परिचय
भारतीय सेना ने अपनी संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए विशेष भैरव बटालियन खड़ी करने की प्रक्रिया शुरू की है। ये यूनिट्स साधारण इन्फैंट्री और पैरा-स्पेशल फोर्सेज के बीच की कमी को पूरा करने के लिए तैयार की गई हैं, ताकि आधुनिक युद्ध में अधिक लचीलापन और तेज़ प्रतिक्रिया संभव हो सके।
भैरव बटालियनों की संरचना
कुल 23 भैरव बटालियनें मौजूदा इन्फैंट्री रेजिमेंट्स से बनाई जाएंगी। प्रत्येक बटालियन में 250 विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिक होंगे। ये पारंपरिक इन्फैंट्री यूनिट्स की तुलना में छोटी, तेज़ और अधिक चुस्त होंगी।
स्थिर जीके तथ्य: एक नियमित भारतीय सेना की इन्फैंट्री बटालियन में लगभग 800 सैनिक होते हैं, जो भैरव बटालियन से कहीं बड़ी होती है।
प्रमुख कमानों में तैनाती
पहली पाँच बटालियनें उत्तरी कमान के तहत बनाई जाएंगी, जो सीमा सुरक्षा के लिए अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है।
- एक बटालियन 14 कोर, लेह में तैनात होगी।
- एक 15 कोर, श्रीनगर में काम करेगी।
- एक 16 कोर, नागरोटा में रहेगी।
- शेष दो भी उत्तरी कमान के भीतर परिचालन तैयारी के लिए वितरित की जाएंगी।
स्थिर जीके टिप: भारतीय सेना की उत्तरी कमान का मुख्यालय जम्मू–कश्मीर के उधमपुर में स्थित है।
भूमिका और उद्देश्य
भैरव बटालियनें ब्रिज फोर्स के रूप में काम करेंगी। जहाँ इन्फैंट्री पारंपरिक युद्ध को संभालती है और पैरा-स्पेशल फोर्सेज जोखिम भरे मिशन करती हैं, वहीं भैरव यूनिट्स स्थानीय खतरों का तुरंत जवाब देने में सक्षम होंगी। ये विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में तेज़ तैनाती और कार्रवाई के लिए तैयार की गई हैं।
आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण
हर भैरव यूनिट को आधुनिक हथियारों, निगरानी उपकरणों और ड्रोन से लैस किया जाएगा। उनकी गतिशीलता उन्हें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती है। प्रशिक्षण का फोकस उच्च ऊँचाई युद्ध, आतंकवाद–रोधी अभियान और विशेष सामरिक कौशल पर होगा।
स्थिर जीके तथ्य: भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा उच्च ऊँचाई पर तैनात सैनिकों का समूह है, खासकर सियाचिन ग्लेशियर पर।
सामरिक महत्व
भैरव बटालियनों का गठन भारत की रक्षा रणनीति में बदलाव को दर्शाता है, जहाँ अब बलों को हल्का, लचीला और प्रौद्योगिकी–आधारित बनाया जा रहा है। ये इकाइयाँ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील सीमाई इलाकों में भारत की तत्परता को और मज़बूत करेंगी। इनके द्वारा युद्धक्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारतीय सेना को आधुनिक संघर्षों में बढ़त मिलेगी।
निष्कर्ष
भैरव बटालियनों का गठन भारत के रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। चुस्ती, आधुनिक तकनीक और विशेष प्रशिक्षण का संयोजन इन्हें सीमा सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियानों में निर्णायक भूमिका निभाने वाला बनाएगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजनाबद्ध भैरव बटालियनें | 23 |
प्रति बटालियन सैनिक | 250 |
प्रारंभिक तैनाती कमान | उत्तरी कमान |
पहली पाँच यूनिट्स के स्थान | लेह, श्रीनगर, नागरोटा, अन्य दो उत्तरी कमान में |
उद्देश्य | इन्फैंट्री और पैरा-स्पेशल फोर्सेज के बीच सेतु |
उपकरण | आधुनिक हथियार, गैजेट, ड्रोन |
आकार तुलना | इन्फैंट्री बटालियन (800 सैनिक) से छोटी |
उत्तरी कमान मुख्यालय | उधमपुर, जम्मू और कश्मीर |
प्रशिक्षण फोकस | उच्च ऊँचाई युद्ध, आतंकवाद-रोधी अभियान |
सामरिक महत्व | चुस्ती और सीमा रक्षा को सुदृढ़ करना |