योजना का शुभारंभ
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 19 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री के रक्षक हाथ योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को वित्तीय एवं प्रशिक्षण सहायता प्रदान कर सशक्त बनाना है। यह राज्य सरकार की पूर्व सैनिकों की आर्थिक स्वतंत्रता और कल्याण पर केंद्रित पहल का हिस्सा है।
वित्तीय सहायता प्रावधान
इस योजना के तहत पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को छोटे और मध्यम व्यवसाय शुरू करने के लिए अधिकतम ₹1 करोड़ तक ऋण सहायता दी जाएगी। शुरुआती निवेश का बोझ कम करने के लिए 30% पूंजी सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, पुनर्भुगतान को आसान बनाने हेतु 3% ब्याज सब्सिडी भी शामिल है।
स्थैतिक जीके तथ्य: SIDBI और NABARD भारत की प्रमुख वित्तीय संस्थाएँ हैं, जो छोटे व्यवसायों के लिए सब्सिडी वाले ऋण कार्यक्रम प्रदान करती हैं।
कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान
यह योजना केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि उद्यमिता में कौशल प्रशिक्षण पर भी ज़ोर देती है। इससे लाभार्थियों को व्यवसाय को सही ढंग से प्रबंधित करने और विकसित करने का व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा। यह पहल वित्तीय सहयोग + ज्ञान सहयोग दोनों को जोड़ती है।
स्थैतिक जीके टिप: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की स्थापना 2014 में की गई थी।
लाभार्थियों का दायरा
शुरुआत में सरकार को उम्मीद है कि लगभग 400 पूर्व सैनिक दो वर्षों में इस योजना का लाभ उठाएँगे। समय के साथ, प्रदर्शन और माँग के आधार पर कवरेज का विस्तार किया जा सकता है। यह योजना पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए नए रोज़गार अवसर पैदा करेगी।
तमिलनाडु के लिए महत्व
यह योजना तमिलनाडु की पूर्व सैनिक कल्याण और आत्मनिर्भरता की दिशा में सक्रिय भूमिका को दर्शाती है। इससे स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहन, पूर्व सैनिकों के लिए वित्तीय स्थिरता और क्षेत्रीय आर्थिक विकास होगा। यह पहल उन परिवारों के लिए भी एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा तंत्र है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा की है।
स्थैतिक जीके तथ्य: तमिलनाडु भारत के उन अग्रणी राज्यों में से एक है, जो द्रविड़ आंदोलन काल से कल्याणकारी योजनाओं की समृद्ध परंपरा रखता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| योजना का नाम | मुख्यमंत्री के रक्षक हाथ योजना |
| शुरुआत की तारीख | 19 अगस्त 2025 |
| शुरू करने वाले | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री |
| लाभार्थी | पूर्व सैनिक और उनके आश्रित |
| ऋण सहायता | ₹1 करोड़ तक |
| पूंजी सब्सिडी | 30% |
| ब्याज सब्सिडी | 3% |
| अतिरिक्त सहयोग | उद्यमिता में कौशल प्रशिक्षण |
| अपेक्षित लाभार्थी | दो वर्षों में लगभग 400 पूर्व सैनिक |
| उद्देश्य | पूर्व सैनिकों के लिए व्यवसायिक अवसर और आत्मनिर्भरता |





