मिशन का अवलोकन
भारत ने 28 अगस्त 2025 को सुदर्शन चक्र एयर डिफेन्स मिशन की शुरुआत की। यह एक स्वदेशी बहुस्तरीय रक्षा कवच है, जो मिसाइल, विमान और ड्रोन जैसे हवाई खतरों से राष्ट्रीय और नागरिक संपत्तियों की रक्षा करेगा।
इसे भारत का “आयरन डोम” कहा जा रहा है। इसमें डिटेक्शन, एक्विज़िशन और न्यूट्रलाइज़ेशन की मिश्रित प्रणाली है, जिसमें सॉफ्ट किल (साइबर व इलेक्ट्रॉनिक वॉरफ़ेयर) और हार्ड किल (मिसाइल, लेज़र हथियार) दोनों शामिल हैं।
स्थैटिक GK तथ्य: इज़रायल का Iron Dome 2011 में चालू हुआ था और अब तक 90% से अधिक सफल इंटरसेप्शन कर चुका है।
तकनीकी घटक
इस प्रणाली में Quick Reaction Surface-to-Air Missiles (QRSAM), Very Short Range Air Defence Systems (VSHORADS) और 5 किलोवाट लेज़र सिस्टम शामिल हैं।
यह प्रणाली काइनेटिक वेपन्स और डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स का संयुक्त उपयोग करती है, जो कम ऊँचाई वाले ड्रोन से लेकर तेज़ गति वाले बैलिस्टिक खतरों तक सुरक्षा प्रदान करता है।
स्थैटिक GK टिप: DRDO की स्थापना 1958 में हुई थी और यह रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
बहु-क्षेत्रीय एकीकरण
मिशन का प्रमुख पहलू मल्टी–डोमेन ISR इंटीग्रेशन है। इसमें जमीन, वायु, समुद्र, पानी के भीतर और अंतरिक्ष–आधारित सेंसर से डेटा लेकर वास्तविक समय में युद्ध क्षेत्र की तस्वीर बनेगी।
यह भारत की नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर डॉक्ट्रिन के अनुरूप है और तीनों सेनाओं के बीच निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करता है।
उन्नत कंप्यूटिंग और AI
इस मिशन में AI, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और लैंग्वेज मॉडल्स का प्रयोग होगा।
AI-आधारित निर्णय प्रणाली ऑपरेटरों को खतरे की प्राथमिकता और प्रतिक्रिया तुरंत बताती है। इससे प्रतिक्रिया समय घटता है और सुरक्षा क्षमता बढ़ती है।
स्थैटिक GK तथ्य: भारत का पहला सुपरकंप्यूटर PARAM 8000 (1991) था, जिसे C-DAC ने बनाया था।
प्रभाव
CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा कि यह मिशन भारत को “शस्त्रसज्जित (Shashastra), सुरक्षित (Suraksit) और आत्मनिर्भर (Aatmanirbhar)” बनाएगा।
यह कदम विदेशी रक्षा आयात पर निर्भरता कम करेगा और भारत को तकनीकी संप्रभुता की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
आधुनिक संघर्षों से सीख
यह मिशन ऑपरेशन सिंदूर और हालिया युद्धों से मिले अनुभवों पर आधारित है। इसका मूल दर्शन है—
“यदि शांति चाहिए, तो युद्ध की तैयारी करो।”
यह मिशन महाभारत और भगवद गीता की रणनीतिक बुद्धि को आधुनिक सैन्य विज्ञान से जोड़ता है, जिससे यह भारत की रक्षा तैयारी में मील का पत्थर साबित होता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
मिशन लॉन्च तिथि | 28 अगस्त 2025 |
मिशन नाम | सुदर्शन चक्र एयर डिफेन्स मिशन |
तुलनात्मक प्रणाली | इज़रायल का आयरन डोम |
मुख्य घटक | QRSAM, VSHORADS, 5 kW लेज़र |
जिम्मेदार संगठन | DRDO |
हथियारों का प्रकार | काइनेटिक और डायरेक्टेड एनर्जी |
प्रमुख इंटीग्रेशन | भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष सेंसर |
तकनीकें | AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स |
उद्धृत प्रमुख | जनरल अनिल चौहान |
परिलक्षित मंत्र | शस्त्रसज्जित, सुरक्षित, आत्मनिर्भर |