भारतीय राज्यों में प्रसार
भारत में हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय हटाने की शल्यक्रिया) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। सर्वेक्षण दर्शाते हैं कि 40–49 आयु वर्ग की लगभग 10% महिलाएँ इस ऑपरेशन से गुज़र चुकी हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और गुजरात जैसे राज्यों में यह दर 20% से अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका मध्य आयु 34 वर्ष और शहरी क्षेत्रों में 36 वर्ष है।
स्थैटिक GK तथ्य: पहली आधुनिक हिस्टेरेक्टॉमी 1809 में अमेरिका के एफ्राइम मैकडॉवेल द्वारा की गई थी।
सामाजिक और आर्थिक आयाम
गन्ने के खेतों और कृषि मजदूरी करने वाली महिलाओं में हिस्टेरेक्टॉमी की दर अधिक पाई जाती है। ग्रामीण और कम शिक्षित महिलाएँ असमान रूप से प्रभावित हैं। यह धारणा कि हिस्टेरेक्टॉमी से कामकाजी तकलीफें कम होती हैं, इन समूहों में सर्जरी की अधिकता का कारण बनती है।
समयपूर्व हिस्टेरेक्टॉमी के स्वास्थ्य जोखिम
प्राकृतिक रजोनिवृत्ति से पहले गर्भाशय हटाना हृदय रोग, हड्डियों की घनत्व हानि और मेटाबॉलिक विकारों का ख़तरा बढ़ाता है। साथ ही महिलाओं में अंडाशय विफलता, थायरॉइड समस्या, मूत्र मार्ग कैंसर और पेल्विक प्रोलैप्स जैसी जटिलताएँ देखी गई हैं। इससे लंबे समय की सेहत और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
स्थैटिक GK टिप: गर्भाशय एक द्वितीयक लैंगिक अंग है जो भ्रूण को गर्भावस्था के दौरान पोषण देता है।
चिकित्सीय प्रणाली का प्रभाव
भारत में लगभग 70% हिस्टेरेक्टॉमी प्राइवेट अस्पतालों में होती हैं। बीमा कवरेज की वजह से कई बार छोटी समस्याओं पर भी ऑपरेशन कर दिए जाते हैं। निजी स्वास्थ्य तंत्र का प्रभुत्व इसे अत्यधिक प्रिस्क्रिप्शन का प्रोत्साहन देता है, जैसा कि अमेरिका में भी देखा गया है।
सरकारी कदम
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत हिस्टेरेक्टॉमी दावों पर प्री-अथॉराइजेशन अनिवार्य किया है। 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए अब दूसरे स्त्री रोग विशेषज्ञ की राय लेना ज़रूरी है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने अनावश्यक सर्जरी रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी समितियाँ बनाई जा रही हैं।
स्थैटिक GK तथ्य: आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 2018 में शुरू हुई थी और इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना माना जाता है।
जागरूकता का महत्व
हार्मोनल पिल्स, IUD और परामर्श जैसी वैकल्पिक उपचार विधियों की जानकारी महिलाओं तक कम पहुँचती है। गर्भाशय की शरीर में समग्र स्वास्थ्य भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने से अनावश्यक हिस्टेरेक्टॉमी कम हो सकती है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।
व्यापक निहितार्थ
भारत की प्रजनन दर पहले ही प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है। हिस्टेरेक्टॉमी के बढ़ते मामले जनसांख्यिकीय चिंताओं को और गहरा करते हैं। यह निजी स्वास्थ्य तंत्र की बाज़ार असफलता, जवाबदेही की कमी और असमान सूचना को उजागर करता है, जिससे स्वास्थ्य खर्च और सार्वजनिक संसाधनों पर दबाव बढ़ता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| उच्च हिस्टेरेक्टॉमी वाले राज्य | आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, गुजरात |
| राष्ट्रीय औसत | 40–49 आयु वर्ग की लगभग 10% महिलाएँ |
| मध्य आयु | ग्रामीण – 34 वर्ष, शहरी – 36 वर्ष |
| निजी अस्पतालों में प्रतिशत | लगभग 70% सर्जरी |
| नियंत्रक सरकारी योजना | आयुष्मान भारत – पीएम-जय |
| प्री-अथॉराइजेशन नियम | 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए दूसरी राय अनिवार्य |
| प्रमुख स्वास्थ्य जोखिम | समयपूर्व रजोनिवृत्ति, हृदय रोग, हड्डी क्षय, अंडाशय विफलता |
| भारत की प्रजनन दर (2025) | प्रतिस्थापन स्तर से नीचे (2.0) |
| वैकल्पिक उपचार | हार्मोनल पिल्स, IUDs, परामर्श |
| निगरानी निकाय | ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियाँ |





