बढ़ती शहरी संवेदनशीलता
भारत के शहर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति तेजी से असुरक्षित हो रहे हैं। हाल ही में पंजाब जैसे राज्यों में भारी मानसूनी वर्षा ने शहरी बाढ़ की स्थिति पैदा की, जिससे जीवन और अवसंरचना को नुकसान पहुँचा। 2020 में 48 करोड़ शहरी जनसंख्या के 2050 तक लगभग दोगुना होकर 95.1 करोड़ होने की उम्मीद है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 35% आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है।
शहरी बाढ़ की चुनौतियाँ
अनुमान है कि 2070 तक दो-तिहाई शहरी निवासी गंभीर बाढ़ जोखिमों का सामना करेंगे, जिससे हर साल लगभग 30 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। कमजोर जल निकासी प्रणाली और नदी किनारों पर अतिक्रमण स्थिति को और खराब करते हैं।
कोलकाता जैसे शहरों ने बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली अपनाई है। वहीं शहरी आर्द्रभूमि और वर्षा जल संचयन जैसी प्रकृति-आधारित समाधान सहनशीलता बढ़ा सकते हैं।
शहरों में गर्मी का दबाव
अर्बन हीट आइलैंड प्रभाव से शहरों का तापमान 3–5°C तक अधिक हो जाता है। इससे स्वास्थ्य पर खतरा, उत्पादकता में कमी और ऊर्जा खपत का बोझ बढ़ता है।
अहमदाबाद का हीट एक्शन प्लान एक मॉडल है, जिसमें प्रारंभिक चेतावनी, जन जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी शामिल है। शहरी हरियाली और रूफटॉप गार्डन गर्मी कम करने और वायु गुणवत्ता सुधारने में सहायक हैं।
स्थिर जीके टिप: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 2023 को अब तक का सबसे गर्म वर्ष घोषित किया।
परिवहन और कनेक्टिविटी जोखिम
सड़कों का केवल 10–20% बाढ़ में डूबना, परिवहन नेटवर्क का 50% बाधित कर सकता है। दिल्ली मेट्रो जैसे महत्वपूर्ण सिस्टम दिखाते हैं कि बाढ़-सहनशील अवसंरचना कितनी ज़रूरी है।
जोखिम मानचित्रण, मजबूत सड़क डिजाइन और हरित सार्वजनिक परिवहन में निवेश से कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकती है।
अपशिष्ट और ऊर्जा प्रबंधन
तेजी से शहरीकरण से कचरा उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे नगरपालिका सेवाएँ दबाव में हैं।
कचरे से ऊर्जा संयंत्र, रीसाइक्लिंग सिस्टम को उन्नत करना और स्रोत पर अलगाव को बढ़ावा देना समय की ज़रूरत है।
इंदौर मॉडल (लगातार 6 बार स्वच्छ सर्वेक्षण विजेता) दिखाता है कि जन भागीदारी और स्मार्ट योजना से परिणाम बदले जा सकते हैं।
स्थिर जीके तथ्य: इंदौर ने 2022 तक लगातार छह बार स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार जीता।
शासन और वित्तीय अंतराल
कमजोर संस्थागत क्षमता और सीमित वित्त अक्सर जलवायु सहनशील परियोजनाओं में देरी लाते हैं।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP), नागरिक सहभागिता और शहर-स्तरीय क्लाइमेट फंड से प्रगति तेज की जा सकती है।
दीर्घकालिक योजना के लिए विभागीय समन्वय और स्पष्ट जवाबदेही भी आवश्यक है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
शहरी जनसंख्या अनुमान | 2050 तक 95.1 करोड़ |
बाढ़ जोखिम | 2070 तक दो-तिहाई शहरी निवासी |
आर्थिक नुकसान | हर साल लगभग $30 अरब |
हीट स्ट्रेस | तापमान 3–5°C अधिक |
मॉडल शहर (गर्मी) | अहमदाबाद (हीट एक्शन प्लान) |
परिवहन संवेदनशीलता | 10–20% सड़क डूबने पर 50% नेटवर्क प्रभावित |
मॉडल शहर (कचरा प्रबंधन) | इंदौर |
शासन चुनौती | कमजोर संस्थान और वित्त की कमी |
समाधान (बाढ़) | मजबूत जल निकासी, पूर्वानुमान प्रणाली, आर्द्रभूमि |
वैश्विक जलवायु रिकॉर्ड | 2023, WMO द्वारा अब तक का सबसे गर्म वर्ष |