सितम्बर 11, 2025 2:06 पूर्वाह्न

भारतीय सेना की भैरव बटालियनें

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Bhairav Battalions of the Indian Army

परिचय

भारतीय सेना ने अपनी संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए विशेष भैरव बटालियन खड़ी करने की प्रक्रिया शुरू की है। ये यूनिट्स साधारण इन्फैंट्री और पैरा-स्पेशल फोर्सेज के बीच की कमी को पूरा करने के लिए तैयार की गई हैं, ताकि आधुनिक युद्ध में अधिक लचीलापन और तेज़ प्रतिक्रिया संभव हो सके।

भैरव बटालियनों की संरचना

कुल 23 भैरव बटालियनें मौजूदा इन्फैंट्री रेजिमेंट्स से बनाई जाएंगी। प्रत्येक बटालियन में 250 विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिक होंगे। ये पारंपरिक इन्फैंट्री यूनिट्स की तुलना में छोटी, तेज़ और अधिक चुस्त होंगी।

स्थिर जीके तथ्य: एक नियमित भारतीय सेना की इन्फैंट्री बटालियन में लगभग 800 सैनिक होते हैं, जो भैरव बटालियन से कहीं बड़ी होती है।

प्रमुख कमानों में तैनाती

पहली पाँच बटालियनें उत्तरी कमान के तहत बनाई जाएंगी, जो सीमा सुरक्षा के लिए अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है।

  • एक बटालियन 14 कोर, लेह में तैनात होगी।
  • एक 15 कोर, श्रीनगर में काम करेगी।
  • एक 16 कोर, नागरोटा में रहेगी।
  • शेष दो भी उत्तरी कमान के भीतर परिचालन तैयारी के लिए वितरित की जाएंगी।

स्थिर जीके टिप: भारतीय सेना की उत्तरी कमान का मुख्यालय जम्मूकश्मीर के उधमपुर में स्थित है।

भूमिका और उद्देश्य

भैरव बटालियनें ब्रिज फोर्स के रूप में काम करेंगी। जहाँ इन्फैंट्री पारंपरिक युद्ध को संभालती है और पैरा-स्पेशल फोर्सेज जोखिम भरे मिशन करती हैं, वहीं भैरव यूनिट्स स्थानीय खतरों का तुरंत जवाब देने में सक्षम होंगी। ये विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में तेज़ तैनाती और कार्रवाई के लिए तैयार की गई हैं।

आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षण

हर भैरव यूनिट को आधुनिक हथियारों, निगरानी उपकरणों और ड्रोन से लैस किया जाएगा। उनकी गतिशीलता उन्हें आक्रामक और रक्षात्मक दोनों अभियानों के लिए उपयुक्त बनाती है। प्रशिक्षण का फोकस उच्च ऊँचाई युद्ध, आतंकवादरोधी अभियान और विशेष सामरिक कौशल पर होगा।

स्थिर जीके तथ्य: भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा उच्च ऊँचाई पर तैनात सैनिकों का समूह है, खासकर सियाचिन ग्लेशियर पर।

सामरिक महत्व

भैरव बटालियनों का गठन भारत की रक्षा रणनीति में बदलाव को दर्शाता है, जहाँ अब बलों को हल्का, लचीला और प्रौद्योगिकीआधारित बनाया जा रहा है। ये इकाइयाँ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील सीमाई इलाकों में भारत की तत्परता को और मज़बूत करेंगी। इनके द्वारा युद्धक्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारतीय सेना को आधुनिक संघर्षों में बढ़त मिलेगी।

निष्कर्ष

भैरव बटालियनों का गठन भारत के रक्षा आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। चुस्ती, आधुनिक तकनीक और विशेष प्रशिक्षण का संयोजन इन्हें सीमा सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियानों में निर्णायक भूमिका निभाने वाला बनाएगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
योजनाबद्ध भैरव बटालियनें 23
प्रति बटालियन सैनिक 250
प्रारंभिक तैनाती कमान उत्तरी कमान
पहली पाँच यूनिट्स के स्थान लेह, श्रीनगर, नागरोटा, अन्य दो उत्तरी कमान में
उद्देश्य इन्फैंट्री और पैरा-स्पेशल फोर्सेज के बीच सेतु
उपकरण आधुनिक हथियार, गैजेट, ड्रोन
आकार तुलना इन्फैंट्री बटालियन (800 सैनिक) से छोटी
उत्तरी कमान मुख्यालय उधमपुर, जम्मू और कश्मीर
प्रशिक्षण फोकस उच्च ऊँचाई युद्ध, आतंकवाद-रोधी अभियान
सामरिक महत्व चुस्ती और सीमा रक्षा को सुदृढ़ करना
Bhairav Battalions of the Indian Army
  1. भारतीय सेना ने आधुनिक युद्ध के लिए विशेष भैरव बटालियनों का गठन किया।
  2. पैदल सेना रेजिमेंटों से 23 भैरव बटालियनों की योजना बनाई गई।
  3. प्रत्येक इकाई में 250 विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिक होते हैं।
  4. नियमित पैदल सेना बटालियनों में आमतौर पर लगभग 800 सैनिक होते हैं।
  5. पहली पाँच इकाइयाँ उत्तरी कमान क्षेत्र के अंतर्गत तैनात हैं।
  6. लेह, लद्दाख में 14 कोर के अंतर्गत एक बटालियन।
  7. श्रीनगर, कश्मीर में 15 कोर के अंतर्गत एक बटालियन।
  8. नगरोटा, जम्मू में 16 कोर के अंतर्गत एक बटालियन।
  9. उत्तरी कमान का मुख्यालय उधमपुर, जम्मू और कश्मीर में है।
  10. इकाइयाँ पैदल सेना और अर्ध-विशेष बलों के बीच की खाई को पाटती हैं।
  11. वे स्थानीय उच्च-जोखिम वाले अभियानों के लिए बहुमुखी सहायता प्रदान करती हैं।
  12. उन्नत हथियारों, निगरानी उपकरणों और ड्रोन से लैस।
  13. प्रशिक्षण में आतंकवाद-रोधी और उच्च-ऊंचाई वाले युद्ध तकनीकें शामिल हैं।
  14. सियाचिन ग्लेशियर में भारत की सबसे बड़ी उच्च-ऊंचाई वाले सैन्य तैनाती है।
  15. भैरव इकाइयाँ आक्रामक और रक्षात्मक भूमिकाओं में चपलता सुनिश्चित करती हैं।
  16. वे सीमा सुरक्षा चुनौतियों के लिए भारत की तत्परता को मजबूत करती हैं।
  17. नई संरचना भारत के हल्के कमांडो इकाइयों की ओर बदलाव को दर्शाती है।
  18. प्रौद्योगिकी एकीकरण भारतीय सेना को आधुनिक युद्ध क्षमता प्रदान करता है।
  19. बटालियनें संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों को बढ़ाती हैं।
  20. यह पहल रक्षा आधुनिकीकरण में एक निर्णायक कदम है।

Q1. भैरव बटालियनों को उठाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. प्रत्येक भैरव बटालियन में कितने सैनिक होंगे?


Q3. उत्तरी कमान का मुख्यालय, जिसके अंतर्गत ये बटालियनें तैनात की जा रही हैं, कहाँ स्थित है?


Q4. कौन-सी विशेषता भैरव बटालियनों को नियमित पैदल सेना इकाइयों से अलग करती है?


Q5. भैरव बटालियनों का सामरिक महत्व क्या है?


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