परिचय
थाट्टेक्काड पक्षी अभयारण्य, जिसे सलीम अली पक्षी अभयारण्य भी कहा जाता है, केरल का एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक क्षेत्र है। हाल ही में किए गए जीव–जंतु सर्वेक्षण में यहाँ नौ नई प्रजातियों की पहचान हुई है। यह खोज इसके महत्व को रेखांकित करती है कि यह पश्चिमी घाट, जो एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, का एक खजाना है।
स्थान और भौगोलिक स्थिति
यह अभयारण्य केरल के एर्नाकुलम ज़िले में स्थित है। यह पेरियार और इदामलयार नदियों के बीच फैला हुआ है, जो उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी से भूमि को समृद्ध करती हैं। यहाँ की दलदली भूमि जिन्हें वायल्स (vayals) कहा जाता है, आर्द्रभूमि और स्थलीय प्रजातियों दोनों के लिए एक अद्वितीय आवास प्रदान करती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: थाट्टेक्काड पक्षी अभयारण्य, केरल का पहला पक्षी अभयारण्य है, जिसकी स्थापना 1983 में हुई थी।
पारिस्थितिक समृद्धि
यह अभयारण्य पश्चिमी घाट के सबसे समृद्ध पारिस्थितिक क्षेत्रों में से एक माना जाता है। यहाँ की वनस्पति में सागौन, रोज़वुड, महोगनी और फलों के बाग शामिल हैं। नदी किनारे के जंगल, दलदली क्षेत्र और बागान का मिश्रित स्वरूप स्थायी और प्रवासी पक्षियों के लिए विविध स्थान उपलब्ध कराता है।
स्थैतिक जीके टिप: पश्चिमी घाट को विश्व के आठ “हॉटेस्ट हॉटस्पॉट्स” में गिना जाता है।
जीव-जंतु विविधता
सर्वेक्षण में नौ नई प्रजातियों की खोज हुई, जिससे इस अभयारण्य की जैव विविधता और समृद्ध हुई। यहाँ तेंदुआ, भालू, साही, विभिन्न सरीसृप और उभयचर पाए जाते हैं। यह खोज इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण संरक्षण क्षेत्र के रूप में और सशक्त बनाती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: थाट्टेक्काड में अब तक 300 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं, जिनमें मालाबार ग्रे हॉर्नबिल और सीलोन फ्रॉगमाउथ शामिल हैं।
सलीम अली का महत्व
इस अभयारण्य का नाम डॉ. सलीम अली के नाम पर रखा गया है, जिन्हें भारत का पक्षी पुरुष (Birdman of India) कहा जाता है। उनके सर्वेक्षणों ने केरल की पक्षी विविधता को उजागर किया और थाट्टेक्काड को एक संरक्षित क्षेत्र घोषित कराने में मदद की। उनकी विरासत आज भी यहाँ के जैव विविधता अनुसंधान में जीवित है।
संरक्षण का महत्व
थाट्टेक्काड पश्चिमी घाट की दुर्लभ और स्थानिक प्रजातियों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। नियमित सर्वेक्षण और संरक्षण प्रयास पारिस्थितिक संतुलन सुनिश्चित करते हैं। नई प्रजातियों की पहचान इस बात पर बल देती है कि नाजुक आवासों की सतत निगरानी आवश्यक है।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में 100 से अधिक राष्ट्रीय स्तर पर नामित पक्षी अभयारण्य हैं, जिनमें थाट्टेक्काड दक्षिण भारत में सबसे पहले स्थापित हुआ था।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
स्थान | एर्नाकुलम ज़िला, केरल |
स्थापना वर्ष | 1983 |
अन्य नाम | सलीम अली पक्षी अभयारण्य |
निकटवर्ती नदियाँ | पेरियार और इदामलयार |
आवास प्रकार | दलदली भूमि (वायल्स), सागौन और रोज़वुड वन |
हाल की खोज | नौ नई जीव-जंतु प्रजातियाँ दर्ज |
प्रमुख जीव | तेंदुआ, भालू, साही |
प्रमुख पक्षी | मालाबार ग्रे हॉर्नबिल, सीलोन फ्रॉगमाउथ |
मान्यता प्राप्त | केरल का पहला पक्षी अभयारण्य |
नामित | डॉ. सलीम अली, भारत के पक्षी पुरुष |