वैश्विक मंच पर नाइजीरिया की ऐतिहासिक प्रगति
2025 की शुरुआत में नाइजीरिया ने आधिकारिक रूप से BRICS में शामिल होकर एक नया राजनयिक अध्याय रच दिया। अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते, इस समूह में इसकी भागीदारी न केवल देश के लिए बल्कि पूरे वैश्विक दक्षिण के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह वैश्विक आर्थिक निर्णय-निर्धारण में समानता की नई पहल का प्रतीक है।
BRICS का विकास क्रम
BRICS की स्थापना 2009 में ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन द्वारा की गई थी। 2010 में दक्षिण अफ्रीका के जुड़ने के साथ यह समूह और मजबूत हुआ। यह गठबंधन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार और बहुध्रुवीयता की वकालत करता है, जिससे पश्चिमी देशों के G7 जैसे संगठनों को संतुलन प्रदान किया जा सके।
विस्तार और विविधता: एक व्यापक गठबंधन
2023 में ईरान, मिस्र, इथियोपिया और यूएई को शामिल करने के बाद अब नाइजीरिया BRICS का 9वाँ सदस्य बन गया है। यह सदस्यता समूह की महाद्वीपीय पहुँच को और मजबूत करती है। 20 करोड़ की जनसंख्या, विशाल तेल भंडार और डिजिटल अर्थव्यवस्था के साथ, नाइजीरिया अब पश्चिमी अफ्रीका में BRICS का प्रमुख रणनीतिक स्तंभ बन गया है।
नाइजीरिया को रणनीतिक लाभ
BRICS की न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) जैसी संस्थाओं से जुड़कर नाइजीरिया को बुनियादी ढाँचे और सतत विकास परियोजनाओं में निवेश का लाभ मिलेगा। साथ ही, व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग के अवसर बढ़ेंगे, जिससे आर्थिक विकास और क्षेत्रीय समेकन को गति मिलेगी।
डॉलर निर्भरता से मुक्ति की दिशा
BRICS का एक प्रमुख उद्देश्य स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा देना और अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करना है। नाइजीरिया की सदस्यता से इस उद्देश्य को अफ्रीकी समर्थन मिला है। सदस्य देश अब वैकल्पिक भुगतान प्रणालियों की खोज में जुटे हैं ताकि पश्चिमी वित्तीय ढांचे पर निर्भरता घटाई जा सके।
वैश्विक दक्षिण की आवाज़ को सशक्त करना
2023 में आयोजित 15वाँ BRICS शिखर सम्मेलन समावेशी बहुपक्षवाद पर केंद्रित था। नाइजीरिया की भागीदारी से समूह को न केवल आर्थिक बल मिला, बल्कि जलवायु, व्यापार और सुरक्षा मामलों में अफ्रीकी दृष्टिकोण को भी मंच मिला। यह BRICS के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसमें उभरती अर्थव्यवस्थाओं को बराबरी का प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
विविधता में एकता की चुनौती
BRICS की शक्ति अब उसके विविध सदस्य देशों में है, लेकिन इससे राजनीतिक मतभेद भी सामने आ सकते हैं। भारत-चीन संबंधों में तनाव और रूस की वैश्विक स्थिति जैसे मुद्दे सामूहिक निर्णयों में बाधा बन सकते हैं। फिर भी, यही विविधता समूह को अधिक संतुलित और प्रतिनिधिक संवाद की दिशा में ले जा सकती है।
Static GK Snapshot
विषय | तथ्य |
BRICS की स्थापना | 2009: ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन |
दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता | 2010 |
नाइजीरिया की सदस्यता | 2025 (9वाँ सदस्य) |
2023 का विस्तार | ईरान, मिस्र, इथियोपिया, यूएई |
प्रमुख उद्देश्य | डॉलर निर्भरता कम करना, दक्षिण-दक्षिण सहयोग, वैश्विक सुधार |
15वाँ शिखर सम्मेलन विषय | सतत विकास और निष्पक्ष बहुपक्षवाद (2023) |