परिचय
ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा और नियमन विधेयक 2025 भारत के डिजिटल गेमिंग क्षेत्र में एक अहम मोड़ है। लोकसभा द्वारा पारित यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग के विकास को प्रोत्साहित करता है, जबकि रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाता है जिन्हें धोखाधड़ी, नशे और आत्महत्याओं से जोड़ा गया है।
ऑनलाइन गेमिंग की श्रेणियाँ
विधेयक ने ऑनलाइन गेम्स को तीन वर्गों में बाँटा है:
• ई–स्पोर्ट्स – पेशेवर और कौशल-आधारित प्रतियोगी खेल।
• ऑनलाइन सोशल गेम्स – बिना वित्तीय दांव-पेच वाले मनोरंजनात्मक खेल।
• ऑनलाइन मनी गेम्स – जहाँ उपयोगकर्ता पैसे लगाकर वित्तीय इनाम जीतने की कोशिश करते हैं।
Static GK तथ्य: भारत में पहला ई-स्पोर्ट टूर्नामेंट 2011 में इंडिया गेमिंग कार्निवल, नई दिल्ली में आयोजित हुआ था।
ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स का प्रोत्साहन
विधेयक ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को डिजिटल मनोरंजन के स्वस्थ साधन के रूप में बढ़ावा देता है। एक ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी बनाई जाएगी जो नीति, ढाँचे और उद्योग सहयोग पर निगरानी रखेगी। यह अथॉरिटी गेम डेवलपर्स को भी प्रोत्साहित करेगी और नवाचार के लिए विनियमित इकोसिस्टम तैयार करेगी।
रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध
विधेयक में पोकर, रम्मी और अन्य जुए जैसे रियल मनी गेम्स पर सख्त रोक लगाई गई है। पहले कानूनी खामियों में फलते-फूलते ये प्लेटफॉर्म अब वित्तीय संकट, आत्महत्या और धोखाधड़ी से जुड़े होने के कारण प्रतिबंधित हैं।
Static GK तथ्य: भारत में 42 करोड़ से अधिक ऑनलाइन गेमर्स हैं, जिससे यह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन गेमिंग बाजार बनता है।
दंड और प्रवर्तन
रियल मनी गेमिंग प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 3 साल की जेल और ₹1 करोड़ जुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार अपराध करने वालों को 3–5 साल की कैद और ₹2 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है। यह विधेयक पूरे भारत में एकसमान कानूनी ढाँचा देता है और राज्यों के असंगत नियमों को समाप्त करता है।
सामाजिक और आर्थिक खतरे
विधेयक 31 महीनों में 32 आत्महत्याओं के मामलों के बाद आया है, जिनका सीधा संबंध मनी गेमिंग से था। परिवारों ने दिवालियापन, कर्ज और मानसिक तनाव की शिकायत की। सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स से आतंकवाद फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खतरे को भी चिन्हित किया।
Static GK टिप: भारत के संविधान की राज्य सूची की प्रविष्टि 34 में जुआ और सट्टेबाज़ी का नियमन राज्यों को सौंपा गया है, लेकिन यह विधेयक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए केंद्रीय ढाँचा लाता है।
सरकार की दृष्टि और नेतृत्व
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह विधेयक डिजिटल इंडिया का समर्थन करता है और नवाचार को बढ़ावा देता है, साथ ही सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता नहीं करता। स्पीकर ओम बिरला ने ऑनलाइन गेमिंग दुरुपयोग के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जनता की माँग को रेखांकित किया और कानून के लिए सर्वदलीय समर्थन की अपील की।
निष्कर्ष
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 भारत के डिजिटल क्षेत्र को मज़बूत करता है। यह असुरक्षित यूज़र्स की रक्षा करता है, ई-स्पोर्ट्स उद्यमिता को बढ़ावा देता है और शोषणकारी मनी गेम्स पर रोक लगाता है। यह नवाचार और विनियमन के बीच संतुलन दिखाता है और भारत में ऑनलाइन गेमिंग का भविष्य तय करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| विधेयक का नाम | ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा और नियमन विधेयक, 2025 |
| पारित किया | लोकसभा |
| श्रेणियाँ | ई-स्पोर्ट्स, ऑनलाइन सोशल गेम्स, ऑनलाइन मनी गेम्स |
| नई अथॉरिटी | ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी |
| प्रतिबंध | पोकर, रम्मी जैसे रियल मनी गेम्स |
| दंड | 3 साल जेल + ₹1 करोड़ जुर्माना; दोहराए अपराध पर 5 साल तक + ₹2 करोड़ जुर्माना |
| सामाजिक असर | 31 महीनों में मनी गेमिंग से जुड़ी 32 आत्महत्याएँ |
| आर्थिक खतरा | मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद फंडिंग में उपयोग |
| मंत्री की भूमिका | अश्विनी वैष्णव – सुरक्षित डिजिटल इंडिया दृष्टि पर बल |
| स्पीकर की भूमिका | ओम बिरला – ऑनलाइन गेमिंग पर त्वरित नियमन की माँग |





