नवम्बर 5, 2025 6:21 अपराह्न

भारतीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए निर्यात संवर्धन मिशन

चालू घटनाएँ: निर्यात संवर्धन मिशन, निर्यात प्रोत्साहन, निर्यात दिशा, अमेरिकी टैरिफ, MSME निर्यातक, एक्ज़िम बैंक, व्यापार विविधीकरण, ऋण सुविधाएँ, निर्यात परिषदें, व्यापार घाटा

Export Promotion Mission to Boost Indian Trade

संदर्भ और उद्देश्य

भारत ने 2025–2031 के लिए 25,000 करोड़ रुपये का निर्यात संवर्धन मिशन (EPM) शुरू किया है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई। यह योजना विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को मज़बूत सहायता देने के लिए बनाई गई है। यह पहल वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच आई है, खासकर जब अमेरिका ने अगस्त 2025 में भारतीय वस्त्र, जूते, रसायन और चमड़े के उत्पादों पर टैरिफ को दोगुना (50%) कर दिया।
स्थिर जीके तथ्य: पेट्रोलियम उत्पाद भारत का सबसे बड़ा निर्यातित कमोडिटी समूह है।

मिशन की संरचना

EPM दो प्रमुख घटकों में बंटा है:

  • निर्यात प्रोत्साहन (Niryat Protsahan): 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान, जिसका लक्ष्य वित्तीय सहायता, ब्याज समानिकरण और डिजिटल निर्यातकों के लिए विशेष क्रेडिट कार्ड जैसी नई ऋण उत्पाद योजनाएँ हैं।
  • निर्यात दिशा (Niryat Disha): लगभग 14,500 करोड़ रुपये का प्रावधान, जो ब्रांडिंग, अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों का अनुपालन, विदेशी वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स और नए बाज़ारों तक पहुँच पर केंद्रित है।
    स्थिर जीके तथ्य: 2023 में भारत दुनिया का 17वां सबसे बड़ा निर्यातक था।

संस्थागत सहयोग

EPM के कार्यान्वयन में कई मंत्रालय और संस्थाएँ शामिल हैं। वाणिज्य विभाग, MSME मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, एक्ज़िम बैंक और ECGC इसकी केंद्रीय इकाइयाँ होंगी। राज्यों की सरकारें, उद्योग संगठन, निर्यात संवर्धन परिषदें और कमोडिटी बोर्ड भी सहयोग करेंगे।
स्थिर जीके टिप: ECGC भारतीय निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से भुगतान न मिलने के जोखिम के खिलाफ बीमा प्रदान करता है।

टैरिफ चुनौतियों का समाधान

अमेरिका की टैरिफ वृद्धि ने भारतीय निर्यातकों के लिए नई बाधाएँ खड़ी कर दी हैं। इसे कम करने के लिए सरकार ने EPM गतिविधियों को तेज़ कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उच्च-स्तरीय बैठकें कर फंडिंग की कमी को दूर करने के उपाय किए। प्राथमिकता सप्लाई चेन मज़बूत करने और अमेरिकी बाज़ार पर निर्भरता कम करने को दी जा रही है।
स्थिर जीके तथ्य: भारत-अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 2023 में रिकॉर्ड 118 अरब डॉलर पर पहुँचा।

वैश्विक पहुँच का विस्तार

दीर्घकालिक रणनीति के तहत भारत 40 देशों (जैसे जर्मनी, जापान, UAE, UK, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया) के साथ जुड़ाव की योजना बना रहा है। इस विविधीकरण एजेंडे का उद्देश्य भारत को सस्टेनेबल उत्पादों का भरोसेमंद वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनाना है। इस प्रयास में निर्यात संवर्धन परिषदों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
स्थिर जीके तथ्य: UK भारत के साथ अर्ली हार्वेस्ट ट्रेड डील पर हस्ताक्षर करने वाले पहले देशों में से एक था।

हालिया निर्यात प्रदर्शन

भारत के निर्यात ने जुलाई 2025 में 7.29% वृद्धि दर्ज की, जिससे यह 37.24 अरब डॉलर तक पहुँच गया। हालांकि, इसी दौरान व्यापार घाटा 27.35 अरब डॉलर तक बढ़ गया, जो आठ महीनों में सबसे अधिक है। अप्रैल–जुलाई 2025-26 में निर्यात में 3.07% वृद्धि हुई, जबकि आयात में 5.36% की बढ़ोतरी हुई। सरकार को उम्मीद है कि EPM से आने वाले वर्षों में निर्यात की गति बनी रहेगी और व्यापारिक दबावों में संतुलन आएगा।
स्थिर जीके टिप: विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) भारत के आयात-निर्यात नियमों का प्रबंधन करता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
मिशन लॉन्च 2025–2031 का निर्यात संवर्धन मिशन (₹25,000 करोड़)
बजट घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26
अमेरिकी टैरिफ वृद्धि अगस्त 2025 में 50% तक
उप-योजनाएँ निर्यात प्रोत्साहन (₹10,000 करोड़), निर्यात दिशा (₹14,500 करोड़)
प्रमुख मंत्रालय वाणिज्य, MSME, वित्त, एक्ज़िम बैंक, ECGC, राज्य सरकारें
निर्यात विविधीकरण 40 देशों तक पहुँच, जिनमें UAE, UK, जापान शामिल
निर्यात वृद्धि (जुलाई 2025) 7.29% (37.24 अरब USD)
व्यापार घाटा 27.35 अरब USD (आठ महीने का उच्चतम स्तर)
निर्यात वृद्धि (अप्रैल-जुलाई 2025-26) 3.07% (149.2 अरब USD)
आयात वृद्धि (अप्रैल-जुलाई 2025-26) 5.36% (244.01 अरब USD)
Export Promotion Mission to Boost Indian Trade
  1. भारत ने निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) 2025-2031 शुरू किया।
  2. निर्यातकों के लिए ईपीएम का बजट ₹25,000 करोड़ है।
  3. अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी से प्रभावित एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित।
  4. अमेरिका ने अगस्त 2025 में टैरिफ को दोगुना करके 50% कर दिया।
  5. ईपीएम की दो योजनाएँ हैं: निर्यात प्रोत्साहन, निर्यात दिशा।
  6. निर्यात प्रोत्साहन के लिए ₹10,000 करोड़ से अधिक आवंटित।
  7. वित्तीय सहायता, क्रेडिट, डिजिटल निर्यातक कार्ड प्रदान करता है।
  8. ब्रांडिंग और अनुपालन के लिए ₹14,500 करोड़ मूल्य की निर्यात दिशा।
  9. वैश्विक स्तर पर वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक्स और नए बाजार तक पहुँच को बढ़ावा देता है।
  10. एक्ज़िम बैंक, ईसीजीसी, एमएसएमई और वाणिज्य मंत्रालय ईपीएम को लागू कर रहे हैं।
  11. ईसीजीसी विदेशी भुगतान न करने पर बीमा प्रदान करता है।
  12. टैरिफ बाधाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सरकार ईपीएम को आगे बढ़ा रही है।
  13. 2023 में अमेरिका-भारत व्यापार 118 अरब डॉलर तक पहुँच गया।
  14. यूएई, जापान, यूके सहित 40 देशों के साथ संपर्क की योजना बनाई गई है।
  15. निर्यात परिषदें भारतीय निर्यातकों को वैश्विक खरीदारों से जोड़ेंगी।
  16. जुलाई 2025 में भारतीय निर्यात29% बढ़ा।
  17. जुलाई 2025 में निर्यात24 अरब डॉलर तक पहुँच गया।
  18. व्यापार घाटा बढ़कर आठ महीने के उच्चतम स्तर35 अरब डॉलर पर पहुँच गया।
  19. अप्रैल-जुलाई में निर्यात07% बढ़ा जबकि आयात 5.36% बढ़ा।
  20. नीति निर्माता ईपीएम को व्यापार संतुलन के साधन के रूप में देखते हैं।

Q1. निर्यात संवर्धन मिशन (EPM) 2025–2031 के लिए कुल बजट प्रावधान कितना है?


Q2. EPM के दो प्रमुख घटक कौन से हैं?


Q3. अगस्त 2025 में किस देश ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50% कर दिया?


Q4. कौन-सा संस्थान भारतीय निर्यातकों को भुगतान न होने की स्थिति में बीमा कवरेज प्रदान करता है?


Q5. भारत ने 2025 के किस महीने में 27.35 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार घाटा दर्ज किया?


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