जुलाई 18, 2025 1:09 अपराह्न

2025 में बच्चों का भविष्य: वैश्विक संकटों के बीच आशा और मजबूती की राह

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Prospects for Children in 2025: Addressing Global Crises and Building Resilient Futures

बच्चों को चेतावनी देती यूनिसेफ की रिपोर्ट

Prospects for Children in 2025” नामक यूनिसेफ की रिपोर्ट एक गहरी चेतावनी है—आने वाला समय दुनिया के बच्चों के लिए आसान नहीं होगा। रिपोर्ट बताती है कि विश्व के लगभग आधे बच्चे ऐसे माहौल में रहेंगे जहाँ शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएँ हमेशा खतरे में रहेंगी। यह संकट केवल अस्थायी नहीं है—यह जलवायु आपदाओं, युद्धों और आर्थिक अस्थिरता जैसे दीर्घकालिक संकटों से जुड़ा है।

युद्धग्रस्त क्षेत्रों में बच्चों की बढ़ती परेशानी

दुनियाभर में 473 मिलियन बच्चे ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ सशस्त्र संघर्ष जारी हैं। यह संख्या 1990 के दशक की तुलना में लगभग दोगुनी है। इन क्षेत्रों में बच्चे घर, परिवार और स्कूलों से कट जाते हैं। उन्हें भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच नहीं मिलती, जिससे मानसिक और शारीरिक विकास बुरी तरह प्रभावित होता है।

कर्ज में डूबे देश और बाल कल्याण पर असर

करीब 400 मिलियन बच्चे उन देशों में रहते हैं जहाँ सरकारी खर्च का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में चला जाता है। खासकर अफ्रीका के कई देशों में शिक्षा और स्वास्थ्य बजट घटा है। जब बच्चों की बुनियादी जरूरतें ही पूरी नहीं होतीं, तो गरीबी का चक्र टूटता नहीं—बल्कि गहराता है।

जलवायु परिवर्तन: बच्चों के लिए अदृश्य खतरा

जब बाढ़, सूखा या तूफान आते हैं, तो सबसे पहले बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सेवाएँ बाधित होती हैं। फिर भी, विश्व जलवायु वित्त का केवल 2.4% ही बच्चों पर केंद्रित है। यूनिसेफ का मानना है कि जब तक हम बच्चों के लिए विशेष जलवायु कार्यक्रम नहीं बनाते, तब तक उनकी सुरक्षा अधूरी है।

डिजिटल दुनिया से कटे हुए भविष्य

आज की पढ़ाई, नौकरियाँ और संवाद सब डिजिटल माध्यमों से जुड़े हैं। लेकिन अफ्रीका में केवल 53% युवा इंटरनेट से जुड़ पाते हैं। लड़कियाँ और विकलांग बच्चे इस विभाजन से और अधिक प्रभावित होते हैं। बिना डिजिटल पहुँच के, बच्चे न तो आधुनिक शिक्षा पा सकते हैं और न ही वैश्विक अवसरों से जुड़ सकते हैं।

समाधान क्या है? – मजबूत बाल-उत्तरदायी प्रणाली

रिपोर्ट कहती है कि अब व्यवस्था बदलने का समय है। सरकारों को ऐसी प्रणाली बनानी चाहिए जो संकटों में भी बच्चों की रक्षा करे—चाहे वे किसी भी जाति, क्षेत्र या वर्ग से हों। यह तभी होगा जब प्रशासन मजबूत, नीतियाँ समावेशी और वित्त पर्याप्त हों।

STATIC GK SNAPSHOT FOR COMPETITIVE EXAMS

विषय तथ्य
संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में बच्चे 473 मिलियन (विश्व के 19%)
कर्ज-ग्रस्त देशों में बच्चे लगभग 400 मिलियन
जलवायु वित्त बच्चों के लिए केवल 2.4% वैश्विक जलवायु फंड
अफ्रीका में डिजिटल पहुँच केवल 53% युवा ही इंटरनेट से जुड़े हैं
यूनिसेफ की सिफारिश एकीकृत, लचीली, बाल-उत्तरदायी प्रणाली बनाना

 

निष्कर्ष: यूनिसेफ की यह रिपोर्ट सिर्फ आँकड़े नहीं दिखाती—यह एक वैश्विक अपील है। अगर आज कदम नहीं उठाए गए, तो हम अपने भविष्य की सबसे कमजोर पीढ़ी को पीछे छोड़ देंगे। परीक्षार्थियों के लिए यह एक अहम करंट अफेयर्स टॉपिक है—जो न केवल जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि नीति निर्माण के स्तर पर सोचने की प्रेरणा भी देता है।

 

Prospects for Children in 2025: Addressing Global Crises and Building Resilient Futures
  1. UNICEF रिपोर्ट 2025 चेतावनी देती है कि दुनिया के लगभग आधे बच्चे शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के निरंतर खतरे में हैं।
  2. 473 मिलियन बच्चे (विश्व का 19%) संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, जो 1990 के दशक से दोगुनी संख्या है।
  3. युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में बच्चे विस्थापन, आघात, भूख और बुनियादी सेवाओं के अभाव से जूझते हैं।
  4. लगभग 400 मिलियन बच्चे कर्ज़ से दबे देशों में रहते हैं, विशेषकर अफ्रीका में।
  5. कई सरकारें शिक्षा की तुलना में ऋण चुकाने पर अधिक खर्च करती हैं, जिससे बाल कल्याण प्रणाली कमजोर होती है।
  6. वैश्विक जलवायु वित्त का केवल4% ही बच्चों पर केंद्रित कार्यक्रमों को मिलता है।
  7. बाढ़, सूखा और सेवाओं में व्यवधान के ज़रिये जलवायु परिवर्तन बच्चों के लिए खतरा बन गया है।
  8. UNICEF ने बच्चों की पुनर्बहाली और लचीलापन को बढ़ाने के लिए अधिक निवेश की अपील की है।
  9. अफ्रीका में केवल 53% युवाओं को ही इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है—जो डिजिटल अंतर को गहराता है।
  10. लड़कियाँ और दिव्यांग बच्चे इस डिजिटल अंतर से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, जिससे उनके भविष्य के अवसर सीमित होते हैं।
  11. ऑनलाइन पहुँच के अभाव में शिक्षा और डिजिटल कौशल प्रशिक्षण में बाधाएँ आती हैं।
  12. रिपोर्ट में सरकारों से लचीली और समावेशी बालउत्तरदायी प्रणाली तैयार करने की सिफारिश की गई है।
  13. संवेदनशील समय में बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रणालीगत सुधार ही स्थायी रास्ता है।
  14. UNICEF ने मजबूत शासन और बाल कल्याण अवसंरचना के लिए पर्याप्त वित्तपोषण की मांग की है।
  15. यह रिपोर्ट जलवायु, संघर्ष और आर्थिक झटकों को बच्चों के विकास पर तिहरे खतरे के रूप में प्रस्तुत करती है।
  16. संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को बिना एकीकृत नीति के पीछे छोड़ा जा सकता है।
  17. संघर्ष क्षेत्रों में अक्सर स्कूल और अस्पताल जैसे बुनियादी ढांचे काम नहीं करते, जिससे परिणाम और बिगड़ते हैं।
  18. बच्चों की सेवाओं में कमी से आर्थिक असमानता और बढ़ जाती है।
  19. UNICEF की 2025 रिपोर्ट सरकारों और वैश्विक संस्थाओं के लिए एक कार्रवाई का आह्वान है।
  20. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह रिपोर्ट बाल अधिकारों और वैश्विक संकटों के तहत अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

Q1. वर्ष 2025 तक दुनिया के कितने प्रतिशत बच्चों के समझौता किए गए (compromised) पर्यावरण में रहने की संभावना है?


Q2. यूनिसेफ के अनुसार वर्तमान में कितने बच्चे संघर्ष-प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं?


Q3. 473 मिलियन बच्चे वैश्विक बाल जनसंख्या का कितना प्रतिशत दर्शाते हैं?


Q4. कितने बच्चे ऐसे देशों में रहते हैं जो राष्ट्रीय ऋण के बोझ से ग्रस्त हैं?


Q5. कुछ अफ्रीकी देशों में शिक्षा पर खर्च से अधिक क्या खर्च होता है?


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