बैंकिंग पहुँच में ऐतिहासिक उपलब्धि
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की शुरुआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी, जिसका उद्देश्य हर घर को औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ना था। उस समय केवल आधे से कुछ अधिक घरों के पास ही बैंक खाता था। ग्यारह वर्ष बाद, लगभग सभी परिवार और दस में से नौ से अधिक वयस्क अब बैंक खाताधारक हैं।
स्थैटिक GK तथ्य: PMJDY को 2014 में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार की पहली प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं में से एक के रूप में शुरू किया गया था।
खाते और जमा की वृद्धि
2025 तक इस योजना के तहत 56 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। इनमें ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा है। इन खातों में कुल शेष राशि अब ₹2.68 लाख करोड़ से अधिक हो गई है, जो बैंकिंग प्रणाली पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
महिलाओं को मिला केंद्र स्थान
योजना का सबसे बड़ा प्रभाव महिलाओं पर पड़ा है। अब कुल खातों में से आधे से अधिक महिलाएँ धारक हैं। इससे महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, स्व–सहायता समूहों में भागीदारी और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिला है।
स्थैटिक GK टिप: भारत में महिलाओं की श्रम भागीदारी दर लगभग 27% है, ऐसे में PMJDY जैसी पहलें महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
डिजिटल पहुँच और रुपे कार्ड
सरकार ने अब तक 38 करोड़ से अधिक रुपे कार्ड जारी किए हैं। इनसे ग्रामीण नागरिक भी कैशलेस भुगतान और डिजिटल सेवाओं से जुड़ पाए हैं। अब ये खाते केवल जमा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बीमा, पेंशन और निवेश आधारित उत्पादों से भी जुड़े हैं।
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)
DBT ने मध्यस्थों और रिसाव को समाप्त कर दिया है। सब्सिडी, छात्रवृत्ति और राहत राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुँचाई जाती है। 2016 के नोटबंदी संकट और कोविड-19 राहत के दौरान यह व्यवस्था सबसे उपयोगी साबित हुई।
ग्रामीण वित्तीय सेवाओं की मज़बूती
योजना के तहत 16 लाख से अधिक बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट्स को अंतिम छोर तक पहुँचाने के लिए नियुक्त किया गया है। अब लगभग हर गाँव में 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग आउटलेट उपलब्ध है।
स्थैटिक GK तथ्य: 2018 में स्थापित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है।
सामाजिक सुरक्षा से जुड़ाव
PMJDY खाते अब सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का आधार बन गए हैं:
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): ₹2 लाख का जीवन बीमा।
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): ₹2 लाख का दुर्घटना बीमा।
ये कम लागत वाली योजनाएँ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करती हैं।
वैश्विक मान्यता और प्रभाव
भारत की उपलब्धियों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। वर्ल्ड बैंक फिन्डेक्स 2024 के अनुसार, भारत में वयस्क खाता स्वामित्व 89% है, जबकि NSS 2022–23 सर्वेक्षण इसे और भी अधिक 94.65% बताता है। केवल एक दशक में भारत ने वित्तीय बहिष्करण से लगभग सार्वभौमिक पहुँच तक की यात्रा पूरी की है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
लॉन्च तिथि | 28 अगस्त 2014 |
नारा | मेरा खाता – भाग्य विधाता |
कुल खाते (2025) | 56.2 करोड़ |
महिला खाता धारक | 56% |
जारी रुपे कार्ड | 38.7 करोड़ |
बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट | 16.2 लाख |
गाँव स्तर कवरेज | 99.9% गाँव 5 किमी के भीतर |
सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ | PMJJBY, PMSBY |
खातों में जमा | ₹2.68 लाख करोड़ |
वैश्विक मान्यता | वर्ल्ड बैंक फिन्डेक्स 2024: 89% खाता स्वामित्व |