इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को बड़ा प्रोत्साहन
भारत ने गुजरात के साणंद में अपनी पहली आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OSAT) इकाई का उद्घाटन किया है। सीजी सेमी द्वारा निर्मित यह परियोजना इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना और घरेलू चिप उत्पादन क्षमता बढ़ाना है।
यह सुविधा चिप्स की असेंबली, पैकेजिंग और परीक्षण करने में सक्षम है, जो डिज़ाइन से उत्पादन तक एक सुचारु मार्ग प्रदान करती है। 2026 तक वाणिज्यिक उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिससे भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर केंद्र बनाने की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी।
स्थिर जीके तथ्य: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन 2021 में ₹76,000 करोड़ पैकेज के साथ शुरू किया गया था।
गुजरात बना सेमीकंडक्टर हब
गुजरात भारत के सेमीकंडक्टर विकास का केंद्र बन गया है। मजबूत नीतिगत समर्थन और औद्योगिक अवसंरचना के कारण इस राज्य ने वैश्विक स्तर पर बड़े निवेश आकर्षित किए हैं।
सीजी सेमी ने ₹7,600 करोड़ के निवेश से दो उन्नत इकाइयाँ G1 और G2 बनाने की योजना बनाई है। हाल ही में शुरू हुई G1 इकाई रोज़ाना 5 लाख चिप्स तैयार कर सकती है। G2 इकाई, जो 2026 तक तैयार होगी, की क्षमता 1.45 करोड़ चिप्स प्रतिदिन होगी।
इन परियोजनाओं से 5,000 से अधिक नौकरियाँ पैदा होंगी और स्थानीय प्रतिभा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी।
स्थिर जीके टिप: गुजरात 2022 में सेमीकंडक्टर नीति घोषित करने वाला पहला राज्य बना।
सेमीकंडक्टर प्रतिभा आधार का निर्माण
उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए सरकार ने 270 शैक्षणिक संस्थानों से जुड़कर उन्हें आधुनिक डिज़ाइन सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए। 2025 में छात्रों और शोधकर्ताओं ने इनका 1.2 करोड़ से अधिक बार उपयोग किया।
इस पहल के तहत, 17 विश्वविद्यालयों के छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए 20 चिप्स को मोहाली स्थित सेमी–कंडक्टर लेबोरेटरी (SCL) में सफलतापूर्वक निर्मित किया गया। अनुमानित है कि 2032 तक दुनिया को 10 लाख सेमीकंडक्टर विशेषज्ञों की कमी होगी, ऐसे में भारत सबसे बड़ा आपूर्ति स्रोत बनने का लक्ष्य रखता है।
स्थिर जीके तथ्य: मोहाली, पंजाब का SCL 1983 से भारत के माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स विकास का केंद्र है।
अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों से विकास
सीजी सेमी को सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस (मुरुगप्पा ग्रुप), जापान की रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स, और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसे साझेदारों का सहयोग प्राप्त है। यह साझेदारी उन्नत तकनीकी ज्ञान लाकर भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को तेज़ी से विकसित कर रही है।
भारतीय इंजीनियरों को मलेशिया में बड़े पैमाने पर चिप असेंबली और टेस्टिंग के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। संयंत्र में ऑटोमेशन सिस्टम, उच्च-सटीकता मशीनरी और विश्वस्तरीय गुणवत्ता मानक (ISO 9001 और IATF 16949 प्रमाणन) प्राप्त करने की तैयारी की जा रही है।
ग्राहक परीक्षण जल्द शुरू होने वाले हैं, जिससे साणंद की यह सुविधा भारत को वैश्विक चिप पैकेजिंग और टेस्टिंग सप्लाई चेन में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से शामिल करेगी।
स्थिर जीके टिप: रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स (मुख्यालय: टोक्यो, जापान) दुनिया के अग्रणी माइक्रोकंट्रोलर और ऑटोमोबाइल सेमीकंडक्टर आपूर्तिकर्ताओं में से है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
OSAT सुविधा का स्थान | साणंद, गुजरात |
OSAT का डेवलपर | सीजी सेमी |
संबद्ध मिशन | इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) |
कुल निवेश | ₹7,600 करोड़ (870 मिलियन USD) |
G1 इकाई की क्षमता | 0.5 मिलियन यूनिट प्रतिदिन |
G2 इकाई की क्षमता (2026) | 14.5 मिलियन यूनिट प्रतिदिन |
अपेक्षित नौकरियाँ | 5,000 (प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष) |
विश्वविद्यालय सहयोग | 270 विश्वविद्यालय |
छात्रों द्वारा बने चिप्स | 17 संस्थानों से 20 |
वैश्विक साझेदार | मुरुगप्पा ग्रुप, रेनेसास (जापान), स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (थाईलैंड) |