जुलाई 19, 2025 12:17 अपराह्न

मिशन मौसम: भारत का जलवायु और मौसम पूर्वानुमान में नया युग

चालू घटनाक्रम प्रमुख शब्द: मिशन मौसम 2025 लॉन्च, आईएमडी 150वीं वर्षगांठ, पुणे आईआईटीएम क्लाउड चैंबर, ₹2000 करोड़ मौसम बजट, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, मौसम संशोधन भारत, स्थैतिक जीके

Mission Mausam: India’s New Era in Climate and Weather Forecasting

मकर संक्रांति पर ऐतिहासिक पहल

14 जनवरी 2025, मकर संक्रांति के दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन मौसम की शुरुआत की—जो भारत की मौसम प्रणाली को आधुनिक बनाने की एक दूरदर्शी पहल है।

इस दिन भारतीय मौसम विभाग (IMD) की 150वीं वर्षगांठ भी मनाई गई, जिसने दशकों से भारत की कृषि, परिवहन और आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई है। अब, मिशन मौसम IMD को एक तकनीकसक्षम भविष्य की ओर ले जा रहा है, जिसमें अधिक सटीक पूर्वानुमान और रियल-टाइम जानकारी सभी के लिए उपलब्ध होगी।

पूर्वानुमान से कार्रवाई तक: क्या करेगा मिशन मौसम?

₹2000 करोड़ के प्रारंभिक बजट के साथ, यह मिशन कई बुनियादी बदलाव लाएगा:

  • डेटा मॉडलिंग में सुधार
  • आधुनिक वेदर लैब्स का निर्माण
  • अलर्ट सिस्टम का उन्नयन
  • मौसम की जानकारी को विभिन्न क्षेत्रों तक पहुँचाना

इसका असर इन प्रमुख क्षेत्रों में देखा जाएगा:

  • कृषि – बुआई और सिंचाई हेतु वर्षा की सटीक भविष्यवाणी
  • विमानन – उड़ान सुरक्षा के लिए मौसम चेतावनी
  • रक्षा – चरम मौसम में सैन्य संचालन
  • पर्यटन – यात्रा के लिए मौसम आधारित सलाह
  • स्वास्थ्य – प्रदूषण और लू की चेतावनियाँ
  • आपदा प्रबंधन – बाढ़, चक्रवात और गर्मी के तनाव के लिए समय रहते अलर्ट

एक अलर्ट से आम जीवन से विज्ञान को जोड़ने का लक्ष्य है।

प्रयोगशाला में मौसम बनाना: पुणे का क्लाउड चैंबर

मिशन मौसम का एक प्रमुख लक्ष्य है मौसम में संशोधन—जैसे कृत्रिम वर्षा कराना (cloud seeding) या कोहरा कम करना। इसके लिए, सरकार पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) में एक उन्नत क्लाउड चैंबर की स्थापना करेगी।

यह प्रयोगशाला बूंदों के वर्षा में परिवर्तित होने की प्रक्रिया का अध्ययन करेगी। मानो एक छोटे बक्से में मानसून को दोहराना, जिससे सूखा और तूफान जैसे हालात से निपटने के लिए समाधान विकसित किया जा सके।

उत्कृष्टता का नेटवर्क: कौन हैं इस मिशन के पीछे?

इस मिशन को तीन प्रमुख संस्थान आगे बढ़ा रहे हैं:

  • IMD (भारतीय मौसम विभाग) – वर्ष 1875 में स्थापित, दैनिक पूर्वानुमान, चक्रवात और चेतावनी प्रणाली संभालता है।
  • IITM पुणे – जलवायु विज्ञान, मानसून मॉडलिंग और वायु गुणवत्ता में विशेषज्ञ।
  • NCMRWF नोएडा – मध्यम अवधि के पूर्वानुमान और समुद्र-मौसम संवाद में माहिर।

ये तीनों संस्थान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करते हैं और अनुसंधान, अनुभव और नवाचार के साथ मिशन मौसम को अमल में ला रहे हैं।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान (GK) स्नैपशॉट – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु

विषय विवरण
लॉन्च तिथि 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति)
अवसर भारतीय मौसम विभाग की 150वीं वर्षगांठ (स्थापना – 1875)
बजट आवंटन ₹2000 करोड़ (प्रारंभिक दो वर्षों के लिए)
मुख्य संस्थान IMD, IITM पुणे, NCMRWF नोएडा
मंत्रालय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
अनुसंधान सुविधा क्लाउड चैंबर – IITM पुणे
मौसम प्रबंधन लक्ष्य क्लाउड सीडिंग, कोहरा नियंत्रण, सूखा प्रबंधन
लक्षित क्षेत्र कृषि, विमानन, रक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन

 

Mission Mausam: India’s New Era in Climate and Weather Forecasting
  1. मिशन मौसम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जनवरी 2025 को IMD की 150वीं वर्षगांठ पर की।
  2. इस मिशन के पहले दो वर्षों के लिए ₹2,000 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
  3. इसका उद्देश्य भारत की मौसम पूर्वानुमान और जलवायु निगरानी प्रणाली का आधुनिकीकरण करना है।
  4. मिशन छह प्रमुख क्षेत्रों का समर्थन करता है: कृषि, विमानन, रक्षा, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा
  5. IMD (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) दैनिक मौसम पूर्वानुमानों और अलर्ट के लिए मुख्य एजेंसी है।
  6. IITM पुणे में एक क्लाउड चैंबर (बादल कक्ष) बनाया जाएगा, जो प्रयोगशाला में वर्षा निर्माण का अध्ययन करेगा।
  7. NCMRWF नोएडा मध्यम अवधि के मौसम और समुद्री पूर्वानुमान में विशेषज्ञ है।
  8. मिशन का उद्देश्य वास्तविक समय में अलर्ट प्रदान करना है, विशेषकर किसानों और आपदा-प्रवण क्षेत्रों के लिए।
  9. एक मुख्य लक्ष्य है: वर्षा पूर्वानुमान को बेहतर बनाना और कृषि के लिए सूखा चेतावनी देना
  10. यह मिशन मौसम परिवर्तन तकनीकों जैसे कि क्लाउड सीडिंग (बादल बीजारोपण) का परीक्षण करेगा।
  11. विमानन सुरक्षा को बेहतर हवा और दृश्यता डेटा से लाभ होगा।
  12. यह वायु प्रदूषण और हीटवेव (लू) की निगरानी भी करेगा, जो जनस्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
  13. बादल भौतिकी अनुसंधान का मुख्य केंद्र IITM पुणे होगा।
  14. मिशन का लक्ष्य है चक्रवात, बाढ़ और कोहरे के लिए समय पर चेतावनी देना
  15. IMD की स्थापना 1875 में हुई थी, और यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
  16. स्थानीय मौसम पूर्वानुमान सेवाओं से पर्यटन नियोजन को बढ़ावा मिलेगा।
  17. ओलावृष्टि नियंत्रण और कोहरा प्रबंधन के लिए क्लाउड सीडिंग प्रयोग किए जा सकते हैं।
  18. यह मिशन भारत की जलवायु लचीलापन और आपदा तत्परता की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
  19. मोबाइल अलर्ट के माध्यम से मौसम संबंधी जानकारी किसानों और स्थानीय समुदायों तक तुरंत पहुंचेगी
  20. मिशन मौसम भारत को भविष्य के लिए तैयार मौसम बुद्धिमत्ता (Weather Intelligence) प्रदान करने की दिशा में एक रणनीतिक पहल है।

Q1. मिशन मौसम का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. . निम्नलिखित में से कौन-सा संस्थान मिशन मौसम से जुड़ा नहीं है?


Q3. मिशन मौसम की एक प्रमुख विशेषता क्या है?


Q4. मिशन मौसम के पहले दो वर्षों के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है?


Q5. निम्नलिखित में से कौन-से क्षेत्र मिशन मौसम से लाभान्वित होंगे?


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