नवम्बर 5, 2025 10:45 पूर्वाह्न

तमिलनाडु ने समुद्री अभिजात वर्ग बल की दूसरी इकाई शुरू की

चालू घटनाएँ: मरीन एलीट फोर्स, तमिलनाडु सरकार, ऑलिव रिडले कछुए, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, चेन्नई वाइल्डलाइफ़ डिवीजन, गल्फ ऑफ मन्नार, पाल्क खाड़ी, भारतीय तटरक्षक बल, समुद्री संरक्षण, तटीय सुरक्षा

Tamil Nadu launches second unit of marine elite force

समुद्री संरक्षण को सशक्त करना

तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई वाइल्डलाइफ़ डिवीजन के अंतर्गत मरीन एलीट फोर्स की दूसरी इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, मई 2024 में पहली इकाई का गठन रामनाथपुरम में किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य गल्फ ऑफ मन्नार और पाल्क खाड़ी पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा करना था।

कछुआ संरक्षण पर विशेष ध्यान

नई इकाई का मुख्य कार्य संकटग्रस्त ऑलिव रिडले कछुओं की रक्षा करना होगा, जो चेन्नई के तटीय इलाकों में घोंसले बनाते हैं। नीलांकरई से मरीना बीच तक का क्षेत्र इन कछुओं के लिए अति महत्वपूर्ण माना जाता है। इस फोर्स की मौजूदगी संरक्षण उपायों को और मजबूत बनाएगी।

स्थैतिक जीके तथ्य: ऑलिव रिडले कछुए दुनिया की सबसे बड़ी सामूहिक अंडे देने की प्रक्रिया (Arribada) के लिए प्रसिद्ध हैं, जो भारत के ओडिशा तट पर देखी जाती है।

जिम्मेदारियां और अधिकार क्षेत्र

यह फोर्स समुद्रतटीय जल में पांच नौटिकल मील की सीमा तक गश्त करेगी। साथ ही यह गैरकानूनी मछली पकड़ने की गतिविधियों को रोकने, समुद्री जैवविविधता की सुरक्षा करने और संवेदनशील आवासों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।

कानूनी संरक्षण ढांचा

मरीन एलीट फोर्स को अधिकार वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्राप्त होंगे। इस कानून के जरिए यह फोर्स समुद्री प्रजातियों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कड़ी कार्रवाई कर सकेगी।

स्थैतिक जीके टिप: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 को कई बार संशोधित किया गया है। 2002 संशोधन में वन्यजीव अपराधों के लिए दंड और अधिक कड़े कर दिए गए।

अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय

फोर्स अपने कार्यों को पूरा करने के लिए तमिलनाडु कोस्टल सिक्योरिटी ग्रुप, भारतीय तटरक्षक बल, मत्स्य विभाग, गैरसरकारी संगठनों और स्थानीय मछुआरा समुदायों के साथ मिलकर काम करेगी। इस तरह संरक्षण और आजीविका की ज़रूरतों के बीच संतुलन बनाए रखा जाएगा।

समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का महत्व

तमिलनाडु का तट कोरल रीफ़, सीग्रास पारिस्थितिकी तंत्र और समुद्री जीवों के घोंसले बनाने के स्थानों के लिए जाना जाता है। मरीन एलीट फोर्स की दूसरी इकाई की स्थापना से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार दीर्घकालिक जैव विविधता संरक्षण और सतत तटीय प्रबंधन के प्रति गंभीर है।

स्थैतिक जीके तथ्य: गल्फ ऑफ मन्नार बायोस्फीयर रिज़र्व, 1989 में घोषित किया गया था और यह दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया का पहला समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
दूसरी मरीन एलीट फोर्स इकाई चेन्नई वाइल्डलाइफ़ डिवीजन
पहली इकाई की स्थापना मई 2024, रामनाथपुरम
पहली इकाई के संरक्षित क्षेत्र गल्फ ऑफ मन्नार और पाल्क खाड़ी
नई इकाई का मुख्य फोकस ऑलिव रिडले कछुओं की सुरक्षा
प्रमुख घोंसले का क्षेत्र नीलांकरई से मरीना बीच तक
गश्त क्षेत्र तट से पाँच नौटिकल मील तक
कानूनी आधार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972
सहयोगी एजेंसियाँ तटीय सुरक्षा समूह, भारतीय तटरक्षक बल, मत्स्य विभाग, एनजीओ, मछुआरा संगठन
ऑलिव रिडले की स्थिति संकटग्रस्त (IUCN रेड लिस्ट), अनुसूची-I संरक्षण (वन्यजीव अधिनियम)
प्रमुख समुद्री रिज़र्व गल्फ ऑफ मन्नार बायोस्फीयर रिज़र्व (1989)

 

Tamil Nadu launches second unit of marine elite force
  1. तमिलनाडु ने चेन्नई वन्यजीव प्रभाग के अंतर्गत दूसरा समुद्री अभिजात वर्ग बल स्थापित किया।
  2. पहली इकाई रामनाथपुरम (मई 2024) में गठित की गई।
  3. इसका उद्देश्य मन्नार की खाड़ी और पाक खाड़ी के पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा करना है।
  4. नया बल ओलिव रिडले कछुए के संरक्षण पर केंद्रित है।
  5. प्रमुख घोंसले के शिकार स्थल: नीलंकरई से मरीना बीच तक।
  6. ओलिव रिडले कछुए = ओडिशा में सबसे बड़ा अरिबाडा घोंसला।
  7. गश्ती दल तट से 5 समुद्री मील तक गश्त करते हैं।
  8. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 को लागू करता है।
  9. दंड को कठोर बनाने के लिए 2002 में अधिनियम में संशोधन किया गया था।
  10. अवैध मछली पकड़ने और समुद्री आवास के खतरों को रोकता है।
  11. तटरक्षक बल, तटीय सुरक्षा समूह, गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय करता है।
  12. स्थानीय मछुआरा समुदायों को संरक्षण में शामिल करता है।
  13. तमिलनाडु तट पर प्रवाल भित्तियाँ और समुद्री घास की क्यारियाँ हैं।
  14. ओलिव रिडले = संवेदनशील प्रजातियाँ (IUCN लाल सूची)।
  15. वन्यजीव अधिनियम के अंतर्गत अनुसूची I प्रजातियाँ।
  16. मन्नार की खाड़ी बायोस्फीयर रिजर्व = पहला समुद्री बायोस्फीयर रिजर्व (1989)।
  17. राज्य जैव विविधता और आजीविका संतुलन पर ज़ोर देता है।
  18. मरीन एलीट फोर्स = विशेष प्रवर्तन शाखा।
  19. तमिलनाडु के समुद्री संरक्षण नेतृत्व को आगे बढ़ाता है।
  20. पारिस्थितिक सुरक्षा + तटीय संरक्षण मॉडल पर प्रकाश डालता है।

Q1. 2025 में दूसरी मरीन एलीट फोर्स इकाई कहाँ स्थापित की गई?


Q2. नई मरीन एलीट फोर्स का प्राथमिक फोकस किस लुप्तप्राय प्रजाति पर है?


Q3. मरीन एलीट फोर्स किस अधिनियम के अंतर्गत कार्य करती है?


Q4. मरीन एलीट फोर्स का तटवर्ती जल में गश्त करने की सीमा कितनी है?


Q5. मन्नार की खाड़ी बायोस्फीयर रिज़र्व को दक्षिण एशिया का पहला समुद्री बायोस्फीयर रिज़र्व किस वर्ष घोषित किया गया था?


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