण स्थिति | भारत – Endangered, पाकिस्तान – Critically Endangered |
मुख्य खतरे | आवास ह्रास, मानव अतिक्रमण, जलवायु परिवर्तन |
प्रमुख रणनीति | संरक्षित क्षेत्र और जलवायु अनुकूलन |
विशेष तथ्य | पारिस्थितिक संकेतक प्रजाति (Ecological Indicator Species) |