DGCA की चुनौतियाँ
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) लंबे समय से जनशक्ति संकट से जूझ रहा है। लगभग आधे पद खाली हैं और कई तकनीकी विशेषज्ञ अल्पकालीन प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिससे उच्च त्याग दर और संस्थागत अस्थिरता बनी रहती है।
कम वेतन और सीमित स्वायत्तता भर्ती को और कठिन बनाते हैं। सुधार न होने पर ICAO सुरक्षा ऑडिट में भारत की रेटिंग प्रभावित हो सकती है, जिससे वैश्विक उड्डयन छवि को नुकसान पहुँचेगा।
स्थैतिक जीके तथ्य: DGCA की स्थापना 1927 में हुई थी और यह नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल पर दबाव
एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारियों (ATCOs) पर लगातार दबाव है।
- स्टाफ की कमी के कारण लंबी शिफ्टें और रात में सेक्टर मर्जिंग करनी पड़ती है, जिससे गलतियों का जोखिम बढ़ जाता है।
- संसदीय समिति ने थकान जोखिम प्रबंधन प्रणाली (Fatigue Risk Management System) लागू करने और प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की है।
स्थैतिक जीके टिप: भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा यात्री यातायात के आधार पर दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
प्रवर्तन में कमज़ोरियाँ
रिपोर्ट बताती है कि हजारों सुरक्षा खामियाँ अब तक दूर नहीं की गईं।
DGCA की कार्रवाई प्रायः औपचारिक प्रक्रियाओं तक सीमित है और निवारक प्रभाव पैदा नहीं करती।
समिति ने लाइसेंस रद्दीकरण, आर्थिक दंड और स्वतंत्र ऑडिट जैसे कड़े कदम उठाने की सिफारिश की है।
हेलीकॉप्टर संचालन पर निगरानी
विशेषकर तीर्थस्थलों में हेलीकॉप्टर सेवाओं पर DGCA की मजबूत निगरानी नहीं है। कई राज्यों के पास आवश्यक विशेषज्ञता की कमी है।
समिति ने राष्ट्रीय नियामक ढाँचे, क्षेत्र–विशिष्ट पायलट प्रशिक्षण और DGCA का समर्पित प्रकोष्ठ बनाने का सुझाव दिया है।
स्थैतिक जीके तथ्य: केदारनाथ, चारधाम तीर्थ स्थलों में से एक, भारत के सबसे व्यस्त हेलीकॉप्टर केंद्रों में गिना जाता है।
दोहराते परिचालन जोखिम
रनवे घुसपैठ और हवाई टकराव की घटनाएँ स्वीकार्य सीमा से अधिक बढ़ रही हैं।
जाँच तो होती है लेकिन सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जाते।
समिति ने मूल कारण विश्लेषण, जोखिमपूर्ण हवाई अड्डों पर सुधारात्मक कार्यक्रम और ILS तथा फॉग नेविगेशन टेक्नोलॉजी को तेजी से लागू करने की सिफारिश की है।
व्हिसलब्लोअर संरक्षण और सुरक्षा संस्कृति
भारत की विमानन संस्कृति अब भी दंडात्मक है। इससे स्टाफ सुरक्षा खामियों की रिपोर्टिंग से हिचकिचाता है।
समिति ने जस्ट कल्चर सिद्धांत अपनाने का सुझाव दिया, जहाँ ईमानदार त्रुटि और लापरवाही में फर्क किया जाए।
साथ ही, व्हिसलब्लोअर को कानूनी संरक्षण और गोपनीय रिपोर्टिंग का ढाँचा विकसित करने की आवश्यकता बताई गई।
स्थैतिक जीके टिप: अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की स्थापना 1944 में शिकागो कन्वेंशन के तहत हुई थी।
विदेशी MRO पर निर्भरता
भारत लगभग 85% भारी विमान रखरखाव (MRO) विदेश भेजता है, जिस पर हर साल ₹15,000 करोड़ खर्च होते हैं।
यह निर्भरता भू–राजनीतिक संकट के समय जोखिमपूर्ण हो सकती है।
समिति ने स्पेयर पार्ट्स पर कर सुधार, घरेलू MRO हब्स को प्रोत्साहन और राष्ट्रीय विमानन कौशल मिशन बनाने का सुझाव दिया।
शासन संबंधी मुद्दे
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बोर्ड में एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए स्थायी सदस्य नहीं है।
इससे दीर्घकालिक सुरक्षा नियोजन और निगरानी कमजोर होती है। समिति ने शासन को सुदृढ़ करने के लिए संरचनात्मक सुधार की मांग की है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| DGCA स्टाफिंग | लगभग आधे पद खाली, प्रतिनियुक्ति से उच्च त्याग दर |
| ICAO ऑडिट | सुधार न होने पर नकारात्मक मूल्यांकन का खतरा |
| ATCO कार्यभार | लंबी शिफ्टें, थकान, रात में सेक्टर मर्जिंग |
| प्रवर्तन | कमजोर दंड, हजारों खामियाँ लंबित |
| हेलीकॉप्टर सुरक्षा | विखंडित निगरानी, राष्ट्रीय ढाँचे की आवश्यकता |
| रनवे जोखिम | बढ़ते मामले, मूल कारण विश्लेषण जरूरी |
| व्हिसलब्लोअर सुरक्षा | जस्ट कल्चर और कानूनी संरक्षण की सिफारिश |
| MRO निर्भरता | 85% भारी चेक विदेश, ₹15,000 करोड़ खर्च |
| कौशल मिशन | घरेलू MRO हेतु राष्ट्रीय विमानन कौशल मिशन |
| AAI शासन | बोर्ड में ATC का स्थायी सदस्य नहीं |





