सबमरीन केबल्स पर खतरा
हाल ही में रेड सी में केबल व्यवधान के कारण मध्य पूर्व और एशिया, जिसमें भारत भी शामिल है, में इंटरनेट सेवाएँ बाधित हुईं। यह दर्शाता है कि वैश्विक संचार प्रणाली कितनी कमजोर है, क्योंकि 95% से अधिक अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट ट्रैफिक सबमरीन फाइबर ऑप्टिक केबल्स पर निर्भर है।
स्थिर जीके तथ्य: दुनिया की पहली ट्रांसअटलांटिक टेलीग्राफ केबल 1858 में आयरलैंड और न्यूफ़ाउंडलैंड के बीच बिछाई गई थी।
भारत में UDA की ज़रूरत
भारत के लिए अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस (UDA) राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। चीन के Underwater Great Wall Project जैसी गतिविधियों के बीच भारत के लिए सबमरीन केबल्स, बंदरगाहों और नौसैनिक मार्गों की सुरक्षा बेहद अहम है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत की तटरेखा 7,516 किमी लंबी है, जो विश्व में 18वीं सबसे लंबी है।
तकनीकी और परिचालन चुनौतियाँ
भारत में उन्नत अंडरसी टेक्नोलॉजी की कमी है।
- UUVs (मानव रहित पनडुब्बी वाहन) अभी शुरुआती विकास अवस्था में हैं।
- DRDO का एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम अभी वैश्विक मानकों (विशेषकर लिथियम-आयन ईंधन सेल AIP) से कमजोर है।
- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का USV केवल 30 किग्रा पेलोड उठा सकता है, जिससे इसका उपयोग सीमित हो जाता है।
- वित्तीय बाधाएँ, कमजोर एजेंसी समन्वय, मानसून की कठिन परिस्थितियाँ और चीन की पनडुब्बी गतिविधियाँ UDA को चुनौती देती हैं।
स्थिर जीके टिप: भारतीय नौसेना की INS अरिहंत भारत की पहली स्वदेशी परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है।
भारत की पहलें
भारत अब घरेलू स्तर पर प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है।
- निगरानी के लिए MAYA, AMOGH और ADAMYA UUVs विकसित किए जा रहे हैं।
- समुद्रयान परियोजना के तहत मत्य्स 6000 मानव-संचालित पनडुब्बी गहरे समुद्र अनुसंधान को बढ़ाएगी।
- रक्षा मोर्चे पर, इंटीग्रेटेड अंडरवाटर हार्बर डिफेंस एंड सर्विलांस सिस्टम (IUHDSS) को पोर्ट ब्लेयर में तैनात किया गया है।
स्थिर जीके तथ्य: पोर्ट ब्लेयर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह) बंगाल की खाड़ी में भारत का रणनीतिक नौसैनिक अड्डा है।
वैश्विक साझेदारियाँ
भारत संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अंडरसी टेक्नोलॉजी में सहयोग कर रहा है। भारत ने अपने MQ-9B Sea Guardian ड्रोन्स को Sonobuoys (पनडुब्बी-पता लगाने वाले सोना सिस्टम) से लैस किया है। इससे भारत की एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमता बढ़ी है।
स्थिर जीके तथ्य: Sonobuoys नौसैनिक युद्ध में इस्तेमाल होने वाले एक्सपेंडेबल सोना सिस्टम हैं, जो पनडुब्बियों का पता लगाते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
घटना | रेड सी में अंडरसी केबल्स पर हमले |
प्रभाव | मध्य पूर्व और एशिया (भारत सहित) में इंटरनेट बाधित |
महत्व | वैश्विक इंटरनेट ट्रैफिक का 95% सबमरीन केबल्स से |
भारत की चुनौती | UUVs में तकनीकी कमी, कमजोर AIP, वित्तीय बाधाएँ |
प्रमुख खतरा | चीनी पनडुब्बियाँ और Underwater Great Wall प्रोजेक्ट |
भारतीय विकास | MAYA, AMOGH, ADAMYA UUVs |
प्रमुख परियोजना | समुद्रयान के तहत मत्य्स 6000 |
अवसंरचना | IUHDSS, पोर्ट ब्लेयर में तैनात |
अंतरराष्ट्रीय सहयोग | भारत-अमेरिका अंडरसी टेक्नोलॉजी साझेदारी |
नौसैनिक उन्नयन | MQ-9B Sea Guardian ड्रोन्स, Sonobuoys से लैस |