अक्टूबर 16, 2025 2:41 पूर्वाह्न

हिमालयी जलवायु जोखिम 2025

चालू घटनाएँ: हिमालयी क्षेत्र, ग्लेशियल झील फटना, अचानक आई बाढ़, भूस्खलन, हिमस्खलन, बादल फटना, सिक्किम बांध आपदा, 15वां वित्त आयोग, आपदा लचीलापन, G-20 आपदा एजेंडा

Himalayan Climate Risks 2025

बढ़ते हिमालयी आपदा संकट

भारतीय हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियल झील फटना, फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और हिमस्खलन जैसी आपदाओं में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। जो घटनाएँ पहले दुर्लभ थीं, वे अब सामान्य हो चुकी हैं और इससे पहाड़ी पारिस्थितिक तंत्र अस्थिर हो रहा है। इसका असर लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तक फैला है और नेपाल भूटान को भी प्रभावित करता है। यह आपदाएँ बुनियादी ढाँचे, आजीविका और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन रही हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: हिमालय दुनिया के सबसे कम उम्र के फोल्ड पर्वत हैं, जो लगभग 5 करोड़ वर्ष पहले भारतीय और यूरेशियन प्लेटों की टक्कर से बने।

हाल की जलवायु घटनाएँ

  • फरवरी 2021 (चमोली, उत्तराखंड): ग्लेशियर टूटने से हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट नष्ट।
  • अक्टूबर 2023 (सिक्किम): साउथ लोनार्क झील फटने से चुंगथांग बांध क्षतिग्रस्त।
  • अगस्त 2025 (हरसिल): फ्लैश फ्लड से महत्त्वपूर्ण मार्ग बाधित।

ये घटनाएँ भूस्खलन और समुदायों के अलगथलग पड़ने का कारण बनती हैं।

क्षेत्रीय भेद्यता

  • लद्दाख: ग्लेशियर पिघलना और पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना।
  • जम्मूकश्मीर: रक्षा राजमार्गों पर लगातार भूस्खलन।
  • हिमाचल उत्तराखंड: अनियमित वर्षा और पर्यटन का दबाव।
  • सिक्किम नेपाल: सीमापार झील फटना।
  • अरुणाचल भूटान: अचानक नदी बाढ़ और चेतावनी प्रणालियों की कमी।

स्थैतिक जीके तथ्य: हिमालय भारत के 5 राज्यों में फैला है – जम्मू-कश्मीर (लद्दाख सहित), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश।

विकास और सुरक्षा जोखिम

हाईवे, सुरंग और बांध जैसे कई प्रोजेक्ट भूवैज्ञानिक खतरों को नज़रअंदाज़ करते हैं। हिमालय की भूकंपीय और नाज़ुक प्रकृति इन्हें आपदाओं के लिए संवेदनशील बनाती है। रक्षा बलों के लिए बाढ़ और भूस्खलन आपूर्ति मार्ग और चौकियों को काट सकते हैं। सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत नागरिक और रक्षा – दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण है।

नीति और लचीलापन

15वें वित्त आयोग (2021–26) ने ₹1.6 लाख करोड़ जलवायु लचीलापन के लिए आवंटित किए। इसमें हैज़र्ड मैपिंग, अर्ली वार्निंग सिस्टम और आपदारोधी इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। सिक्किम और उत्तराखंड में कार्यान्वयन शुरू हो चुका है।
16वें वित्त आयोग (2026–31) से अपेक्षा है कि वह धन आवंटन को लचीलापन परिणामों से जोड़ेगा।
स्थैतिक जीके टिप: भारत का पहला वित्त आयोग 1951 में अनुच्छेद 280 के तहत गठित हुआ।

स्थानीय शासन और नवाचार

पहाड़ी क्षेत्रों की स्थानीय संस्थाओं को मज़बूत बनाने की योजना है। इसमें ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, आपदा बीमा योजनाएँ और क्लाइमेट बजटिंग जैसी पहल शामिल हैं। इससे पर्वतीय समुदायों को आपदाओं से निपटने की क्षमता मिलेगी।

वैश्विक सहयोग

भारत की G-20 अध्यक्षता (2023) में आपदा लचीलापन को वैश्विक प्राथमिकता दी गई। इसके बाद वित्तीय उपकरण, बीमा पूल और सीमापार डेटा साझाकरण को बढ़ावा मिला। भारत–नेपाल–भूटान के बीच संयुक्त अभ्यास और साझा चेतावनी नेटवर्क को अहम माना जा रहा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: G-20 की स्थापना 1999 में हुई और भारत ने पहली बार 2023 में अध्यक्षता की।

विकास और पारिस्थितिकी का संतुलन

सतत हिमालयी विकास के लिए जलवायु जोखिम, सीमा सुरक्षा और पारिस्थितिकी का संतुलन आवश्यक है। इसके लिए इकोटूरिज्म, नवीकरणीय ऊर्जा और स्थानीय क्षमता निर्माण ज़रूरी है।
इंफ्रास्ट्रक्चर योजना में हैज़र्ड असेसमेंट को शामिल करना चाहिए ताकि जैव विविधता, सांस्कृतिक धरोहर और जल सुरक्षा की रक्षा हो सके।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
चमोली आपदा 2021 ग्लेशियर टूटने से हाइड्रो प्रोजेक्ट नष्ट
सिक्किम बांध फटना 2023 साउथ लोनार्क झील फटने से चुंगथांग बांध क्षतिग्रस्त
फ्लैश फ्लड 2025 हरसिल में बाढ़ से महत्त्वपूर्ण मार्ग बाधित
प्रभावित राज्य लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल
सीमापार प्रभाव नेपाल और भूटान झील फटने से प्रभावित
वित्त आयोग 15वें वित्त आयोग ने ₹1.6 लाख करोड़ दिए
नीति परिवर्तन 16वें वित्त आयोग से लचीलापन-आधारित फंडिंग अपेक्षित
रक्षा जोखिम भूस्खलन और बाढ़ से सीमा चौकियों की आपूर्ति बाधित
G-20 प्राथमिकता 2023 आपदा लचीलापन को वैश्विक एजेंडा में शामिल किया गया
सतत उपाय इको-टूरिज्म, नवीकरणीय ऊर्जा, क्लाइमेट बजटिंग
Himalayan Climate Risks 2025
  1. हिमालय में हिमनद झीलों के फटने, अचानक बाढ़, भूस्खलन और हिमस्खलन की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
  2. प्रमुख आपदाएँ: चमोली (2021), सिक्किम बांध का फटना (2023), हर्षिल बाढ़ (2025)।
  3. लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, साथ ही नेपाल और भूटान को प्रभावित करता है।
  4. हिमालय = सबसे युवा वलित पर्वत (~50 मिलियन वर्ष)।
  5. लद्दाख: हिमनदों का पीछे हटना, पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना।
  6. जम्मू और कश्मीर: रक्षा राजमार्गों पर भूस्खलन।
  7. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड: अनियमित वर्षा, पर्यटन का दबाव।
  8. सिक्किम और नेपाल: सीमा पार हिमनद बाढ़।
  9. भूटान और अरुणाचल प्रदेश: नदी बाढ़, कमज़ोर चेतावनी प्रणालियाँ।
  10. आपदाएँ बुनियादी ढाँचे, सुरक्षा और आजीविका के लिए खतरा हैं।
  11. 15वें वित्त आयोग (2021-26) ने ₹1.6 लाख करोड़ शमन निधि आवंटित की।
  12. 16वें वित्त आयोग (2026-31) ने निधियों को लचीलेपन के परिणामों से जोड़ा।
  13. भूस्खलन के कारण सशस्त्र बलों को सीमा आपूर्ति में कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
  14. पहला वित्त आयोग 1951 में गठित हुआ (अनुच्छेद 280)।
  15. समाधान: खतरों का मानचित्रण, पूर्व चेतावनी, आपदा-रोधी अवसंरचना।
  16. स्थानीय शासन को बढ़ावा: जलवायु बजट, हरित अवसंरचना, बीमा।
  17. भारत की G-20 अध्यक्षता (2023) ने आपदा लचीलेपन को प्राथमिकता दी।
  18. भारत, नेपाल, भूटान के साथ सीमा पार अभ्यास महत्वपूर्ण।
  19. सतत मॉडल: पारिस्थितिक पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव विविधता संरक्षण।
  20. हिमालय की सुरक्षा = भारत के लिए रणनीतिक + पारिस्थितिक सुरक्षा।

Q1. 2021 में चमोली में किस प्राकृतिक आपदा ने एक जलविद्युत परियोजना को नष्ट कर दिया?


Q2. 2023 में सिक्किम की किस झील के फटने से चुंगथांग बाँध को नुकसान हुआ?


Q3. 15वें वित्त आयोग ने जलवायु सहनशीलता के लिए कितनी राशि आवंटित की?


Q4. भारत के कौन से राज्य सीधे हिमालय क्षेत्र का हिस्सा हैं?


Q5. भारत ने किस वर्ष आपदा सहनशीलता पर ध्यान केंद्रित करते हुए G-20 की अध्यक्षता की?


Your Score: 0

Current Affairs PDF August 19

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.